
ग्राम परसा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय विश्व देशज दिवस………
ग्राम परसा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय विश्व देशज दिवस…………..
देवेश बेहेरा/संवाददाता/अम्बिकापुर// ग्राम परसा ने सभी जनजातीय समाज के लोगों ने संयुक्त रूप से एकता का मिशाल कायम करते हुए 9 अगस्त 2022 को सामुहिक रूप से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विश्व अंतरराष्ट्रीय देशज दिवस मनाया। सर्वविदित है संपूर्ण विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ के दिशा निर्देशों के आधार पर प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को ‘इंटरनेशनल डे आफ द वर्ल्ड इंडीजीनस पीपल्स’ मनाया जाता है। इसी को ध्यान में रखकर सभी जनजातीय समाज ने संयुक्त रूप से एकता का मिशाल देते हुए ग्राम परसा में विश्व अंतरराष्ट्रीय देशज दिवस के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ पारंपरिक तरीके से मनाया । इस अवसर पर हजारों की संख्या में इंडीजीनस समाज (गोंड, कंवर, उंराव, चेरवा, रजवार, पैंकरा ,पनिका, लोहार, कुम्हार, बरगाह, घसिया, चमार, कोरवा अर्थात सभी ST,SC,OBC सभी समाज के लोग एकत्र हुए। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरूआत परसापेन ठाना ,महादेवठाना, में प्रकृति ध्वज के नीचे सामूहिक गोंगो (पूजा) किया गया। उसके पश्चात वीरांगना रानी दुर्गावती चौक में प्रकृति ध्वज फहराया गया। ग्राम परसा के सांस्कृतिक दल अपने पुरखौती पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ नाचते झुमते हुए इस रैली का शुभारंभ किया ।
रैली ग्राम परसा से निकली और मेन रोड पहुंची जहां ग्राम परसा के इंडिजीनियस यूथ अपने अपने बाइक में सतरंगी ध्वज लेकर तथा पारंपरिक परिधान में स्वागत करते हुए रैली का आगाज वीर गुंडाधूर अमर रहे, विरसा मुंडा अमर रहे। वीरांगना रानी दुर्गावती अमर रहे नारों से किया। यह युवा काफिला आगे बढ़ा जिसका नेतृत्व ग्राम परसा के सरपंच मनोज सिंह पोया व उनकी टीम ने संभाल रखा था। यह देशज सामूहिक रैली ग्राम परसा से आगे बढ़ी और हंसुली चौक , भफौली सोशायटी भवन पहुंची जंहा गांव के लोग रैली में शामिल हुए। डीजे में गोंडवाना गीत , रेलापाटा के धुन में पारंपरिक नृत्य युवाओं में जोश भर रहा था। यहां से रैली का काफिला भिट्ठीखुर्द ,ककना, सिधमा, पहुंची, सिधमा से बकनाखुर्द , कंचनपुर, घंघरी, चिखलाडीह, नर्मदापारा ,सकालो और सरगंवा पहुंची । जहां तिरूमाल उपेंद्र सिंह ओरकेरा द्वारा सरगंवा में चाय नाश्ता और खिचड़ी का व्यवस्तथा किया गया था । नाश्ते के पश्चात काफिला आगे निकली। सरगंवा से रैली निकली और प्रकृति शक्ति ने स्वागत में जोरदार बारिश की बूंदो से रैली में चार चांद लगा दिया। युवा जोश देखते बन रहा था । जितनी बारिश उतना उत्साहl रैली शंकरघाट पहुंची । वहां पर जोरदार सामूहिक नृत्य व नारों के जयघोष से युवाओं ने शमां बांध दिया फिर युवा काफिला आगे बढ़ा और सोनपुर कला, असोला, रजपुरीखुर्द , देवगढ़ , भकुरा , नवापारा , होते हुए ग्राम परसा पहुंची जहां सभी ने फूल मालाओं से रैली काफिला का स्वागत किया गया। रैली में सम्मिलित सभी सगा भाइयों के भोजन की व्यवस्था पहले से कर दी गई थी। सभी ने भोजन किया। एक ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम आरंभ हुआ साथ ही उद्बोधन , प्रबोधन का कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम में जहां जहां से रैली गुजरी वहां के सभी सरपंच ,उप सरपंच और समाज प्रमुखों को विशेष अतिथि के रूप में शामिल किया गया था। इस उद्बोधन, कार्यक्रम में तिरूमाल विसंबर सिंह मराबी भिट्ठीखुर्द , नेतराम पैंकरा, विवेक पैंकरा,सरपंच भफौली, पंचम राम टेकाम उप सरपंच भिट्ठीखुर्द , सुखराम सारथी , भिट्ठीखुर्द , कुंवर साय पैंकरा जग्गू सिंह, इत्यादि वरिष्ठ लोग उपस्थित