
अमलीपदर क्षेत्र ग्राम कांदाडोंगर महादेव मन्दिर बर्षो बाद भी अधूरा, न जाने कब मिलेगा पर्यटन का ताज और शिवजी को शिवालय
रिपोर्ट-रिखीराम नागेश ब्यूरो चीफ?गरियाबंद?
गरियाबंद / मैनपुर : कांदाडोंगर की भव्यता और विशेषता गरियाबंद जिला ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने तक ख्याति प्राप्त है शायद ही ऐसा कोई होगा जो गरियाबंद जिले की मैनपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली प्रसिद्ध कांदा डोंगर की ऐतिहासिक लोक पर्व सदियों पुरानी परम्पराओं विशाल दशहरा पर्व के बारे में नहीं जानता हो पर आज कांदाडोंगर को लेकर एक बड़ा सवाल आज भी लोगों के जहन में उठ रहा है कि आज तक कांदाडोंगर को पर्यटन का ताज क्यों नहीं मिल पाया इसका कारण क्या है?
दूसरी ओर कांदाडोंगर के ठीक नीचे महादेव भोलेनाथ जी का पूजा स्थान भी बने है जो कि पिछले कई वर्षों से मन्दिर निर्माण का काम अधूरा पड़ा हुआ है अधूरा पड़े इससे शिवालय का काम कब पूरा होगा इसका जवाब भी लोगों के पास नहीं है जबकि लगातार मन्दिर पूर्ण करने की मांग जारी है
नहीं हो रहा खबरों का असर, लगता है अधूरा है सफर
कांदाडोंगर को पर्यटन स्थल बनाने को लेकर कई समाचारपत्रों अखबारों न्यूज़ पोर्टल के हेड लाइन पर कांदाडोंगर का खबर लगातार छापे जा रहे हैं पर खबर का असर होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा ओर न ही प्रशासनिक स्तर पर कोई काम होता हुआ भी नजर नहीं आता है वहीं दूसरी ओर खबरों की माने तो पिछले कई महीनों या यूं कहें कि वर्षों से स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लगातार इसको लेकर आवाज उठाने की बात कही जा रही है बावजूद आज भी मांग अधूरा ही है इन परिस्थितियों को देखकर लगता है कांदाडोंगर का पर्यटन स्थल तक का सफर अभी अधूरा है
अधूरे शिव मंदिर निर्माण पूर्ण करने की मांग
कांदाडोंगर के नीचे महादेव भोलेनाथ जी का आस्थान बनाकर पूजा-पाठ कई वर्षों से चली आ रही है महादेव भोलेनाथ जी की मंदिर बनाने का काम अधूरा पड़ा हुआ है जिसको लेकर स्थानीय लोगों द्वारा और यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा लगातार शासन प्रशासन से मांग कर रहे हैं की अधूरा बने इस महादेव जी के मंदिर को पूर्ण किया जाए बता दें इस महादेव जी के स्थान पर कई श्रद्धालु भक्तजन आते जाते रहते हैं भगवान और भक्तों का यहां अटूट संबंध बना हुआ है स्थानीय लोगों की मानें तो पिछले कई वर्षों से यह मंदिर अधूरा पड़ा हुआ है इस मंदिर को पूरा कराने को लेकर कई मांग कर चुके हैं पर मंदिर पूरा होता नजर नहीं आ रहा है मांग अधूरा पड़ा हुआ है जिससे नाराज़ भक्तजन व ग्रामीण शासन प्रशासन से मांग कर रहे हैं की कांदाडोंगर कि इस अभिन्न अंग महादेव भोलेनाथ जी की मंदिर को शीघ्र से शीघ्र पूरा किया जाए!
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