
ठेका मजदूरों को हाई पावर कमेटी द्वारा वेतन भुगतान कराने की मांग को लेकर एटक ने किया काम बंद करो आंदोलन
ठेका मजदूरों को हाई पावर कमेटी द्वारा वेतन भुगतान कराने की मांग को लेकर एटक ने किया काम बंद करो आंदोलन
गोपाल सिंह विद्रोही विश्रामपुर- एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के भूमिगत खदानों में कार्यरत ठेका मजदूरों को हाई पावर कमिटी द्वारा वेतन भुगतान कराने की मांग को लेकर आज गायत्री खदान में सैकडो मजदूरो ने एटक यूनियन की अगुयायी में एक दिवसीय काम बन्द हड़ताल एवम रैली निकाल कर खान मैनेजर सँजय मिश्रा के कार्यालय के समक्ष धरना दिया।
ठेका श्रमिको को सम्बोधित करते हुये एसकेएमएस के केंद्रीय अध्यक्ष कामरेड अजय विश्वकर्मा ने कहा कि प्रबंधन एवं ठेकेदार दोनों मिलकर ठेका श्रमिकों का शोषण कर रहे हैं हाई पावर कमेटी द्वारा तय न्यूनतम वेतन रुपए 985 तथा भूमिगत भत्ता एवं अन्य भत्ता अलग से का भुगतान ना कर मात्र 400 प्रतिदिन की दर से वेतन भुगतान किया जा रहा है। ठेका श्रमिकों का सीएमपीएफ राशि की कटौती का कोई हिसाब किताब नहीं है, और ना ही ठेका मजदूरों को कोई सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। हाल फिलहाल में गायत्री खदान के एक ठेका श्रमिक की मौत हो गई जिसके परिवार को आज तक सीएमपीएफ की राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसी प्रकार 2 माह पहले गायत्री खदान के एक ठेका का श्रमिक खदान का खान दुर्घटना में पैर की हड्डी टूट गई जिसे प्रबंधन एवं ठेकेदार के द्वारा भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। आज वह ठेका श्रमिक जंगली जड़ी बूटियों से अपने पैर का इलाज करा रहा है। कामरेड अजय विश्वकर्मा ने कहा कि ठेका श्रमिकों का शोषण किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ठेका श्रमिकों को संबोधित करते हुए बिश्रामपुर क्षेत्र के सचिव पंकज गर्ग ने कहा कि ठेका मजदूरों के वेतन भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर 10 सितंबर तक ठेका श्रमिकों को वेतन पर्ची एवं वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा तो 10 तारीख के बाद गायत्री खदान परिसर के मुख्य मार्ग से आवागमन रोक दिया जायेगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। आंदोलन के पश्चात एटक यूनियन के नेतृत्व में सँजय मिश्रा, खान प्रबंधक गायत्री के माध्यम से महाप्रबंधक विश्रामपुर को ज्ञापन प्रेषित किया गया। आज के कार्यक्रम कामरेड हीरालाल क्षेत्रीय अध्यक्ष एसकेएमएस, कॉमरेड विनोद सिंह, कामरेड वेणुगोपाल, कामरेड राजेश त्रिपाठी, कामरेड राजेश सिंह, कामरेड रंजीत मिश्रा, सहित सैकड़ों ठेका श्रमिकों शामिल रहे।