
डीएवी प्राचार्य के सुपुत्र पियूष जायसवाल सीबीएसई राष्ट्रीय स्तर में फिर से हुए सम्मानित
डीएवी प्राचार्य के सुपुत्र पियूष जायसवाल सीबीएसई राष्ट्रीय स्तर में फिर से हुए सम्मानित
पियूष जायसवाल 3 इन 1 प्राकृतिक मच्छर प्रतिरोध बनाकर सीबीएसई विज्ञान प्रदर्शनी नेशनल लेवल नोयडा में लिए भाग
बेमेतरा – डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जांता के प्राचार्य के सुपुत्र मास्टर डॉ पीयूष जायसवाल राष्ट्रीय स्तर सम्मान से फिर सम्मानित हुए पीयूष जायसवाल के पिता पीएल जायसवाल डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जांता में प्राचार्य पद के पदस्थ पर हैं, माता भी डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल धर्मपुरा में लाइब्रेरियन के पोस्ट में पदस्थ हैं। बहन साक्षी भी छत्तीसगढ़ के पहली महिला साइंटिस्ट का अवॉर्ड प्राप्त कर चुकी हैं। पीयूष जायसवाल के पिता प्राचार्य डीएवी जांता ने जानकारी साझा किया कि
पियूष जायसवाल 3 इन 1 प्राकृतिक मच्छर प्रतिरोध बनाकर नेशनल लेवल के लिए चयन होकर दिल्ली एनसीआर के नोयडा स्थित स्कूल में सीबीएसई द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी आयोजन में छत्तीसगढ़ राज्य के ओर से सीनियर वर्ग मे भाग लिए थे। इस आयोजन हेतु कुल 3 चरणों में पियूष जायसवाल ने बेहतर प्रदर्शन के लिए चयनित हुए हैं। नेशनल स्तर के आयोजन मयूर स्कूल नोएडा में आयोजित 3 दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लिया इस आयोजन में भारत देश के कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अर्थात पूरे भारत के अनेकों विज्ञान प्रदर्शनी लेकर विभिन्न राज्यों से छात्र-छात्राएं पहुंचे जिसमें कुल 2 वर्गों विभाजित किया गया था जिसका पहला वर्ग कक्षा 6 वी से 8 वी तक तथा द्वितीय वर्ग कक्षा 9 वी से 11 वीं तक था। राज्य स्तर पर एन एच गोयल स्कूल रायपुर हुआ था उसके बाद नेशनल सीबीएसई साइंस एग्जीबिशन के प्रतिनिधित्व के लिए चयन हुआ था। पियूष जायसवाल व साथ में प्रिंस केसरवानी 3 इन 1 मॉडल के साथ में पीटीआई शिक्षक दीपक के सहयोग से दिल्ली एनसीआर हेतु नोएडा स्थित मयूर विद्यालय में तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किया। जिसमें देश-विदेश से आए हुए वैज्ञानिकों ने इन बाल वैज्ञानिकों के प्रदर्शनी की सहारा किए व पीयूष जायसवाल को बधाई व शुभकामनाएं भी दिए। पीयूष जायसवाल बचपन से ही वैज्ञानिक प्रतिभा के धनी रहे हैं। इससे पूर्व भी राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों बार सम्मानित हुए हैं। पीयूष जायसवाल बचपन से ही प्रतिभावान छात्र रहे हैं, वे 12 साल की उम्र में पीएचडी कर चुका है, एस्ट्रोफिजिक्स में दो किताब भी लिख चुके हैं एवं रिसर्च कर बाल वैज्ञानिक बनकर अलबर्ट आइंस्टीन के वर्ड रिकार्ड को तोड़कर वर्ड रिकार्ड भी बनाया हैैं। उन्हें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी नवाजा गया हैैं। साथ ही अनेकों राज्य व राष्ट्रीय लेवल के अब तक अनेकों अवॉर्ड भी मिल चुका हैं। इससे पूर्व में भी मुख्यमंत्री ने दो बार सम्मानित कर चुके हैं व ऊच्च शिक्षा हेतु दो लाख देकर सम्मानित किया था। पियूष का बचपन आठवी तक के पढ़ाई उनके पिता के साथ रह कर डीएवी में हुआ हैं, अभी पीयूष जायसवाल भिलाई शिक्षा नगरी के शैक्षणिक शिक्षा संस्थान शकुंतला गुरुकुल विद्यालय रामनगर के सीबीएसई पाठ्यक्रम कक्षा दसवीं में अध्यनरत हैं। पियूष जायसवाल कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल क्षेष्ठ पुरुस्कार से नई दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय सभागार में सम्मानित हुआ था। डीएवी प्राचार्य पीएल जायसवाल को उसके पुत्र के इस उपलब्धि हेतु बधाई व शुभकामनाएं मिल रहे हैं।











