
जगन्नाथ महाप्रभु आज मौसी के घर से निकलकर अपने घर में विराज मान होंगे
जगन्नाथ महाप्रभु आज मौसी के घर से निकलकर अपने घर में विराज मान होंगे
गोपाल सिंह विद्रोही बिश्रामपुर -जानकारी के अनुसार मौसी के घर पर नव दिवस के विश्राम पश्चात आज जगन्नाथ महाप्रभु अपनी बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के साथ रथ मे विराज होकर अपने मंदिर के लिए निकलेंगे, जिसे पारंपरिक तौर पर बहुडा यात्रा के नाम से जाना जाता है।
उल्लेखनीय है कि 9 दिवस पूर्व 1 जुलाई को प्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा का भव्य आयोजन उत्कल समाज बिश्रामपुर के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी संपन्न किया गया था। जिसके तहत भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा एवं भाई बलभद्र के साथ मौसी के घर को निकले थे। जहां 9दिवस विश्राम के उपरांत आज पुनः रथ पर सवार होकर आईटीआई कॉलोनी स्थित सरस्वती मंदिर से निकलकर संपूर्ण शहर में नगर भ्रमण करते हुए बस स्टैंड से अंबेडकर चौक एवं अंबेडकर चौक से पुनः वापसी करते हुए अपने मंदिर मे विराजेगे। जिसकी तैयारियां उत्कल समाज बिश्रामपुर के द्वारा पूर्ण कर ली गई है, साथ ही कल रथ यात्रा की वापसी के उपरांत समाज के द्वारा वृहद भंडारे का आयोजन जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में किया गया है। आयोजन को सफल बनाने में समाज के सदस्य दीप्ति स्वाई, अशोक सवाई, गोविंद सवाई, शितीकांत सवाई,सुरेशन सवाई, बी सी पात्रो, विशाल सवाई, सेनापति प्रधान, प्रदीप त्रिपाठी, प्रभाकर सवाई, अलंकार नायक, अतुल सवाई, सूरज सेठी, एल सी त्रिपाठी, अक्षय साहू, संतोष बेहरा आदि लोग सक्रिय रुप से लगे हुए हैं ।
रथ यात्रा वापसी के पश्चात तीन दिवस तक महाप्रभु जगन्नाथ रथ में रहेंगे विराजमान
गौरतलब है कि महाप्रभु जगन्नाथ जी की रथ यात्रा वापसी के दिवस दसवीं का पक्ष लग चुका होगा, जिस वजह से महाप्रभु जगन्नाथ आगामी तीन दिवस तक रथ में विराजमान रहेंगे। एकादशी रविवार को संध्या 7 बजे परंपराओं के अनुसार स्वर्ण वेश का धारण कर प्रभु भक्तों को दर्शन देंगे, द्वादशी को रीति रिवाज के अनुसार मीठे शरबत का भोग प्रभु को अर्पण किया जाएगा। तत्पश्चात त्रयोदशी को भगवान जगन्नाथ जी का मंदिर पुरोहित पंडित सुशांत मिश्र के द्वारा विधि विधान से अनुष्ठान करते हुए भगवान जगन्नाथ को मंदिर में विराजमान करवाया जाएगा, जिसे नीलाद्र विजय के नाम से जाना जाता है।