
उद्यमिता जागरूकता शिविर: 200 से अधिक छात्रों को स्वरोजगार की नई राह, सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी
उद्यमिता जागरूकता शिविर: 200 से अधिक छात्रों को स्वरोजगार की नई राह, सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आई.टी.आई.), अंबिकापुर में एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, सरगुजा के मार्गदर्शन में आयोजित इस शिविर में 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं अतिथियों की भूमिका
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आई.टी.आई. के प्राचार्य श्री चंदेश्वर पैकरा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में श्री सूर्यप्रकाश त्रिपाठी, उप संचालक रोजगार, सरगुजा उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में विवेक गुप्ता, उप संचालक ग्रामोद्योग और अंकुर गुप्ता, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, सरगुजा ने शिविर का संचालन किया।
प्रमुख सरकारी योजनाओं की जानकारी
इस शिविर में छात्र-छात्राओं को निम्नलिखित महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई:
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP): इस योजना के अंतर्गत नए उद्योगों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना: खाद्य उद्योग क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने हेतु विशेष सहायता दी जाती है।
स्टार्ट-अप इंडिया योजना: नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना स्टार्ट-अप्स को फंडिंग और मेंटरशिप प्रदान करती है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना: महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को व्यापार शुरू करने के लिए कर्ज की सुविधा दी जाती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों के लिए लोन प्रदान करने की योजना।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: इस योजना के तहत पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता दी जाती है।
छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30: राज्य सरकार द्वारा संचालित इस नीति का उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को गति देना है।
उद्यमिता और स्वरोजगार पर मार्गदर्शन
श्री सूर्यप्रकाश त्रिपाठी, उप संचालक रोजगार ने युवाओं को उद्यमिता अपनाने और स्वरोजगार स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मूल्य संवर्धन (Value Addition) की प्रक्रिया को समझाया और बताया कि कैसे युवा अपने कौशल का उपयोग करके आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
श्री विवेक गुप्ता, उप संचालक ग्रामोद्योग ने बताया कि उद्यमिता केवल व्यवसाय शुरू करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निरंतर नवाचार और मार्केटिंग रणनीतियों को अपनाने की प्रक्रिया भी है।
विभागीय अधिकारियों की अहम भूमिका
शिविर में महाप्रबंधक अंकुर गुप्ता के साथ-साथ अन्य अधिकारियों श्री पवन ओझा (प्रबंधक), सूर्योदय कुमार साहू (सहायक प्रबंधक) और देवेंद्र कुमार गुप्ता (सहायक प्रबंधक) ने भी छात्रों के सवालों के उत्तर दिए और स्वरोजगार के विभिन्न अवसरों पर प्रकाश डाला।
छात्र-छात्राओं और प्रशिक्षकों की भागीदारी
इस शिविर में लगभग 200 छात्र-छात्राओं एवं 20 प्रशिक्षकों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने इस आयोजन को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें स्वरोजगार और उद्यमिता के क्षेत्र में नई संभावनाओं की जानकारी मिली।
प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया
राजेश कुमार (आई.टी.आई. छात्र): “इस शिविर में मुझे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टार्ट-अप इंडिया योजना की जानकारी मिली। अब मैं अपना खुद का बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहा हूँ।”
स्नेहा मिश्रा (प्रशिक्षक): “हमारे छात्रों के लिए यह शिविर बेहद लाभकारी रहा। स्वरोजगार को अपनाने के लिए अब वे ज्यादा जागरूक हुए हैं।”
उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों ने स्वरोजगार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस शिविर ने छात्रों को न केवल रोजगार के अवसरों की जानकारी दी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी दी।
इस एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर ने छात्रों के अंदर उद्यमशीलता की भावना को प्रबल किया और उन्हें सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखते हैं।