
बिना शासनादेश के प्रदेश के नर्स बहनों के वेतनवृद्वि वसूली की कार्यवाही तत्काल बंद हो-प्रदेश के परिचारिका संध में व्यापक रोष (कोरोना योद्वाओं से छल की तैयारी-जब तक छग. में नया नियम न बने, म.प्र. का नियम यथावत् लागू है।)
प्रभा सिंह यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा// छत्तीसगढ़ राज्य के स्वास्थ विभाग मे अविभाजित मध्यप्रदेश में नियुक्त नर्सो को संचालनालय स्वास्थ सेवाएं के मध्यप्रदेश के निर्देश क्रमांक 09/नर्सिंग/प्रशि./86/1965-947 भोपाल दिनांक 01.04.86 द्वारा डिप्लोमाधारी नर्सेस को 3 व डिग्रीधारी नर्सेस को 4 अग्रिम वेतनवृद्वि प्रदान किये जाने का आदेश जारी किया गया था। तत्समय चतुर्थ वेनमान् प्रभावी था। उस वेतनवृद्वि को शासनादेश के बिना वसूली की कार्यवाही किये जाने की साजिश की जा रही है। इस लूकाछिपी खेल का छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध ने विरोध करते हुए मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत करने का निर्णय लिया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि राज्य विभाजन की अधिसूचना में स्पष्ट प्रावधान है कि जब तक किसी विषय बिन्दु पर छत्तीसगढ़ शासन अपना कोई नियमावली नहीं बना लेती है तब तक मध्यप्रदेश के नियम ही अनुकूलता के तहत लागू रहेगें। किंतु चैथे वेतनमान के समय से प्राप्त हो रहे व प्रभारी मध्यप्रदेश शासन के निर्देश दिनांक 11 सितंबर 1985 में नई नियुक्तियां होने पर डिप्लोमाधारी नर्सेस को 3 एवं डिग्रीधारी नर्सेस को 4 अग्रिम वेतनवृद्वि प्रदान की गई है। इस निर्देश को स्पष्ट करते हुए मध्यप्रदेश स्वास्थ संचालनालय ने निर्देशित किया है कि डिप्लोमाधारी नर्सेस में जनरल नर्सिग प्रशिक्षित स्टाफ नर्स, एवं डिग्रीधारी में बी.एस.सी. नर्सिंग प्रशिक्षित नर्सेस को अग्रिम वेतनवृद्वि की पात्रता होगी। सेवा निवृत्ति के कगार पर पहुंच चुके नर्सो को अब जिन्हें 01.01.1986 के बाद नियुक्त हुए है, बिना शासन के आदेश के वसूली की कार्यवाही संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा किए जाने की आपत्ति अंकित की जा रही है। जबकि ऐसा कोई आदेश छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग का नहीं है। ऐसी स्थिति में वसूली की कार्यवाही किया जाना आपत्तिजनक व संदेहास्पद् है। ज्ञातव्य है कि 01.01.1986 के बाद नियुक्त नर्सो के द्वारा वेतन वृद्वि प्रदान करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय में भी याचिका प्रस्तुत की गई है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, पेंशनर्स संध के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेन्द्र नामदेव, प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, सरगुजा अध्यक्ष आनंद सिंह यादव, स्वास्थ संयोजक संध के प्रांतीय अध्यक्ष टार्जन गुप्ता, महामंत्री प्रवीण ढिढवंशी, विमल चंद्र कुण्डू, सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव आदि ने कोरोना काल में अपने प्राणों की बाजी लगाकर जन सेवा करने वाले छत्तीसगढ़ के कोरोना योद्वाओं के सेवा में कोई गोलमाल किया जावेगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाकर मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत् कराया जावेगा।