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पोस्त भूसे में मॉर्फिन मिलने पर अपराध साबित करने के लिए किसी अन्य जांच की जरूरत नहीं : न्यायालय
पोस्त भूसे में मॉर्फिन मिलने पर अपराध साबित करने के लिए किसी अन्य जांच की जरूरत नहीं : न्यायालय
नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर/ उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर एक बार स्थापित हो जाता है कि जब्त किए गए पोस्त भूसे (खसखस) में मॉर्फिन और मेकोनिक एसिड हैं, तो स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ कानून के तहत आरोपी के अपराध को स्थापित करने के लिए किसी अन्य परीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी।.
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ विभिन्न सवालों पर गौर करते हुए यह आदेश दिया। इन सवालों में यह भी शामिल है कि क्या बरामद प्रतिबंधित मादक पदार्थों की प्रजातियों – पोस्ता भूसी आदि को विशेष रूप से निर्दिष्ट करना आवश्यक है।.