
केन्द्र सरकार ने कोरोना में दिवंगत् एन.पी.एस. कर्मियों के लिए राहत का आदेश जारी किया-छत्तीसगढ़ सरकार भी पालन करें (केन्द्र सरकार ने माना 2004 के बाद पुरानी पेंशन से कर्मचारियों व परिजनों को पीड़ा-भेदभाव है )
प्रभा सिंह यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा// केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2004 के बाद नियुक्त ऐसे शासकीय सेवक जिन्हें केन्द्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है, ऐसे कर्मचारियों का वैश्वीक महामारी कोविड-19, कोरोना संक्रमण से निधन होने पर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को बड़ी राहत प्रदान की है। भारत सरकार काािर्मक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय पेंशन और पेशनभोगी कल्याण विभाग डेस्क ई तीसरा तल, लोक नायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली द्वारा तदाशय का निर्देश जारी कर दिया है। इसके पूर्व भारत सरकार के ही निर्देश के पालन में मध्यप्रदेश सरकार वित्त विभाग ने 28 मई 21 को आदेश प्रसारित कर कर्मचारियों व सरकार के अंशदान संबंधी मध्यप्रदेश सरकार के निर्देश दिनांक 25 सितंबर 2006 के बिन्दु क्रमांक 08 मासिक वेतन व मंहगाई भत्ता से 10 प्रतिशत् राशि समतुल्य शासकीय अंशदान के रूप में काटे जाने के प्रावधान में संशोधित करते हुए अब सरकार के अंशदान को 14 प्रतिशत् किये जाने का निर्णय लिया गया है। इन आदेशों को छत्तीसगढ़ राज्य के एन.पी.एस. कर्मचारियों के लिए लागू करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तथा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संध ने की है।
संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा एवं जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि कोरोना काल में दिवंगत् 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए केन्द्र सरकार ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए पेंशन नियम 1972 के नियम 80 ‘‘ए‘‘ में संशोधन कर प्रोविजनल ग्रेजुएटी व फेमिली पेंशन के वर्तमान् व्यवस्था में संशोधन कर इसे 01 जनवरी 2020 लागू किया है। इससे ऐसे शासकीय सेवक जिनकी मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हुई है, उनकी पत्नी को मृत्यु के प्रथम 10 वर्ष तक मृत्यु तिथी को प्राप्त अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत् पेंशन प्रदान करने, तथा 10 वर्ष के बाद 30 प्रतिशत् पत्नी के संपूर्ण जीवनकाल में पेंशन का लाभ देते हुए आश्रित पुत्र पुत्री को शासकीय नौकरी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस पेंशन योजना को ‘‘प्रोविजनल पेंशन‘‘ का नाम दिया है। केन्द्र सरकार ने सभी वेतन व पेंशन व वेतन आहरण संवितरण करने वाले अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। इस आदेश से यह तो स्पष्ट हो गया कि देश में पुरानी पेंशन व नई पेंशन योजनाधारी शासकीय सेवकों में भेदभाव विद्यमान् है। संध ने केन्द्र सरकार के इस योजना को तत्काल छत्तीसगढ़ राज्य में भी लागू करते हुए दिवंगत् कोरोना योद्वाओं के आश्रित परिजनों को राहत प्रदान करने की मांग की है। देश में अधिकारी कर्मचारियों के बीच व्याप्त भेदभाव की नीति को प्रधानामंत्री तत्काल बंद करें। संध ने उनसे नवीन पेंशन योजना, अंशदायी पेंशन योजना को तत्काल बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग करते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देश दिनांक 28 मई 2021 के द्वारा बिन्दु क्रमांक 8 में कर्मचारियों व शासन के अंशदान में अब 14 प्रतिशत् अंशदान शासन का एवं 10 प्रतिशत् अंशदान कर्मचारी का निर्धारित करने जो निर्णय लिया गया है, उसे भी छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए लागू किए जाने की मांग मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ शासन से करते हुए कहा है कि जब तक प्रधानमंत्री 2004 से लागू अंशदायी राष्ट्रीय पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं कर देते है तब तक प्रदेश के कर्मचारियों को कुछ राहत प्रदान किया जाना चाहिए। संध के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खॅान, प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महांत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा प्रांतीय सचिव विश्वनाथ ध्रुव, प्रांतीय कोषाध्यक्ष रविराज पिल्लें, नरेश वाढ़ेर, कुंदन साहू, मनोहर लोचनम्, विमल चन्द्र कुण्डू सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, एस.पी.यदु, आर.के.वर्मा, सरगुजा अध्यक्ष आनंद सिंह यादव, टार्जन गुप्ता प्रांताध्यक्ष स्वास्थ संयोजक संध, प्रवीण ढिढवंशी संभागीय सचिव, डाॅ.अरूंधति परिहार, बजरंग मिश्रा, मिलाप यादव, गोपाल प्रसाद साहू अनियमित कर्मचारी संध, विश्व विद्यालय कर्मचारी संध अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर, सचिव प्रदीप कुमार मिश्रा आदि ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से दोनों केन्द्र व मध्यप्रदेश के आदेशों को लागू कर लाखों कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जााने की मांग की है।