
जब संकट बड़ा हो तो संघर्ष भी बड़ा अपेक्षित होता है। यकीन मानिए संकल्प के हाथ इतने मजबूत होते हैं कि वे जीवन की संभावनाओं को पंख लगा सकते हैं। इस बात को सच साबित कर दिखाया है रायगढ़ के श्री अबरार हुसैन ने। श्री हुसैन रायगढ़ में सहयोग अकादमी चलाते हैं और बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं। उन्हें मार्गदर्शन और हौसला देते हैं। अपने इसी अनुभव का उपयोग उन्होंने कोरोना की परीक्षा में उसे हराने में किया। कोरोना ने उन्हें ऐसे जकड़ा था कि सीटी स्कोर 13/25 हो गया था, मतलब आधे फेफड़े संक्रमित हो चुके थे। ऑक्सीजन लेवल 88 तक गिर गया था लेकिन ऐसे हालातों में भी उन्होंने आत्मविश्वास नहीं खोया। पूरे इलाज के दौरान धैर्य बनाये रखा, नकारात्मक विचारों से दूर रहे और आत्मबल के सहारे कोरोना को हरा दिया।
उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी
बीते 7 अप्रेल से अजीब सी थकान और बुखार महसूस कर रहा था। सारे टेस्ट नेगेटिव आए, पर लक्षण कोविड के थे। डाक्टर्स से पूछकर दवाओं का कोर्स लेकर मैं होम आइसोलेट हो गया। स्वाद, खुशबू, सब जा चुके थे। खाने से रुचि हट चुकी थी। 16 अप्रैल को सीटी स्कैन करवाया। 17 अप्रैल को रिपोर्ट आई। मेरा सीटी स्कोर 13/25 था। डॉ.प्रकाश मिश्रा से बात की तो उन्होंने मुझे अस्पताल में एडमिट होने की समझाईश दी। उनकी सलाह मानकर 17 अप्रेल को अस्पताल में भर्ती हो गया। एडमिट होने के बाद मन में ये तय कर लिया था कि हार नही मानना है।
12 दिन से बुखार नहीं उतर रहा था। अस्पताल में इलाज शुरू हुआ, ड्रिप लगी तो शरीर रिकवर करने लगा। खुशबू, स्वाद सब लौटे। एसपीओ-2 लेवल 90 से 96 कभी भी, कुछ भी आ रहा था। डॉक्टर्स दोनों टॉइम विजिट करते थे। 19 अप्रैल को एसपीओ-2 अचानक 88 हो गया। मैंने तब भी हार नही मानी और अपना आत्मबल बनाए रखा। मुझे 2 दिन तक ऑक्सीजन दिया गया। तबीयत में सुधार होने लगा तो धीरे धीरे कम करके ऑक्सीजन सपोर्ट हटाया गया। ऑक्सीजन लेवल 93 आने लगा, जो कई बार कम हो रहा था। इस बीच मेरी स्थिति के अनुसार डॉक्टर्स जरूरी दवाएं भी दे रहे थे। जिसका फायदा दिखना शुरू हुआ, धीरे धीरे एसपीओ-2 भी 95-96 आने लगा। डाक्टर्स राउंड के बाद मेरे रूम में आकर हौसला बढ़ाते और कई एक्सरसाईस भी बताते। इस बीच घर परिवार वालों के साथ मित्रों का भी भरपूर सहयोग मिला। सभी ने मेरी बहुत हौसला अफजाई की। दोस्त श्री सुशील मित्तल ने इस दौरान लगातार मेरी हेल्थ की अपडेट ली और खूब मनोबल बढ़ाया। रोज तबीयत पहले से बेहतर होने लगी और मैं कोरोना को मात देकर स्वस्थ होकर घर लौटा। कोरोना संक्रमित हुआ, ऑक्सीजन लेवल ड्राप होने के बाद भी सतर्कता, आत्मबल व सकारात्मकता से महज 9 दिन में कोरोना को मात दी। अब लोगों को मोटिवेट कर रहा हुं। हमें लापरवाही नहीं करना, अलर्ट रहना है, घबराना नही है, चेक कराते रहना है। कोई भी लक्षण हों, रिपोर्ट नही भी आई हो, डाक्टर से निरंतर परामर्श लें, उनकी सलाह अनुसार दवाइयां लेते रहें। ऑक्सीजन लेवल पर लगातार नजर रखें तो मेरी तरह ही आप भी बिना पैनिक हुए अपनी सतर्कता, आत्मबल व सकारात्मकता से कोरोना को मात दे सकते हैं।
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