
बोरवेल से निकला, लेकिन अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गया लोकेश…
विदिशा मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में मंगलवार को एक आठ साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया था। घटना के 24 घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम ने बुधवार को उसे बाहर निकाल लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस तैयार थी। बाहर निकलते ही बच्चे को तत्काल अस्पताल ले जाया गया।
लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। अस्पताल से बुरी खबर आई है कि बच्चे को बचाया नहीं जा सका। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है।
बता दें कि विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेरी पठार गांव में कच्चे बोरवेल में आठ साल का लोकेश अहिरवार गिर गया था। वह बंदरों का पीछा कर रहा था, तभी घटना हुई। बोरवेल 60 फीट गहरा है। मासूम 43 फीट गहराई में फंसा था। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मंगलवार सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू में जुटी थीं। 24 घंटे बाद टीम बच्चे तक पहुंची। निकालकर तत्काल उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां उसे आईसीयू में ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवार को चार लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। कलेक्टर ने दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की बात भी कही।
बता दें कि बच्चे को निकालने में काफी मशक्कत की गई। रात भर खुदाई की गई। बोर के पास समानांतर 45 फीट गड्ढा खोदा गया। फिर एक सुरंग बनाई गई। मौके पर मौजूद अधिकारी ने बताया कि बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देकर लटेरी अस्पताल ले जाया गया है। सुरंग के पास एम्बुलेंस खड़ी कर दी गई थी। शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ को सुरंग के अंदर बुला लिया गया था। बच्चे को निकालते ही 14 किलोमीटर दूर लटेरी शासकीय अस्पताल ले जाया गया। हालांकि उसकी मौत हो गई।







