
सरायपाली में भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण करके अवैध निर्माण किए जा रहे है परंतु प्रशासन मौन..
*सरायपाली* नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 10 महारानी लक्ष्मीबाई वार्ड जो पुराने नेशनल हाईवे से लगकर पीडब्ल्यूडी पुराना ऑफिस के बाजू में एक गली है। जिसकी चौड़ाई 36 फीट है। जिसके अधिकांश भागों पर भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण करके अवैध निर्माण किए गए हैं।
इस कारण इस गली की चौड़ाई 36 से घटकर 6 फीट हो चुकी है और वर्तमान में भी इस गली के पीछे के भाग पर कुछ भूमाफियाओं द्वारा पक्का निर्माण करके अतिक्रमण किया गया हैं। इस अतिक्रमण की शिकायत आज कई वर्षों से मुख्यमंत्री से लेकर राजस्व मंत्री, कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार से किए जाने के उपरांत भी आज तक गली पर किए गए अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। बल्कि उन अतिक्रमणकारियों से राजस्व विभाग के लोग आपसी सांठगांठ करके उसका मामला भी आज कई वर्षों से ठंडे बस्ते में धूल की परतें नीचे जमी हुई है। कभी कभार वह फाइल ऊपर जरूर आती है, लेकिन 1992 से लेकर आज तक उस गली के अतिक्रमणकारी भूमाफियाओं पर कोई भी राजस्व अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहा है। जो अनेक संदेह के दायरे में है, क्योंकि भूमाफिया पूर्व के कांग्रेसी है। उन्हीं के कुछ लोग भाजपा में हैं। ऐसे भूमाफिया अतिक्रमणकारियों के दोनों हाथों में लड्डू होने के कारण कोई भी सरकार ऐसे भूमाफिया अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही नहीं कर रहा है। इन अतिक्रमणकारियों ने वर्तमान में गली में लगे एक नीम के बड़े सारे पेड़ को दिन दहाड़े बिना किसी विभाग के अनुमति से काट दिया गया है, क्योंकि इन अतिक्रमणकारियों को वर्तमान में विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता है। जिसके लिए विद्युत विभाग से आपसी तालमेल करके बिना किसी अनुमति के विद्युत विभाग ने गली के ऊपर ट्रांसफार्मर लगाने के लिए जबरन कब्जा करके ट्रांसफार्मर लगा दिया है। जिसके लिए ट्रांसफार्मर से अतिक्रमणकारियों के बनाए गए अवैध कब्जे तक बिजली का कनेक्शन लेना है। जिसका तार इसी पेड़ की ऊपर से होकर जाना था, जो बाधा उत्पन्न कर रही थी इसके लिए जबरन पेड़ को काट दिया गया है। क्या तहसीलदार, वन विभाग, नगर पालिका, लोग निर्माण विभाग ऐसे हरे भरे नीम के पेड़ को काटने वाले के ऊपर कोई कार्यवाही कर सकता है? लेकिन ऐसे लोगों की पहुंच के आगे यह सब विभाग के लोग अधिकारी बौना साबित होते हैं। जिस कारण नगर में जगह-जगह बड़े-बड़े पेड़ों की कटाई खुलेआम हो रही है और कोई भी सक्षम अधिकारी ऐसे पेड़ काटने वालों पर कार्यवाही नहीं कर रही है। यदि इनके जगह कोई गरीब आदमी एक पेड़ की ढंगाल को काट देता तो शायद वह जेल के सलाखों के पीछे होता। आज भी इस गली का मामला तहसीलदार न्यायालय में लंबित है। जिसकी सुनवाई जानबूझकर तहसील न्यायालय में नहीं की जाती। क्योंकि सुनवाई से पहले ही किसी स्वजाती राजस्व मंत्री का फोन इन अधिकारियों के कानों में सुनाई देता है कि इन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए, भले यह कितना बड़ा भी अपराध क्यों न करें। इस करके इस प्रकार की शासकीय भूमि पर दिनों दिन अवैध कब्जा बड़े-बड़े लोगों के द्वारा किया जा रहा है। समय रहते छत्तीसगढ़ शासन ऐसी अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करती है तो छत्तीसगढ़ की तमाम भूमियों पर इस प्रकार के भूमाफियाओं का कब्जा बढ़ता चला जाएगा जो भविष्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
जय जोहर, जय छत्तीसगढ़!
*चिराग की चिंगारी के बजरंग लाल सेन सरायपाली की खास रिपोर्ट=====