
जिन्ना वाले अखिलेश के बयान पर ओवैसी का तल्ख जवाब, बोले- वे पहले इतिहास पढ़ें
जिन्ना वाले अखिलेश के बयान पर ओवैसी का तल्ख जवाब, बोले- वे पहले इतिहास पढ़ें
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान पर बीते दो दिनों से घमासान छिड़ा है.
रविवार को अखिलेश ने हरदोई ज़िले में माधौगंज कस्बे के लखनऊ पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना को महात्मा गांधी, सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू की तरह आज़ादी का नायक बताया था.
उनके इस बयान को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तालिबान मानसिकता वाला बताते हुए उनसे माफ़ी मांगने की मांग की थी और अब असदुद्दीन ओवैसी ने भी उन्हें इतिहास पढ़ने की सलाह दी है.
अखिलेश ने कहा था, “सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जिन्ना, जवाहरलाल नेहरू एक ही जगह पर पढ़े. वो बैरिस्टर बन कर आए. उन्होंने आज़ादी दिलाई. वो किसी भी तरह के संघर्ष से पीछे नहीं हटे.”
.@yadavakhilesh को चाहिए कि वो इतिहास को अच्छी तरह से पढ़े और ये बात ज़ेहन में बैठा ले कि भारत के मुसलमानों को जिन्नाह से कोई लेना देना नहीं है। – बैरिस्टर @asadowaisi #Jinnah https://t.co/3osC2aGgya
— AIMIM (@aimim_national) November 1, 2021
ओवैसी ने और क्या क्या कहा?
ओवैसी ने अखिलेश के बयान के बाद सोमवार को एक बार फिर ये दोहराया कि भारत के मुसलमानों का जिन्ना से कोई ताल्लुक नहीं है.
उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव को ये समझना चाहिए कि भारत के मुसलमानों का मोहम्मद अली जिन्ना से कोई ताल्लुक नहीं है. भारत में आज जो मुसलमान रह रहे हैं और जो हमारे बाप-दादा थे उन्होंने 1947 में ही यह फ़ैसला ले लिया था कि हम पाकिस्तान नहीं जाएंगे और हमने पाकिस्तान की टू-नेशन थ्योरी को रिजेक्ट किया था. और हक़ीक़त ये है कि टू-नेशन थ्योरी की सबसे पहले बात करने वाले सावरकर थे उसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना थे. तो भारत के जो मुसलमान हैं उन्होंने भारत को अपना वतन माना. और जिन्ना से हमारा कोई ताल्लुक ही नहीं है.”
ओवैसी ने कहा, “अखिलेश यादव को ये समझना चाहिए जो इस तरह की बात करके समझ रहे हैं कि कोई तबका या कोई हिस्सा या कोई वोटर इससे खुश होगा तो वो ग़लती कर रहे हैं. उनको अपने सलाहकार को बदलना चाहिए या ख़ुद पढ़ना भी चाहिए. ये बात सही है कि पाकिस्तान के निर्माण में मोहम्मद अली जिन्ना का सबसे बड़ा किरदार रहा है. अब उसके पीछे क्या क्या है, तारीख़ में जाएंगे, तो बहुत लंबी तारीख़ जाएगी. अखिलेश यादव को इतिहास पढ़ने की ज़रूरत है.”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस कृत्य के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। pic.twitter.com/pD9mtY66g7
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 1, 2021
योगी ने अखिलेश से की थी माफ़ी मांगने की मांग
इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने भी अखिलेश के बयान की आलोचना की और उनसे माफ़ी की मांग की थी.
योगी ने कहा था, “ये तालिबान मानसिकता है, जो हमेशा तोड़ने में विश्वास रखता है. सामाजिक तानेबाने को जातिवाद के नाम पर तोड़ने वाले जब अपने मंसूबों में सफल नहीं हुए तो महापुरुषों पर लांछन लगाकर पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं. इस दुष्प्रवृत्ति को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूरे समाज को और प्रदेश को इसकी निंदा करनी चाहिए. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने इस कृत्य के लिए देश की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए. सरदार पटेल का अपमान देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता है.”