
दिव्यांग बच्चों के मेडिकल प्रमाण-पत्र हेतु शिविर का आयोजन सम्पन्न।
गोपाल सिंह विद्रोही/बिश्रामपुर-जानकारी के अनुसार कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक श्री संजय अग्रवाल तथा जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला परियोजना संचालक सुश्री लीना कोसम के निर्देशन में जिला मिशन समन्वयक श्री शशिकान्त सिंह के मार्गदर्शन में एवं सहायक कार्यक्रम समन्वयक शोभनाथ चौबे, समावेशी शिक्षा के सहयोग से लो विजन (एलबी). टोटल ब्लाइंड (टीवी). आर्थोपेडिक इम्पेयर्ड (ओआई). सेरेब्राइलपेली (सीपी) लर्निंग डिसेबिलिटी (एलडी) मल्टीपल डिसेबिलिटी (एमडी), ऑटिज्म (एएसडी) कुष्ठ रोग बौनापन एसिड अटैक्ड, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, मल्टीपेलेरोसिस पार्किंसंस विकलांगता हीमोफिलिया, थैलासोमिया वाले दिव्यांग बच्चों को मेडिकल सर्टिफिकेट, यू.डी.आई.डी. बनाये जाने हेतु माह अप्रैल के प्रत्येक बुधवार एवं गुरूवार से आज दिनांक 18.05.2023 तक जिला चिकित्सालय मेडिकल बोर्ड सूरजपुर के समक्ष जिले के सभी 06 विकासखण्डों से 206 दिव्यांग छात्र / छात्राओं को मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया गया उनमे से 123 दिव्यांग छात्र / छात्राओं को परीक्षण में पात्र पाये जाने पर दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जारी किया गया तथा 43 छात्र / छात्राओं को चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। जाँच के दौरान विकासखण्ड भैयाथान के ग्राम सत्यनगर की एक बालिका कु० रचना, पिता श्री तेजराम का चिन्हांकन किया गया जिसके पैरों में घुटने के नीचे अजीब सी विकृति पायी गयी है। इस हेतु जनमानस तथा कार्यालयीन सहयोग से मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में शल्य चिकित्सा की व्यवस्था की जा रही है।
इस मेडिकल कैंप में सूरजपुर जिले से कुल 206 जिसमें विकासखंड भैयाथान से 57 ओड़गी से 42, प्रतापपुर से 19, प्रेमनगर से 12 रामानुजनगर से 32 और सूरजपुर से 44 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुई। कैंप के दौरान कुल 123 छात्र -छात्राओं को प्रमाण पत्र जारी किया गया जिसमें भैयाथान के 35 ओड़गी के 21, प्रतापपुर के 16 प्रेमनगर के 6, रामानुजनगर के 18 और सूरजपुर के 27 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हैं। कुल 43 छात्र छात्राओं को चिकित्सीय परामर्श दिया गया जिसमें भैयाथान से 14 से ओड़गी से 3, प्रतापपुर से 2, रामानुजनगर से 8 एवं सूरजपुर विकासखंड के 16 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इसके साथ ही कुल 40 छात्र छात्राओं को उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया जिसमें भैयाथान के 8 ओड़गी के 18 प्रतापपुर और सूरजपुर के 1-1 एवं प्रेमनगर तथा रामानुजनगर से 6-6 छात्र-छात्राएं शामिल है। पूरे जिले से इन बच्चों के साथ कुल 236 अभिभावक कैंप का हिस्सा बने।
इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु जिले के सभी 241 संकुलों के दिव्यांग छात्र / छात्राओं का चिन्हांकन कर विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड स्रोत केन्द्र समन्वयक को नोडल अधिकारी एवं बी.आर.पी. समावेशी शिक्षा को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया था। मेडिकल बोर्ड के निर्धारित तिथि अनुसार सभी विकासखण्डों के निर्धारित संकुलों में से आधे-आधे संकुलों के बच्चों को 02 दिवसों में सुविधानुसार विभाजित किया गया था। कलेक्टर महोदय के द्वारा बच्चों को विकासखण्डों से मेडिकल बोर्ड के समक्ष तक लाने तथा सकुशल वापस ले जाने हेतु चिरायु योजनान्तर्गत विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को वाहनों को उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० आर०एस० सिंह, मेडिकल बोर्ड अध्यक्ष / प्रभारी आवासीय चिकित्सा अधिकारी डॉ० विद्या भूषण टोप्पो, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ० अजय साहू,नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ0 तेरस कवर, मेडिकल विशेषज्ञ डॉ० रोहित पटेल, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ० सीमा गुप्ता,मनोरोग चिकित्सक डॉ० राजेश पैकरा तथा विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों एवं उनकी चिरायु टीम का विशेष योगदान रहा जिसके आधार पर सभी दिव्यांग छात्र / छात्राएं एवं उनके अभिभावक जिले के दूरस्थ अंचलों से सकुशल चिकित्सा बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत हुए एवं घर को वापस गये। आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी विकासखण्डों के बी०आर०पी० क्रमशः विनोद कुमार यादव रमाकान्त नर्मदा, श्रीमती राधा नन्दी, श्रीमती इन्दुवती तिग्गा, प्रमोद कुमार टण्डन, किशोर कुमार मुखर्जी एवं आधारभूत साक्षरता गणितीय कौशल हेतु शासन से अनुबंधित गैर शासकीय संस्थान के सदस्य हेमसाय राजवाड़े एवं प्रदीप पटेल का उल्लेखनीय सहयोग रहा।