
सरगुजा पुलिस की त्वरित कार्रवाई: पत्नी की हत्या करने वाला आरोपी पति चंद घंटों में गिरफ्तार
सरगुजा पुलिस की त्वरित कार्रवाई: पत्नी की हत्या करने वाला आरोपी पति चंद घंटों में गिरफ्तार
कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र में चरित्र शंका के कारण हुई निर्मम हत्या, पुलिस ने तत्परता से सुलझाया मामला
सरगुजा जिले के कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर दी। आरोपी ने चरित्र संदेह के चलते अपनी पत्नी पर हमला किया और डंडे से पीट-पीटकर उसकी जान ले ली। हत्या के बाद आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और इसे सामान्य मौत साबित करने के लिए झूठी मर्ग सूचना दर्ज कराई। लेकिन पुलिस की गहन जांच और सतर्कता से पूरा मामला कुछ ही घंटों में सुलझ गया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
यह घटना एक बार फिर घरेलू हिंसा और महिला अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है। पुलिस की तत्परता और त्वरित कार्रवाई ने साबित किया कि कानून से कोई अपराधी बच नहीं सकता। आइए इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।
हत्या की सूचना: जब पति ने खुद पुलिस को बुलाया
घटना की शुरुआत 17 मार्च 2025 को हुई, जब कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र के अमगाँव ढोढ़ाडीह गांव के निवासी जंगल साय तिग्गा ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी पत्नी लालो बाई घर में मृत पड़ी है।
पति ने पुलिस को बताया कि वह सुबह 10 बजे बैल चराने जंगल गया था और जब दोपहर 3 बजे घर लौटा तो उसने देखा कि पत्नी घर के आंगन में गिरी हुई थी और कोई हलचल नहीं थी। उसने पत्नी को हिलाया-डुलाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद उसने कमलेश्वरपुर थाना पहुंचकर मर्ग सूचना दर्ज कराई, जिसमें उसने बताया कि उसकी पत्नी की स्वाभाविक मौत हो गई है।
लेकिन पुलिस को इस कहानी पर संदेह हुआ।
पुलिस जांच: जब सच सामने आने लगा
मर्ग सूचना मिलने के बाद कमलेश्वरपुर पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और शव का पंचनामा तैयार किया। इस दौरान जब पुलिस ने मृतका के शरीर की जांच की, तो पाया कि उसके सिर, पीठ, जांघ, पैर और माथे पर कई जगह चोटों के निशान थे। ये चोटें किसी गंभीर मारपीट की ओर इशारा कर रही थीं।
इसके बाद पुलिस ने परिजनों और पड़ोसियों से पूछताछ की। गवाहों ने बताया कि जंगल साय तिग्गा अपनी पत्नी लालो बाई के साथ अक्सर झगड़ता था और कई बार उसने उसके साथ मारपीट भी की थी।
गवाहों के इन बयानों ने पुलिस को आरोपी पर शक करने के लिए मजबूर कर दिया।
कड़ाई से पूछताछ के बाद आरोपी ने कबूला अपराध
जब पुलिस ने जंगल साय तिग्गा को थाने बुलाकर सख्ती से पूछताछ की, तो वह घबरा गया। पहले तो उसने अपनी झूठी कहानी दोहराई, लेकिन जब पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर उससे गहराई से पूछताछ की, तो वह टूट गया और अपने अपराध को स्वीकार कर लिया।
आरोपी ने बताया कि 17 मार्च को तड़के सुबह 3 बजे उसका अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था। वह पत्नी के चरित्र पर संदेह करता था और इसी को लेकर वह अक्सर उससे लड़ता रहता था। झगड़े के दौरान उसने गुस्से में पास में रखा डंडा उठाया और लालो बाई के सिर, पीठ, पेट, जांघ और अन्य हिस्सों पर ताबड़तोड़ वार कर दिया।
पत्नी दर्द से कराहती रही, लेकिन उसने मारना जारी रखा। कुछ ही मिनटों में लालो बाई ने दम तोड़ दिया।
इसके बाद, आरोपी को जब होश आया कि उसने हत्या कर दी है, तो उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ़ी और मर्ग सूचना दर्ज करा दी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पुलिस ने मृतका का पोस्टमॉर्टम करवाया, जिसमें डॉक्टरों ने पुष्टि की कि शरीर पर कई गंभीर चोटें थीं, जो डंडे से मारे जाने के कारण हुई थीं। रिपोर्ट में साफ लिखा था कि चोटों के कारण ही महिला की मौत हुई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने आरोपी की साजिश को उजागर कर दिया। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
घटनास्थल से सबूत जुटाए गए, डंडा बरामद
आरोपी जंगल साय तिग्गा ने जिस डंडे से हत्या की थी, पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। आरोपी ने खुद पुलिस को हत्या में प्रयुक्त हथियार की निशानदेही दी।
इसके अलावा, पुलिस ने गवाहों के बयान, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी पर दर्ज हुए मामले
कमलेश्वरपुर पुलिस ने आरोपी जंगल साय तिग्गा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) और 238 के तहत मामला दर्ज किया।
इसके तहत आरोपी को हत्या और सबूत छिपाने के अपराधों के लिए दंडित किया जाएगा।
आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस पूरे मामले को सुलझाने में कमलेश्वरपुर पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस की सतर्कता, त्वरित कार्रवाई और अपराधी से कड़ाई से पूछताछ ने महज कुछ घंटों में ही मामले को सुलझा दिया।
इस केस में विशेष रूप से सक्रिय रहे पुलिस अधिकारी:
1. सहायक उप निरीक्षक: डेविड मिंज
2. प्रधान आरक्षक: अखिलेश भगत
3. आरक्षक: अर्जुन पैकरा, परवेज फिरदौशी, धनेश्वर पैकरा, सूरज राठिया
इन सभी पुलिसकर्मियों ने तत्परता और निष्पक्षता से कार्य किया, जिससे यह मामला जल्द ही सुलझ गया।
इस घटना से सीख: घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा
यह घटना हमें घरेलू हिंसा और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की गंभीरता को दर्शाती है।
1. चरित्र शंका और असहमति के नाम पर हिंसा किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। यह दर्शाता है कि समाज में अभी भी महिलाओं के प्रति अविश्वास और हिंसा की प्रवृत्ति बनी हुई है।
2. महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मसुरक्षित रहने की जरूरत है। यदि किसी महिला को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे जल्द से जल्द पुलिस या महिला हेल्पलाइन से संपर्क करना चाहिए।
3. समाज को भी ऐसी घटनाओं के प्रति सतर्क रहना चाहिए। अगर किसी को भी आसपास किसी महिला के साथ अत्याचार या हिंसा होती दिखे, तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।
सरगुजा पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया और यह सुनिश्चित किया कि अपराधी कानून के शिकंजे से बच न सके।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि कोई भी अपराध छुप नहीं सकता और न्याय जरूर मिलेगा। पुलिस की मुस्तैदी और कानून की शक्ति ने मृतका लालो बाई को न्याय दिलाया।
सरगुजा पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है कि अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।