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क्षेत्र के युवा खिलाड़ी अंबर पांडे को मिला शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार

क्षेत्र के युवा खिलाड़ी अंबर पांडे को मिला शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खेल अलंकरण समारोह में किया पुरस्कृत

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युवा खिलाड़ी ने अपनी सफ़लता का श्रेय माता-पिता मित्र एवं अपने कोच को दिया

गोपाल सिंह विद्रोही//प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़//बिश्रामपुर -बिश्रामपुर कोयलांचल का होनहार खिलाड़ी अम्बर कुमार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार से पुरस्कृत किया है जिससे पूरा विश्रामपुर सहित सूरजपुर जिला के साथ- साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश भी गौरवान्वित हुआ है।
जानकारी के अनुसार गत 14 मार्च को प्रदेश की राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल सभागार में आयोजित राज्य खेल अलंकरण समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कर कमलों द्वारा सूरजपुर जिला कोईलांचल विश्रामपुर के रहने वाले प्रसिद्ध युवा खिलाड़ी अम्बर पांडेय को को वॉलीबॉल खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं खेल के लिए शहीद पंकज विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया है।। बिश्रामपुर के इस होनहार खिलाड़ी को समान से जिला सहित प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।

कौन है वॉलीबॉल का हरफ्मौला खिलाड़ी आईए जानते हैं उसके करियर पर एक नजर। नवभारत संवाददाता गोपाल सिंह विद्रोही का एक रिपोर्ट । युवा वॉलीबाल खिलाडी अम्बर कुमार पाण्डेय जिनका चयन अपनी खेल प्रतिभा के दम पर सरकारी नौकरी के लिये डी.एल.डब्ल्यू. (डीजल रेल इंजन कारखाना) बनारस में ग्रुप सी के लिए हुआ । यह उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य के पहले वॉलीबाल खिलाडी है जो ट्रायल के माध्यम से चयनित हुए है। मध्यम परिवार में पले-बढ़े अम्बर कुमार पाण्डेय का निवास स्थान चोपडा कॉलोनी बिश्रामपुर है. इनके पिता प्रेमशंकर पांडेय डेरी फार्मचलते हैं कर परिवार का भरण-पोषण करते है।परिवार में माता अर्चना पाण्डे व छोटा भाई आकाश पाण्डे है इस छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि तक पहुँचने की राह इतनी आसान नहीं थी, लेकिन अगर हौसलें बुलंद हो और दिल में मंजिल पाने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी परिस्थिति इंसान को रोक नहीं सकती इसका ज्वलंत उदाहरण है अंबर।
अम्बर कुमार पाण्डे ने बताया कि उनकी इस मुकाम तक पहुंचने की नींव रखी उनके कोच एवं गुरू सोमनाथ दास ने जो स्वयं एस.ई.सी.एल. से पूर्व वॉलीबाल खिलाडी रह चुके है। उनके कोच सोमनाथ दास गुप्ता 2013 से जब अम्बर मात्र 17 साल के थे तब से ही उनको निःशुल्क वॉलीबाल खेल का प्रशिक्षण प्रदान कर बारिकियां सीखाते आ रहे है. जिसकी बदौलत आज अनके प्रिय शिष्य इस मुकाम पर पहुंचे है कि अपने साथ अपने परिवार, जिला व राज्य का नाम रोशन कर रहे है.
अम्बर कुमार पाण्डेय बताते है कि उन्हें कई बार आर्थिक व शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ा. मानसिक तौर पर पढ़ाई के साथ-साथ खेल को भी बराबर समय देना पड़ता था. लगातार घर से बाहर रहते व महीने में कई बार राज्य से बाहर खेलने जाते थे तब कई बार उनके पास पैसों की कमी रहती थी जिसके कारण उनका मनोबल कम होने लगता था. घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ज्यादा पैसा मांगना भी उचित नहीं समझते थे. वे बताते है कि इन मुश्किल परिस्थियों में भी कई जगह से उन्हे काफी मदद मिली जिसकी बदौलत उनकी राह आसान होती गई, इसमें उनके कोच एवं संघ ने भी आर्थिक रूप से काफी मदद किया से प्रतियोगिता जीत उनके जीवन में सबसे कठिन समय तब आया जब उनके पिताजी की हार्ट सर्जरी दिल्ली एम्स में होनी थी और अम्बर कुमार पाण्डेय तमिलनाडु में अंतिम ट्रायल में थे. इस छोटी सी उम्र में ये परिस्थिति उनके लिये काफी भयावह थी लेकिन सभी के सहयोग से उनके पिता की हार्ट सर्जरी सफल हुई और इसी ट्रायल में छत्तीसगढ़ से एकमात्र खिलाडी अम्बर
उनके पिता से जब अम्बर के खेल सफर के बारे मे पूछा गया तब उन्होंने बताया कि अम्बर ने अपने खेल सफर की शुरूआत सर्वप्रथम जूनिवर वर्ग से प्रारंभ किया जिसमें उन्होने छत्तीसगढ़ टीम की ओर से खेलते हुये जूनियर नेशनल 2014 देहरादून (उत्तराखंड), यूथ नेशनल 2014 रामपुर (यू.पी.), यूथ नेशनल 2015 नागपुर (महाराष्ट्र) में राज्य का प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद उनका चयन सीनियर प्लेयर के रूप में हुआ जिसमें वे पुनः छत्तीसगढ़ टीम की ओर से सीनियर नेशनल 2016 चेन्नई (तमिलनाडु), सीनियर नेशनल 2017 केरल, सीनियर नेशनल 2018 चेन्नई (तमिलनाडु), सीनियर नेशनल 2019 उडीसा जैसे राज्यों मे अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया।

