
संध की दो मांगें क्रमशः मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ने जनहित में मानी अब अनुभवी स्वास्थकर्मियों को संविदा नियुक्ति वा 18 वर्ष के युवकों का भी टीकाकरण होगा
(जनकल्याण की दिशा में समसामयिक निर्णय- कर्मचारी संध ने स्वागतेय कहां)
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध ने विगत् दिनों राज्य में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे नागरिकों के हितार्थ व स्वास्थ अमले की कमी को दृष्टिगत् रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से स्वास्थ विभाग में सीधी भर्ती में समय लगने व चिड़िया चुभ गई खेत के बाद नियुक्तियांे का कोई औचित्य न होने के कारण गतवर्ष सेवानिवृत्त हुए टाप टू बाटम स्वास्थ कर्मचारियों को उनकी सहमति से एक वर्ष की संविदा नियुक्ति प्रदान करने तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से 45 वर्ष के कम उम्र के युवाओं को भी कोरोना टीकाकरण में शामिल करने की मांग की थीं। यह दोनों मांग पूरा होने से कर्मचारी संध ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के जनहितैषी निर्णय को स्वागत योग्य कदम निरूपित किया है।
संध के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया प्रदेश में कोरोना संक्रमण व मृत्यु अंतिम संस्कार के भयावह स्थिति व युवाओं के निधन होने पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ विभाग में अमले की कमी से अनेक समस्याएं उत्पन्न होने की ओर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया था। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से 20 से 50 वर्ष उम्र के नागरिकों व शासकीय सेवकों के निधन को टीकाकरण न होना भी एक कारण बताते हुए तत्काल 45 वर्ष से कम उम्र के नागरिकों को भी टीकाकरण कराये की मांग की थी। प्रधानमंत्री ने कल ही 01 मई मजदूर दिवस के पुण्य अवसर से ही 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को टीकाकरण का लाभ दिये जाने की धोषणा की है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना से संघर्ष करने के लिए स्टाफ की कमी में विशेषकर लाॅकडाउन में पर्याप्त स्वास्थ सुविाधा उपलब्ध न हो पाने व रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के निर्णय से आरोप प्रत्यारोप व न्यायिक उलझनों से बचने के लिए पिछले एक वर्ष में सेवा निवृत्त हुए स्वास्थ कर्मचारियों को उनकी सहमति से एक वर्ष के लिए संविदा नियुक्ति प्रदान कर देने से 4-5 दिनों में ही हजारों स्वास्थ कर्मचारियों की उपलब्धता का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री ने संध के इस भागीरथी प्रयास को स्वीकार करते हुए संविदा नियुक्ति का मार्गप्रशस्त कर दिया है। इन दोनों मांगों के जनहित में पूर्ण होने पर संध के कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रविराज पिल्ले, प्रांतीय संयोजक विमल चंद्र कुण्डू, प्रांतीय सचिव नरेश वाढ़ेर, सी.एल.दुबे, सरगुजा जिला अध्यक्ष आनंद सिंह यादव, प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी संध प्रांताध्यक्ष बजरंग मिश्रा, स्वास्थ संयोेजक संध प्रांताध्यक्ष टार्जन गुप्ता प्रांतीय सचिव आलोक जाधव, जवाहर यादव, सतीश कश्यप, आदि ने साधुवाद ज्ञापित करते हुए छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा विच्छिन्नता अधिनियम 1979 को शिथिल किए जाने की मांग की है।
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