
कृषि विकास अधिकारी पर अन्य कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप
गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर-भैयाथान विकासखंड में हाल ही में पदोन्नत कृषि विकास अधिकारी द्वारा पूर्व में पदस्थ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जो कि आदिवासी चेरवा समाज से आते थे उन्हें कूट रचित ढंग से नियम विरुद्ध तरीके से हटवा कर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का प्रभार सोनवानी के द्वारा ले लिया गया है सोनवानी का व्यवहार आदिवासियों के प्रति काफी घृणित व अपमानित करने वाला रहता है !
कर्मचारियों ने सोनवानी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार उन्हें आदिवासी अधिकारियों के प्रति गाली गलौज भी करते सुना गया है सोनवानी की राजनीतिक पकड़ होने के कारण कभी अपनी पदस्थापना कोरबा जिले में कभी सूरजपुर जिले में व मनचाहा कार्यक्षेत्र हासिल करने में समर्थ है ।बहरहाल भैयाथान के संपूर्ण कृषि विस्तार अधिकारी एक सुर में इनके साथ कार्य नहीं करने हेतु हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंप चुके हैं। साथ ही सभी कर्मचारियों ने ज्ञापन में यह भी उल्लेखित किया है कि इन्हें नहीं हटाए जाने की स्थिति में कर्मचारी भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगे
उपेक्षा का शिकार हो रहा है कृषि विभाग भैयाथान
हर बार खरीफ मौसम में बाहर की कंपनियां आकर संकर धान बीज स्थानीय बीज विक्रेता के माध्यम से किसानों को बेची जाती है किसान अपने खून पसीने की कमाई से बीज खरीदता है परंतु कभी-कभी वह ठगी का शिकार भी हो जाता है किसानों के इस दर्द को समझते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने विकासखंड भैयाथान में तीन बीज खाद्य निरीक्षक कृषि विकास अधिकारी नियुक्त किए थे ताकि किसान के मेहनत का पैसा ठगी का भेट ना चढ़े लेकिन शासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए भैयाथान से 2 निरीक्षकों को अन्यत्र संलग्न कर दिया गया उसके पूर्व ही श्री सोनवानी को पूरे विकासखंड में जांच के लिए आदेशित करने की भी कृपा कर दी गई।
संसदीय सचिव का है ब्लॉक मुख्यालय
2 2 निरीक्षकों को भैयाथान से अन्यत्र हटाने का निर्णय तब लिया गया जबकि यह छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव का ब्लॉक मुख्यालय है और इतना ही नहीं बत्रा जो कि विधायक ग्राम है वहां के निरीक्षक को भी अन्यत्र हटा दिया गया है! गौरतलब है कि संसदीय सचिव की नाराजगी की चिंता भी विभाग के अधिकारियों को नहीं होती है।
आदिवासी कर्मचारी को मारने उठ पड़े अधिकारी
सोनवानी द्वारा साप्ताहिक बैठक में एक आदिवासी कर्मचारी को बिना किसी कारण उसके साथ तू तड़ाक करना व मारने के लिए अपनी कुर्सी से उठ गए थे समय रहते वहां उपस्थित अन्य कर्मचारियों द्वारा कुछ अप्रिय घटना को होने से बचा लिया गया गौरतलब है कि श्री सोनवानी के प्रभार लेते ही कृषि विस्तार अधिकारियों का अन्यत्र विकासखंड में पदस्थापना हेतु आवेदन आने की होड़ सी लग गई है।
छत्तीसगढ़ आदिवासी जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान
राज्य के कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त आदिवासी आयोग के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लिया है व कठोर से कठोर कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया गया है।
कृषि विभाग के कर्मचारी का क्या है कथन *
कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी राम गोपाल राम व अन्य कुछ कर्मचारी ने बताया कि श्री सोनवानी हमारे साथ 20 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं अपने कार्यकाल में कोई भी कार्य समय पर नहीं किया जाना और आदिवासी व अधिकारियों को हमेशा अपमानित करना इनकी प्रवृत्ति है जो कि अब पदोन्नति के पश्चात चरम पर है ।सोनवानी आ. जा .आ .जा. जा .के समूह में किसी भी तरह पद प्राप्त कर लेते हैं और उनका यह सोच रहता है कि इन पदों पर रहकर वे आदिवासियों को अपमानित व शोषण का कार्य करते रहेंगे।
जिला कार्यालय भी है मेहरबान
सोनवानी का जिला कार्यालय में एक कर्मचारी से सेटिंग कर तीन क्षेत्रों के निरीक्षक का आदेश प्राप्त कर लिया गया है जिला कार्यालय में शासन के स्थानांतरण आदेश के बाद भी कर्मचारी मलाईदार शाखाओं में काबिज है इतना ही नहीं कार्यालय संयुक्त भवन में नहीं होने के कारण कर्मचारी भी अपने समय से कार्यालय आना-जाना करते हैं हद तो तब हुई जब यह पता चला कि एक कर्मचारी को कलेक्टर सूरजपुर अगर कार्यालय निरीक्षण के लिए आते हैं तो उस कर्मचारी को पूर्व में ही सूचना प्राप्त हो जाती है कि आज कलेक्टर कृषि विभाग जिला कार्यालय का निरीक्षण करने आ रहे हैं खैर देखना होगा कि इन मामलों में कितना सुधार होता है या यह भी मामला रफा-दफा कर दिया जावेगा