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अंबर के कैरियर में आनंदित पल तब आया जब उनकी प्रतिभा से आकर्षित हो छत्तीसगढ़ वॉलीबाल संघ के सचिव मो. अनवर खान ने अपने सानिध्य में प्रशिक्षण प्रदान किया।यहाँ प्रशिक्षण के दौरान छत्तीसगढ़ सीनियर वॉलीबाल टीम के कप्तान दीपेश सिन्हा का संगत मिलने से उनके खेल में और निखार आया. यहाँ वे वर्ष 2014 से 2016 तक रहे. इसके बाद उन्होने राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के लिए चयन ट्रायल दिया,उनके पिता से जब अम्बर के खेल सफर के बारे मे पूछा गया तब उन्होंने बताया कि अम्बर ने अपने खेल सफर की शुरूआत सर्वप्रथम जूनिवर वर्ग से प्रारंभ किया जिसमें उन्होने छत्तीसगढ़ टीम की ओर से खेलते हुये जूनियर नेशनल 2014 देहरादून (उत्तराखंड), यूथ नेशनल 2014

उनके कैरियर में रोचक मोड़ तब आया जब उनकी प्रतिभा से आकर्षित हो छत्तीसगढ़ वॉलीबाल संघ के सचिव मो. अनवर खान ने अपने सानिध्य में प्रशिक्षण प्रदान किया. यहाँ प्रशिक्षण के दौरान छत्तीसगढ़ सीनियर वॉलीबाल टीम के कप्तान दीपेश सिन्हा का संगत मिलने से उनके खेल में और निखार आया. यहाँ वे वर्ष 2014 से 2016 तक रहे. इसके बाद उन्होने राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के लिए चयन ट्रायल दिया
वे बताते है कैरियर में रोमांचक मोड़ तब आया जब उनकीप्रतिभा से आकर्षित हो छत्तीसगढ़ वॉलीबाल संघ केसचिव मो. अनवर खान ने अपने सानिध्य में प्रशिक्षणप्रदान किया।यहाँ प्रशिक्षण के दौरान छत्तीसगढ सीनियर वॉलीबाल टीम के कप्तान दीपेश सिन्हा कासंगत मिलने से उनके खेल में और निखार आया. यहां वर्ष 2014 से 2016 तक रहे इसके बाद उन्होने
राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के लिए चयन ट्रायल दिया,जिसमें उनका सलेक्शन तमिलनाडु यूनिवर्सिटी में होनेके बाद वर्ष 2016 से 2019 तक कृष्णा आर्ट्स एंड
साइंस महाविद्यालय कोयंबटूर तमिलनाडु में अपनी,महाविद्यालय की पढ़ाई व भारतीय कोच से खेल काप्रशिक्षण प्राप्त किया.
पांडे कहते है कि सरकारी नौकरी में आने के बाद सबसे पहला उनका लक्ष्य है कि अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और अपने खेल को आगे बढ़ाना, जिससे वे इंडियन सीनियर वॉलीबाल टीम की ओर से खेलकर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अपना सपना पूरा कर सके। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता, परिवारजन, अपने साथी, कोच सोमनाथ दास, सहायक कोच सुरेश सिंह, पंकज गर्ग, नरेंद्र कुमार सिंह, उदय सिंह, राजनाथ सिंह, जिला खेल अधिकारी शबाब हुसैन, जिला वॉलीबाल संघ सूरजपुर के अध्यक्ष अजय गोयल, उपाध्यक्ष रामश्रृंगार यादव संघ के समस्त सदस्य, जिला प्रशासन एवं खेल विभाग सूरजपुर को दिया है. जिले एवं राज्य का नाम रोशन करने पर सभी ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुये इस उपलब्धि पर बधाई प्रेषित किया है तो वही पूरा विश्रामपुर के साफ-साफ साथ-साथ सूरजपुर जिला अपने इस खिलाड़ी पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है

Ashish Sinha

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