थे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रमुख रूप से तिरूमाल उपेंद्र ओरकेरा, तिरूमाल धीरेंद्र सिंह पोया, अवध नारायण सिह टेकाम (भूतपूर्व सरपंच परसा ), एवं मातृशक्तियों में तिरूमाय कुसुम सिह पोया , डॉ. भुजमनिया आयाम , रायताड़ सुनीता सिंह पोया , शामिल रहीं। इस अंतर्राष्ट्रीय विश्व देशज दिवस की अध्यक्षता ग्राम परसा के सरपंच मनोज सिंह पोया ने की। कार्यक्रम के उद्घोषक , एवं मंच संचालन इंडिजीनियस कोर कमेटी के मुखिया डॉ. हेमंत सिंह मराबी कर रहे थे उनके साथ सहभागी जगदेव पावलेथे। इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में वरिष्ठ समाज सेवी कोया पुनेम के प्रचारक , गायक , के साथ साथ अभिनेता , रंगकर्मी, के रूप में चर्चित रहे बुद्धम श्याम रहे जो वर्तमान में कोया पुनेम गोंडवाना महासभा राष्ट्रीय संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता है। ये समाज सुधारक के रूप में परसा में कोया पुनेम को लेकर मूलवासियो के बीच जा जाकर समय समय पर जनजागृति का काम करते रहते हैं। उन्होने समाज को अपने उद्बोधन में कहा जिस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) हम इंडीजीनस लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने की वकालत करता है उसी तरह हम सभी मूलवासियों को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमारे भारत का संविधान एवं संयुक्त राष्ट्र संघ कहता है कि जब तक हम अपने मौलिकता को अर्थात अपने गौरवशाली इतिहास को नही जानेंगे , अपनी परम्पराओं को पुनेम को ,रूढ़ी को नहीं समझेंगे , तब तक हमें मूलवासी इंडिजीनियस कहलाने का हक नहीं। इसलिए हमे अपने मोलिकता, एवं संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिये। और आप जागरूक कब होंगे जब आप अपने आपको जानेंगे ,आप कौन हैं? आपकी सभ्यता क्या है? आप जानेंगे तभी मानेंगे ।
आपको ये जानना होगा कि हम इंडिजीनियस पीपुल्स क्यों हैं? जो समाज अपना इतिहास नहीं जानता वह कौम अपने आने वाली पीढ़ी की लाश ढोयेगा। इसलिए समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है। साथ ही आपने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि हम कौन हैं? हम कोयतूर हैं अर्थात श्रमवीर , धरतीपुत्र , धरती दाई के मूल वंश , जो इसी धरती दाई की हजारों वर्षों से सेवा कर रहे हैं हम कोई विदेशी आक्रांताओं की तरह कहीं बाहर से नहीं आये । बल्कि इसी धरा के मूल बीज है। यहीं के नत्तूर याने असली खून वारिस हैं। इसलिए हम इंडिजीनस है। और हम निसर्ग को मानने वाले शांतिप्रिय एवं भोले लोग है। किंतु विदेशी आक्रांताओं ने उपनिवेशीकरण की प्रक्रिया के बाद अपने ही देश में हाशिए पर है। आज हमें एकजुट होना होगा। आज परसा में जो आगाज आपने किया है मैं आशा करता हूं कि इसे आप सभी अंजाम तक आप अवश्य पहुंचाएंगे । पहले आप सभी संगठित हों। एक विचारधारा से एक हों। आज हमे अपनी मौलिक पहचान, संस्कृति, भाषा , रीति रिवाज ,परंपराएं, को सहेजने की आवश्यकता है। आपने मातृशक्तियो को भी आगे आने को कहा – आप सभी मातृशक्तियो के सम्मान में आपने कहा कि मातृशक्तियां जागेंगी तो सारी विपदा भागेंगी। इसलिए मातृशक्तियां आप समाज का गौरव हो। हमारा इंडिजीनियस समाज मातृशक्तियो को सम्मान देता है । सहभागिता का ,सह अस्तित्व का । आपने ही हमे राह दिखाया है। आप ही खेरोदाई हो आप ही शीतला म़ा हो आपने हमे जीवन दिया है।मातृशक्ति के सम्मान में परसा खड़ा है मैदान मे।
