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नागा साधुओं की तरह ही बेहद रहस्‍यमयी होती है ‘महिला नागा साधुओं’ की दुनिया! कठिन तप के साथ ही जीतीं हैं ऐसी जिंदगी, पढ़ें ये रिपोर्ट

नागा साधुओं की तरह ही बेहद रहस्‍यमयी होती है ‘महिला नागा साधुओं’ की दुनिया! कठिन तप के साथ ही जीतीं हैं ऐसी जिंदगी, पढ़ें ये रिपोर्ट

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रायपुर (धर्म विशेष): हिन्दू धर्म में भगवान की आराधना को ही सबसे बड़ी साधना माना गया है. कहते हैं कि ईश्वर भी उन्हीं भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं, जो दिन-रात सच्चे मन से उनकी आराधना करते है. ऐसे में देखा जाए तो नागा साधुओं की जिंदगी काफी संघर्षों से भरी रहती है. ये साधु मोह-माया को त्याग कर सिर्फ और सिर्फ ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हैं. यही वजह है कि इन्हें ईश्वरीय भक्ति के सुख की प्राप्ति होती है.

Special Story: नागा साधुओं की दुनिया वैसे ही बेहद रहस्यमयी और रोमांचक है. उस पर यदि बात महिला नागा साधु की हो तो मामला और भी उत्सुकता भरा हो जाता है क्‍योंकि कम ही लोगों को ये जानकारी होगी कि महिलाएं भी नागा साधु बनती हैं.

Special Story: आमतौर पर महिला नागा साधुओं का जिक्र भी काम आता है क्‍योंकि महिला नागा साधु दुर्लभ ही दिखाई देती हैं. यहां तक कि कई लोगों को तो यह भी नहीं मालूम है कि पुरुष नागा साधु की तरह महिला नागा साधु भी होती हैं.

Special Story: हिंदू धर्म में साधु-संतों की नागा साधु वाली बिरादरी को अघोरी भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि महिला नागा साधु कैसे बनती हैं, उनकी वेशभूषा क्या होती है और उनकी दुनिया कैसी होती है और महिला नागा साधु कब दर्शन देती हैं.

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Special Story: हिंदू धर्म में जिस तरह पुरुष नागा साधु होते हैं वैसे ही महिला नागा साधु भी होती हैं. महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को कड़ा तप करना होता है. उन्‍हें कठिन परीक्षाओं से गुजरना होता है. महिला नागा साधुओं की परीक्षा कई साल चलती है, वे सख्‍त ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करती हैं. फिर जिंदा रहते हुए ही अपना पिंडदान करती हैं, अपना सिर भी मुंडवाती हैं. इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करती हैं. तब जाकर उन्‍हें महिला नागा साधु का दर्जा मिलता है.

Special Story: महिला नागा साधु बहुत दुर्लभ मौकों पर ही नजर आती हैं. यह आम जनजीवन से बहुत दूर घने जंगलों, पहाड़ों, गुफाओं में ही रहती हैं और पूरा समय भगवान की भक्ति में ही लगाती हैं. वे जंगल-पहाड़ों से बाहर निकलकर दुनिया के सामने कम ही आती हैं. आमतौर पर महिला नागा साधु केवल कुंभ या महाकुंभ में ही नजर आती हैं और फिर अचानक से गायब भी हो जाती हैं. हालांकि पुरुष नागा साधु भी कम ही नजर आते हैं लेकिन महिला नागा साधुओं का दुनिया के सामने आने के मौके उससे भी कम होते हैं.

Special Story: पुरुष नागा साधु सार्वजनिक तौर पर भी नग्न ही नजर आते हैं. हालांकि महिला नागा साधुओं को नाम जरूर नागा साधु का दिया जाता है लेकिन वे निर्वस्त्र नहीं रहती हैं. अधिकांश महिला नागा साधु वस्त्रधारी होती हैं और केवल गिरवी रंग का बिना सिला हुआ वस्त्र धारण करती हैं.

Special Story: ये गेरुए रंग का कपड़े का टुकड़ा रहता है, जिसे वे अपने शरीर के कुछ हिस्‍सों पर लपेटे रहती हैं. साथ ही महिला नागा साधु अपने माथे पर तिलक लगाती हैं और अपने शरीर के कई हिस्सों पर भस्म भी लगाए हुए रहती हैं. महिला नागा साधुओं को हिंदू धर्म में बहुत सम्मान दिया जाता है और इन्हें माता कहकर बुलाया जाता है.

Ashish Sinha

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