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मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना : जिले में 25 हाट बाजारों में क्लीनिक के माध्यम से सात हजार से अधिक ग्रामीणों को मिला स्वास्थ्य लाभ

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना : जिले में 25 हाट बाजारों में क्लीनिक के माध्यम से सात हजार से अधिक ग्रामीणों को मिला स्वास्थ्य लाभ

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जगदलपुर: पहुंच विहीन व संवेदनशील क्षेत्रों में हाट-बाजारों के ग्रामीण जीवन में महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने अक्टूबर 2019 से मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना की शुरूआत की है जिससे ग्रामीणों को हाट-बाजार में रोजमर्रा की जरूरत के सामानों की खरीदारी के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच की सुविधा मुफ्त मिलने लगी है। हाट-बाजारों में अधिक से अधिक ग्रामीण आसानी से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। जिले के 25 हाट बाजारो में क्लीनिक के आयोजन से जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों को अगस्त माह तक सात हजार 111 लोंगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल चूका है।

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ग्रामीणजन जीवन की आपा-धापी में स्वास्थगत परेशानियों की तब तक अनदेखी करते हैं, जब तक समस्या बढ़ न जाए। जरूरी न हो तब तक लोग अस्पतापल नहीं पहुंचते। कई बार ऐसी लापरवाही कई गंभीर बीमारियों को बढ़ा देती है और उसका पता भी नहीं चल पाता। इसलिए राज्य सरकार लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना से जन-जन तक स्वास्थ सुविधा की पहुंच के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। योजना के तहत हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर ग्रामीणों को उपचार एवं चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। यहां लोग सामानों की खरीदारी के साथ स्वास्थ्य संबंधी सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं साथ ही अनुभवी चिकित्सकों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा रहें हैं।
मौसमी बीमारियों की जांच, उपचार, परामर्श एवं निःशुल्क दवाईयां
जिले के 25 हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैंप लगाकर ग्रामीणों को सर्दी, खांसी, बुखार, शुगर, ब्लड प्रेशर, मधुमेह, ग्रामीणों की मलेरिया की जांच, गर्भवती महिलाओं की जांच, नेत्र विकार सहित मौसमी बीमारियों का उपचार एवं चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। इन शिविरों में ब्लड प्रेशर, खून जांच जैसी प्रारंभिक जांच की जाती है। गंभीर बीमारी का पता चलने पर चिकित्सक मरीज को आवश्यकतानुसार उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों या अस्पतालों में भेजते हैं।

Haresh pradhan

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