आज वैश्विक परिदृश्य में हमारे समाज का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है हम अपने ही देश में हाशिए पर है इसलिए विरसा के उलगुलान की आवश्यकता है । हमें जातीय मानसिकता से ऊपर उठकर सामुदायिकता पर आधारित एकता स्थापित करनी है और हमारी अपनी कोया पुनेमिक व्यवस्था है। आप विरसा मुडा , वीर गुड़ाधूर के वंशज हो , गरीबों और वंचितों के मसीहा राबिनहुड महान टांट्या भील के बेटे हो। गढ़ मंडला के महाराजा संग्रामशाह मंडावी के अंश हो। इसलिए हम सबको जमीन के गहराई में जाकर अपने इतिहास को पुनः जीवित करने की आवश्यकता है मै आशा करता हूं आप सभी देशज समाज एक जुट होकर एक विचारधारा एक दृष्टिकोण से एक मंच पर आएंगे। मै परसा के इंडिजीनियस युवा साथियों से अपेक्षा करता हूं आप एक संगठित होगे और समाज के प्रति प्रकृति के प्रति ,गांव के प्रति , एक होंगे नेक होगे। इसी कड़ी में विशिष्ट अतिथि उपेंद्र सिंह ओरकेरा ने भी अपने उद्बोधन में एकता पर बल दिया और कहा हम सभी भाइयों को आज से अभी से अपनी संस्कृति को जीना आरंभ कर देना चाहिए। आज हमे अपने बहुमूल्य संस्कृति को सहेजने की आवश्यकता है आइए हम सब एक बने नेक बने। इस प्रकार अपनी बात रखी ।इसी कड़ी में क्रमशः सभी वक्ताओ ने अपनी बात रखी जिनमे प्रमुख रूप से धीरेंद्र सिंह पोया , अवध नारायण सिंह , नेतराम पैंकरा ,विसम्भर मराबी, कुंवर साय पैकरा, विवेक पैंकरा ,सुखराम सारथी, पंचम सिंह टेकाम शामिल थे l
इस कार्यक्रम के कोर कमेटी के प्रमुख डॉ. हेमंत सिंह मराबी ने भी अपने उद्बोधन में सभी को एकता के सूत्र मे बधने के साथ साथ आसपास गांव मे हो रहे अवैध भू माफियों के खिलाफ एवं बढ़ते यौन उत्पीड़न पर आक्रोश जताया है और संगठित होकर उलगुलान की बात कही । उन्होने सभी अतिथियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा हमे इसी तरह आप सहयोग करेंगे ताकि समाज को एकजुट किया जा सके। कार्यक्रम का समापन ग्राम परसा के युवा जाबांज सरपंच मनोज सिंह पोया ने किया और कहा कि आप सभी मेरे गांव मे आए आपने हमें कृतज्ञ कर दिया। इसके लिए आप सभी का ऋणी हूं। और हमेशा रहुंगा। आपका सहयोग एवं मार्गदर्शन हमेशा इसी तरह मिलता रहे। आपने सभी को विश्व अंतरराष्ट्रीय देशज दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा हमें जल जंगल जमीन और पर्यावरण को संरक्षण करने की आवश्यकता है।क्योंकि हम प्रकृति को मानने वाले असली निसर्ग के उपासक है। आपने सभी युवाओं का हृदय से आभार व्क्त किया और कहा – हमें इंडिजीनियस युवा काफिला तैयार करना है और अन्याय अत्याचार, शोषण के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार है इसकी रणनीति हम जल्द ही पूरा कर लेंगे । हमें जातिवाद से ऊपर उठकर सामुदायिकवाद पर ध्यान देना होगा और प्रकृति पर आधारित न्यायसंगत , तर्कसंगत समाज की नींव रखनी होगी इसलिए हम सभी एकजुट हो। सभी का हृदय से आभार कुछ कमियां को क्षमा करेंगे यह पहली बार है। इसलिए आगे आने वाले वर्षो मे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे।
इस कार्यक्रम को सफल करने में सभी युवा जाबाजों , समाजप्रमुखों , का विशेष योगदान रहा जिनमें प्रमुख रूप से गोंगो टीम में भूमका प्रमुख बीनू मराबी, देवनंदन पोया , पीलू पोया, बिक्रम पाल , अवध नारायण टेकाम जी प्रमुख थे। सांस्कृतिक प्रमुख – पीलू सिह टेकाम , बरातु रावेन पोया , कुंवर साय पैंकरा , व साथीगण भोजन व्यवस्था प्रमुख लोकनाथ, दशरथ पैंकरा , रैली व्यवस्था प्रमुख – संतोष एवं बजरंग पैंकरा बैनर प्रमुख – समपाल पैंकरा, माइक प्रबंधन संचालक – लाल साय टेकाम जगदेव पावले, पानी व्यवस्था – पप्पू मरकाम , गोपाल , टेंट -प्रभार – पंचम एवं लोकनाथ टेकाम प्रमुख रहे। एवं ग्राम के सभी का विशेष सहयोग रहा। इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य यही है कि हम मूल धारा से जुड़कर कार्य करें। साथ ही अपने कर्तव्य को समझे। हमारा मकसद इंडिजीनियस समाज को एक मंचपर लाना है। एकता स्थापित करना है। पर्यावरण जल- जंगल- जमीन की रक्षा एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के एजेंडे पर काम करते हुए । प्रकृति की रक्षा करनी है । तथा अन्याय अत्याचार, शोषण से पीड़ित समाज को संगठित करना है। आप सभी को विश्व अंतरराष्ट्रीय देशज दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।