
पीएम जनमन और धरती आबा अभियान से आदिम जनजातियों को मिली नई दिशा: प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा
छत्तीसगढ़ में आदिम जनजातियों के विकास पर आयोजित परिचर्चा में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने पीएम जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की उपलब्धियां साझा कीं। जानिए प्रमुख घोषणाएं और विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी।
आदिम जनजातियों के विकास को मिली नई ऊंचाई: पीएम जनमन और धरती आबा अभियान की उपलब्धि
रायपुर, 11 मई 2025 | भारतीय लोक प्रशासनिक संस्थान छत्तीसगढ़, क्षेत्रीय शाखा रायपुर के तत्वावधान में “छत्तीसगढ़ में आदिम जाति के विकास में चुनौतियां” विषय पर आयोजित परिचर्चा में आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान ने विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों (PVTG) के जीवन में सार्थक परिवर्तन लाया है।
प्रमुख बिंदु:
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छत्तीसगढ़ में कुल 43 जनजातियाँ, जिनमें अबूझमाड़, बैगा, कमार, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा जैसे समूह विशेष पिछड़ी जनजाति हैं।
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138 विकासखंडों के 6691 जनजातीय बहुल गांव चुने गए हैं जहां विकास कार्य चल रहे हैं।
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धरती आबा अभियान के तहत 25 कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत ढांचा, आजीविका को प्राथमिकता दी जा रही है।
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पीएम जनमन योजना के तहत बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, दस्तावेज जैसे सभी बुनियादी सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित की गई है।
तकनीकी पहल:
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जियो टैगिंग और जियो फेंसिंग से जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल हुआ।
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भुईंया पोर्टल के माध्यम से नागरिक अब अपने नाम से ऑनलाइन खसरा रिकॉर्ड देख सकते हैं।
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राजस्व त्रुटियों के सुधार और उत्तराधिकार से संबंधित डेटा अपडेट की सुविधा शुरू।
विचार मंच पर प्रमुख सहभागिता:
परिचर्चा में पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य मिश्रा, डिप्टी चेयरमेन डॉ. इंदिरा मिश्रा, दिनेश श्रीवास्तव, डॉ. ओमकार लाल श्रीवास्तव, संजय अलंग और अनूप श्रीवास्तव सहित संस्थान के सदस्य उपस्थित रहे।