
रायपुर में किशोर न्याय और बाल संरक्षण कानूनों पर कार्यशाला, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दिलाई बाल विवाह रोकने की शपथ
रायपुर में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में किशोर न्याय अधिनियम व लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम पर कार्यशाला का आयोजन। बाल संरक्षण को लेकर संवेदनशीलता बढ़ाने और बाल विवाह रोकने पर दिया गया जोर।
रायपुर, 26 अप्रैल 2025।न्यू सर्किट हाउस, रायपुर में आज महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला-सह-परिचर्चा का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बाल संरक्षण से जुड़े हर मामले में संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई अनिवार्य है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित प्रकरणों का समन्वय के साथ शीघ्र निराकरण सुनिश्चित किया जाए। श्रीमती राजवाड़े ने सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह रोकने की शपथ भी दिलाई। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में बाल विवाह के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है और यह अभियान सबके सहयोग से आगे भी जारी रहेगा।
कार्यशाला की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने की। डॉ. शर्मा ने कहा कि हर बच्चा सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण का हकदार है। हमें मिलकर कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन द्वारा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखनी होगी।
कार्यशाला में सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, संयुक्त संचालक श्री नंदलाल चौधरी सहित प्रशिक्षक श्री विपीन ठाकुर और श्री शरवत हुसैन नकवी ने बाल संरक्षण कानूनों के व्यावहारिक पहलुओं पर प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के सामाजिक कार्यकर्ता, विभागीय कर्मचारी और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लगभग 170 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान किशोर न्याय अधिनियम और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा की गई तथा बच्चों के पुनर्वास और संरक्षण के महत्व पर जोर दिया गया।
विशेषज्ञों ने बाल शोषण, बाल विवाह और बाल श्रम जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने और कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।












