
“महापौर के बयान पर कांग्रेस का विरोध, आज 3 मार्च को कलेक्टर कार्यालय में पार्षद लेंगे शपथ”
महापौर के विवादित बयान पर कांग्रेस का विरोध, आज 3 मार्च को कांग्रेस पार्षद लेंगे अलग से शपथ
अंबिकापुर, 3 मार्च 2025 नगर निगम अंबिकापुर की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत के बयान को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस ने उनके बयान को अस्पृश्यता और धार्मिक भेदभाव से प्रेरित करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। इसी के चलते कांग्रेस और उसके पार्षदों ने नगर निगम के आधिकारिक शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया था। कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन से अलग से शपथ ग्रहण कराने की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्षद आज 3 मार्च को कलेक्टर कक्ष में शपथ लेंगे।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
महापौर मंजूषा भगत ने अपने बयान में कहा था कि वे नगर निगम कार्यालय का गंगाजल से शुद्धिकरण कराएंगी। कांग्रेस ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि इस बयान के माध्यम से महापौर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन को ‘अशुद्ध’ करार दिया, जो आदिवासी समाज और पिछड़े वर्गों का सीधा अपमान है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा, “महापौर का यह बयान न केवल संविधान विरोधी है, बल्कि पूरे अंबिकापुर शहर का अपमान भी है। नगर निगम किसी एक व्यक्ति या पार्टी की संपत्ति नहीं है, यह जनता की सेवा का केंद्र है। इस तरह की भाषा समाज को बांटने का काम करती है। हम इसकी घोर निंदा करते हैं।”
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
महापौर के इस बयान के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के नेतृत्व में राजीव भवन से कोतवाली तक एक विशाल विरोध रैली निकाली। रैली में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए महापौर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कोतवाली थाना पहुंचकर महापौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया। कांग्रेस नेता शफी अहमद ने कहा, “महापौर का बयान समाज को बांटने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने वाला है। यह सीधे-सीधे संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो अस्पृश्यता को समाप्त करने की बात करता है। हम इसकी निंदा करते हैं और कानूनी कार्रवाई की मांग करते हैं।”
कोतवाली पुलिस ने आवेदन स्वीकार कर लिया और जांच का आश्वासन दिया। कांग्रेस नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस मामले को न्यायालय में ले जाएंगे।
कांग्रेस पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह से बहिष्कार
महापौर के बयान के विरोध में कांग्रेस ने नगर निगम के आधिकारिक शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया। नगर निगम में विपक्ष के नेता शफी अहमद ने कहा, “हमने मांग की थी कि महापौर अपने नफरती बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया।”
कांग्रेस ने प्रशासन से अनुरोध किया कि उनके पार्षदों के लिए अलग से शपथ ग्रहण की व्यवस्था की जाए। इस पर कलेक्टर सरगुजा ने सहमति जताई और अब कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित पार्षद आज 3 मार्च को कलेक्टर कक्ष में शपथ लेंगे।
भाजपा की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर भाजपा ने कांग्रेस को ही निशाने पर लिया। भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस बेवजह मुद्दे को तूल दे रही है और यह केवल तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा है। भाजपा नेताओं का कहना था कि महापौर ने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया, बल्कि कांग्रेस इसे गलत तरीके से पेश कर रही है।
भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा, “महापौर मंजूषा भगत ने सिर्फ कार्यालय की स्वच्छता और व्यवस्था को लेकर बात कही थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे बेवजह सांप्रदायिक रंग दे दिया। यह कांग्रेस की ओछी राजनीति है, जिसे जनता समझ रही है।”
जनता की राय
इस विवाद पर आम जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों का कहना था कि महापौर का बयान गैरजरूरी था और उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था। वहीं, कुछ लोगों का मानना था कि कांग्रेस बेवजह इस मामले को तूल दे रही है।
स्थानीय निवासी अमित शर्मा ने कहा, “राजनीति में अब मुद्दों की कमी हो गई है, इसलिए इस तरह के बयान विवाद पैदा कर रहे हैं। महापौर को भी संयम रखना चाहिए और कांग्रेस को भी अनावश्यक राजनीति से बचना चाहिए।”
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता शीतल वर्मा का कहना था, “महापौर को अपने बयान पर सफाई देनी चाहिए। अगर उन्होंने सच में ऐसा कहा है, तो यह आपत्तिजनक है। प्रशासन को इस मामले में निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।”
आगे क्या होगा?
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे को यहीं खत्म नहीं करेगी। यदि महापौर माफी नहीं मांगतीं और पुलिस कार्रवाई नहीं होती, तो कांग्रेस इसे राज्य स्तर पर उठाएगी। कांग्रेस नेता राकेश गुप्ता ने कहा, “हम इस मामले को राज्य नेतृत्व तक ले जाएंगे। यदि जरूरत पड़ी तो विधानसभा सत्र में भी इसे उठाया जाएगा।”
वहीं, भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे को जबरन तूल दे रही है और यह पूरी तरह राजनीतिक स्टंट है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है। क्या महापौर अपने बयान पर सफाई देंगी या कांग्रेस इसे बड़ा आंदोलन बनाएगी? फिलहाल, कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित पार्षद आज 3 मार्च को कलेक्टर कक्ष में शपथ लेकर अपने दायित्वों का निर्वहन शुरू करेंगे। आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक हलचल और तेज हो सकती है।