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बिलासपुर: रिश्वतखोरी में प्रधान आरक्षक अनिल साहू दोषी, SSP ने किया डिमोट
बिलासपुर में रिश्वत मांगने के वीडियो वायरल होने के बाद विभागीय जांच में प्रधान आरक्षक अनिल साहू दोषी पाए गए। SSP ने उन्हें डिमोट कर दो साल के लिए आरक्षक पद पर भेजा। पढ़ें पूरी खबर।
रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल: प्रधान आरक्षक अनिल साहू दोषी, SSP ने किया डिमोट
बिलासपुर। रिश्वत मांगने के मामले में पुलिस विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रधान आरक्षक अनिल साहू को उनके पद से डिमोट कर दिया है। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद एसएसपी रजनेश सिंह ने कार्रवाई करते हुए उन्हें दो साल के लिए आरक्षक पद पर पदस्थ कर दिया है।
क्या है मामला?
नवंबर 2024 में पीड़ित ने प्रधान आरक्षक अनिल साहू का एक वीडियो बनाकर शिकायत की थी।
वीडियो में वह—
- जमानत आवेदन पर कार्रवाई के लिए पैसे मांगते हुए
- वाहन को राजसात (सीज) नहीं करने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग करते हुए
नजर आ रहा था।
वीडियो में शिकायतकर्ता और प्रधान आरक्षक के बीच मोलभाव भी सुनाई दे रहा था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था।
विभाग की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच कराई गई।
जांच में अनिल साहू को दोषी पाया गया, जिसके बाद—
- पद प्रधान आरक्षक से घटाकर आरक्षक कर दिया गया
- दो वर्षों तक यही पद संभालने का आदेश
सख्त संदेश
एसएसपी ने इस कार्रवाई को पुलिस विभाग में जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा बताते हुए स्पष्ट किया कि रिश्वतखोरी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।







