
विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रहे स्वास्थ्य कर्मी देवेश श्रीवास्तव का संदिग्ध हालत में लाश मिली
विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ रहे स्वास्थ्य कर्मी देवेश श्रीवास्तव का संदिग्ध हालत में लाश मिली
रीवा के नहर में तैरती हुई लाश पुलिस ने बरामद कर जांच में जुटी
गोपाल सिंह विद्रोही//प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़//बिश्रामपुर – सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुर में स्वास्थ्य कर्मचारी देवेश त्रिपाठी की नहर में तैरती हुई शव मिलने से चिकित्सालय कर्मियों मे शोक का वातावरण है। बताया जाता है कि देवेश कुमार त्रिपाठी विश्रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग में सदस्य जिनका चार माह पूर्वी इनका स्थानांतरण डेडरी उप स्वास्थ्य केंद्र में हुआ था ।पत्नी रानू त्रिपाठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुर में डाटा ऑपरेटर के पद पर संविदा में पदस्थ है। बताया जाता है कि देवेश त्रिपाठी मुल्त: रीवा का रहने वाले थे और डेढ़ माह से छुट्टी पर रीवा में ही थे जहां से मानसिक रूप से परेशान रहने के कारण रीवा और बनारस से इलाज चल रहा था । बताया यह भी आता है कि देवेश त्रिपाठी होली के दिन अपने इष्ट मित्रों के पास प्रातः 8 बजे होली का मोबाइल पर बधाई संदेश प्रेषित किए थे 11 बजे उनका मोबाइल स्विच होना पाया गया। होली के दूसरे दिवस 26 मार्च को रीवा के समीप बहने वाली नहर में उनकी तैरती हुई लाश पुलिस को मिली जिसे निकाल कर पुलिस ने मोबाइल के आधार पर घर वालों को सूचना दी बताया जाता है कि वे मानसिक तनाव से परेशान थे जिनका कई जगहों पर इलाज चल रहा था। 37 वर्षीय देवेश त्रिपाठी धार्मिक व्यक्ति मृद्युभाषी एवं मिलनसार से वे सभी के बीच प्रिया थे ।आज उनकी मौत की सूचना जैसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विश्रामपुर में पहुंची चिकित्सालय के स्टाफ शोक में डूब गया ।देवेश त्रिपाठी की 5 वर्षीय पुत्री अन्या त्रिपाठी डीएवी पब्लिक स्कूल विश्रामपुर में कक्षा दूसरी की छात्रा है।खबर से चिकित्सालय परिवार के साथ-साथ विश्रामपुर में शोक का वातावरण।
बहरहाल देवेश त्रिपाठी की मौत के कई कारणों की चर्चाएं हुई हो रही हैं किसी ने आरोप लगाया कि उन्हें मार कर नहर में फेंक दिया गया है तो किसी ने कहा कि वह मानसिक तनाव में होने के कारण आत्महत्या कर ली है लेकिन आत्महत्या की चर्चाओं पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिश्रामपुर एवं उन्हें जानने वाले लोगों का कहना है कि करोना संक्रमण काल में जो अपने जान कि परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में 24 घंटे सेवा में लगा हो वह आत्महत्या कैसे कर सकता है, दूसरो का जीवन का रक्षा करने वाला इतना कमजोर नहीं हो सकता है। बहरहाल मौत का कारण जो भी हो पुलिस को चाहिए कि इस मामले के कारणों का जल्द से जांच हो ताकी मृत्यु का खुलासा हो सके।