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देश माग रहा है ऑक्सीजन बेड दवाई और वैक्सिंन लेकिन प्रधानमंत्री को चाहिए अपना सुंदर महल स्वामीनाथ जायसवाल

दीपक कुमार श्रीवास प्रदेश खबर/ नई दिल्ली प्रेस वार्ता में भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी नाथ जायसवाल ने बताया जिस तरह से आज जीस तरह अपने ही देश में देश की जनता को दवाई ऑक्सीजन बेड और वैक्सिंग के लिए लड़ाई लड़ना पड़ रहा है और सरकार विस्टा प्रोजेक्ट में व्यस्त उसको अपना प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री का आवास और नया संसद भवन और स्टैचू और खेल मैदान जरूरी है। देश की जनता चाहे मरे चाहे जहन्नुम में जाए यह प्रधानमंत्री और देश के गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रक्षक के जगह पर भक्षक बनबैठे हैं। आज जिस तरह से देश की व्यवस्था चरमरा गई है। देश मे त्राहिमाम त्राहिमाम का स्थिति बन गया है। देश में आए दिन जिस तरह से करोना अपने लहर में लाखों लोगों को चपेट में लेकर कई हजारों मौत का मंजर जो देखने को मिल रहा है जो आज वह दुर्दशा हो गया कि शमशान में भी टोकन लेकर लाशों को इंतजार करना पड़ता है, कि हमारी बारी कब आएगी यह देश की अत्यंत पीड़ादायक व्यवस्था है, यह भारतीय जनता पार्टी के सुशासन में यह देखने को मिला है जिस समय में व्यवस्था होना चाहिए हॉस्पिटल और सारे दवाइयां और ऑक्सीजन का लेकिन सरकार अपने चुनाव और धर्म प्रचार में व्यस्त रह कर जिस तरह से देश की 135 करोड़ जनता को आज लाइन में लगा कर जिस तरह से मौत का मंजर खड़ा किया है ,किसी से छुपा नहीं है देश में आज आक्सीजन का मार दवाई और बेड के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम हो रहा है, और सरकार अपने धृतराष्ट्र के तरह आंख पर काली पट्टी बांधकर बैठ गई है। और प्रधानमंत्री और गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री देश की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया है तभी तो प्रधानमंत्री जी हमेशा कहते थे आत्मनिर्भर बनो कांग्रेस शासित प्रदेशों के साथ सौतेला व्यवहार कर जिस तरह से वैक्सिंग का खेल खेला जा रहा है नहीं दिया जा रहा है। दुर्भाग्य है और सरकार जब पिछले वर्ष करो ना काल में 22 मार्च को जिस तरह से 500 से उपर लोग सक्रमण के लपेटे में आ चुके थे और सरकार आनन-फानन में लॉकडाउन लगा दिया लेकिन इस परिस्थिति में जिस तरह का देश का माहौल है भारत सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन न कर जनता को इस तरह से छोड़ दिया है कि प्रदेश सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करें हमें कुछ लेना देना नहीं है हमें बस मुख दर्शक बन कर देखना सरकार कोई भी व्यवस्ता देने से आनाकानी कर रहे हैं यह देश का दुर्भाग्य है जहां देश की जनता अपने मौत का मंजर और अपने प्रियजनों को खोने का डर सता रहा है वहीं प्रधानमंत्री 12 अप्रैल को 13हजार500 करोड़ अपने नए महल प्रधानमंत्री का नया आवास बनाने के लिए विस्ता प्रोजेक्ट के लिए पैसा दिया गया यह दुर्भाग्य है कि यहां वैक्सीनेशन और दवाई और ऑक्सीजन की जरूरत है यहां देश की जनता को बचाने की जरूरत है। इस समय में हमारे प्रधानमंत्री को अपना आवास नया होना जरूरी है क्योंकि पूर्व में जो आवास में रह रहे हैं क्या उनको उसमें असुविधा या असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।समझ में नही आता जो नया प्रोजेक्ट को आनन-फानन में इस करोना काल के बिपदा में बनवाने के लिए पैसा दिया गया यह देश की दुर्दशा और जिस तरह से देश में अर्थव्यवस्था कमर टूट चुकी है आर्थिक स्थिति का पतन हो चुका है देश में बेरोजगारी और देश में कोरोना काल से जैसे असंगठित, संघटित प्रवासी मजदूरों का परेशानी का एक समय आ चुका है जिनके लिए कोई मदद का ठोस उपाय भारत सरकार उनके खाते में नगद साडे ₹7500नगद डालने का भी काम नहीं कर रही है ,और देश की दुर्दशा को इस मंजर पर लाकर खड़ा करने वाले देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री मंत्री स्वास्थ्य मंत्री है इसका निंदा करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय मजदूर को इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्षस्वामी नाथ जायसवाल ने प्रश्न किया है कि इस तरह का देश को 21वीं सदी का नया भारत का निर्माण करने के लिए सबका साथ सबका विकास के लिए जो नारा देकर आप अच्छे दिन के ढकोसला परोसने का काम किए थे का यही है आपका सत्य है जो आज प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है? कि आप देश की जनता के साथ हैं कि देश की जनता को मौत के मंजर जो आपको एक बार नहीं दूसरी बार सत्ता की इस गलियारे का प्रमुख देश का बनाया आपको प्रधानमंत्री के पद पर बैठाया क्या उसी जनता के साथ आप जिस तरह से किसानों को तीन काले कानून लाकर और मजदूरों को 44 से चार कोड कानून लाकर और आम चलता की मुश्किलें बढ़ाते जा रहे हैं और जहां विकास की बात करते थे वही विनाश का मंजर खड़ा हो गया है। बहुत बड़ा हमारे भारत में आया हुआ यह करोना काल का विपदा आमजन को जीने के लिए मजबूर कर दिया है सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन न करके मौन धारण करलिया है। जिस तरह से प्रधानमंत्री गृहमंत्री देश में चुनाव कराकर और देश में यह मंजर खड़ा कर दिया गया और आज जब व्यवस्था बनाने की बात आई तो किसी को सहयोग न करने के लिए आत्मनिर्भर बनने के लिए छोड़ दिया गया भारत सरकार बस 365 दिन चुनाव और परिवर्तन के ही मूड में रहता है। लेकिन देश आज उस मंजर से गुजर रहा है करो ना काल की भयानक स्थिति जो हमारे देश में आज पैदा हो चुका है यह देश की हर जनमानस को प्रत्यक्ष रूप से पता चल गया है कि यह किसका देन है, जिससे आज हमारा भारत जूझ रहा है। हम ऐसा उम्मीद सरकार से नहीं किए थे जिस तरह से हमारे देश का दुर्दशा का कारण बन कर भारतीय जनता पार्टी के कुशासन में आम लोगों को मारने के लिए मजबूर किया गया इसका भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक घोर भ्रस्तना करते हैं।

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Ashish Sinha

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