
छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी सफलता, बीजापुर और कांकेर में 22 नक्सली ढेर
छत्तीसगढ़ में दो बड़ी मुठभेड़ों में 22 नक्सली ढेर, बीजापुर में 18 और कांकेर में 4 मारे गए
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाते हुए दो अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 22 नक्सलियों को मार गिराया। बीजापुर जिले में हुए ऑपरेशन में 18 नक्सली ढेर हुए, जबकि कांकेर जिले में 4 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। यह ऑपरेशन सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे नक्सली संगठनों की ताकत को करारा झटका लगा है।
इन मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और नक्सली दस्तावेज भी बरामद किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि नक्सल विरोधी अभियान को और तेज किया जाएगा, जिससे इन इलाकों में शांति और विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके।
बीजापुर में 18 नक्सली मारे गए, सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी
बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में 18 नक्सली मारे गए।
सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि गंगालूर इलाके के जंगलों में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। वे किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे। इस सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी की और सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जंगल में सुरक्षाबलों की मौजूदगी का अहसास होते ही नक्सलियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग की और मुठभेड़ शुरू हो गई। घंटों चली इस मुठभेड़ में 18 नक्सली मारे गए।
मुठभेड़ के बाद जब इलाके की तलाशी ली गई, तो भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और नक्सल साहित्य बरामद किया गया। इनमें एके-47 राइफल, इंसास राइफल, 303 राइफल, बड़ी मात्रा में गोलियां और अन्य सामान शामिल हैं।
सुरक्षा बलों ने कहा कि यह ऑपरेशन बेहद सफल रहा है और इससे नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। बीजापुर जिला नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है और इस ऑपरेशन से नक्सलियों की कमर टूट सकती है।
कांकेर जिले में 4 नक्सली ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी
बीजापुर के अलावा कांकेर जिले में भी सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली। यहां कोयलीबेड़ा इलाके में 4 नक्सलियों को मार गिराया गया।
सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि कांकेर जिले के जंगलों में नक्सली छिपे हुए हैं। इस जानकारी के आधार पर सीआरपीएफ, डीआरजी और एसटीएफ की एक टीम को वहां भेजा गया।
जैसे ही सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में जवानों ने भी जवाबी गोलीबारी की। मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर हो गए।
कांकेर जिले के जंगलों में अभी भी सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी है, क्योंकि आशंका है कि कुछ घायल नक्सली जंगल में छिपे हो सकते हैं। सुरक्षाबल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी नक्सली बचकर भाग न सके।
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों में नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आई है। सरकार और सुरक्षा बल नक्सल प्रभावित इलाकों को पूरी तरह से मुक्त करने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं।
इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशन: खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे नक्सलियों की साजिशों को पहले ही नाकाम किया जा सके।
सघन गश्त और निगरानी: नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्थानीय सहयोग और विकास कार्य: ग्रामीणों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिससे नक्सलियों का आधार कमजोर हो रहा है।
नक्सलियों पर दबाव बढ़ा
हाल ही में नक्सली संगठनों पर दबाव बढ़ा है और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। सुरक्षा बलों की रणनीति के कारण नक्सलवाद कमजोर पड़ रहा है और आने वाले दिनों में और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षाबलों की रणनीति कारगर साबित हो रही है।
नक्सलियों की भर्ती में गिरावट आई है।
स्थानीय ग्रामीणों का भरोसा सरकार और सुरक्षाबलों पर बढ़ा है।
सुरक्षा बलों की आधुनिक तकनीक और खुफिया जानकारी के उपयोग से ऑपरेशन सफल हो रहे हैं।
राज्य सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को बढ़ाया जाएगा, जिससे लोगों को रोजगार और बेहतर जीवन स्तर मिल सके।
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से नक्सलवाद को कमजोर करने में मदद मिलेगी। बीजापुर और कांकेर की मुठभेड़ के बाद भी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी घायल नक्सली भाग न सके।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा, जिससे इन इलाकों को पूरी तरह से नक्सल मुक्त किया जा सके।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को मिली यह सफलता राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों की प्रभावशीलता को दर्शाती है। बीजापुर में 18 और कांकेर में 4 नक्सलियों के मारे जाने से नक्सली संगठनों को बड़ा झटका लगा है। यह संकेत है कि नक्सलवाद की कमर तोड़ने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और आगे भी ऐसे अभियानों को जारी रखा जाएगा।
सरकार और सुरक्षा बलों का कहना है कि नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के लिए इस तरह के अभियान लगातार चलाए जाएंगे।