
सतत् सीखने से ही जनप्रतिनिधियों की भूमिका होगी प्रभावी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
सतत् सीखने से ही जनप्रतिनिधियों की भूमिका होगी प्रभावी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्यों के लिए IIM रायपुर में दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम का शुभारंभ
रायपुर, 22 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) रायपुर में आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “सतत् सीखने से ही जनप्रतिनिधियों की भूमिका प्रभावी होगी और छत्तीसगढ़ के विकास को नई दिशा मिलेगी।” इस कार्यक्रम का उद्देश्य विधायकों की नेतृत्व क्षमता को सशक्त बनाना और शासन में पारदर्शिता एवं दक्षता को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि “हम सभी के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का विकास हमारा साझा लक्ष्य है, और जनप्रतिनिधियों को प्रदेशवासियों के हित में सदैव समर्पित रहना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने “मन की बात” कार्यक्रम में निरंतर सीखने की बात करते हैं, क्योंकि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इस कार्यक्रम में अनुभवी और नए दोनों प्रकार के विधायकों की उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि वे अपने कर्तव्यों को लेकर गंभीर हैं और प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों के रूप में जनता से संवाद और उनका विश्वास जीतना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सुशासन की दिशा में उठाए जा रहे कदमों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे विधायकों को नवीनतम प्रशासनिक प्रक्रियाओं, कानूनों और तकनीकी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि “पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम, विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक मजबूत मंच प्रदान करेगा।” कार्यक्रम के दौरान ई-ऑफिस प्रणाली, सुशासन, नीति निर्माण, बजट प्रक्रिया और प्रशासनिक पारदर्शिता पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पिछले वर्ष IIM रायपुर में आयोजित चिंतन शिविर अत्यंत उपयोगी रहा था, और उससे मिले सुझावों का उपयोग नीति निर्माण और बजट तैयार करने में किया गया। इस कार्यक्रम से भी विधायकों को शासन संचालन की नई तकनीकों और नवाचारों को सीखने का अवसर मिलेगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने इस अवसर पर विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि “विधानसभा के बजट सत्र में सभी सदस्य लगभग एक महीने तक सक्रिय रूप से भाग लेते रहे और अब इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उनकी भागीदारी यह दर्शाती है कि वे अपने दायित्वों को लेकर गंभीर हैं।”
उन्होंने विधायकों से कहा कि “आप सोच रहे होंगे कि चुनाव जीतने के बाद प्रशिक्षण की क्या जरूरत है? लेकिन वास्तव में, जीतने के बाद हमारी जिम्मेदारी और भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। इसलिए हमें लगातार सीखते रहना चाहिए।”
रमन सिंह ने कहा कि “हमें केवल अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के बारे में नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए कार्य करना है।” उन्होंने विधायकों को सलाह दी कि वे अपने क्षेत्र की छोटी से छोटी समस्याओं से अवगत रहें और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर भी नजर बनाए रखें।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने अपने संबोधन में कहा कि “विधायक बनते ही कोई लीडर नहीं बन जाता, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उदाहरण देते हुए कहा कि “विषम परिस्थितियों से निकलकर जशपुर का एक आदिवासी बेटा आज प्रदेश का मुख्यमंत्री बना है। यही हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती और ताकत है।”
महंत ने विधायकों को जनता के प्रति जवाबदेह बनने की सलाह दी और कहा कि “हम सभी का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की उन्नति है और इसी उद्देश्य के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।”
IIM रायपुर द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जनप्रतिनिधियों को न केवल नीति निर्माण और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की समझ देगा, बल्कि उन्हें नई चुनौतियों से निपटने और अपने क्षेत्र में प्रभावी नेतृत्व प्रदान करने के लिए भी तैयार करेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक नीति, प्रशासनिक सुधार, डिजिटल गवर्नेंस, सुशासन में तकनीकी नवाचार और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही जैसे विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी। विशेषज्ञों द्वारा विधायकों को नेतृत्व कौशल, संकट प्रबंधन, प्रभावी संचार और नीति निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “यदि हमें प्रदेश को आगे ले जाना है, तो सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए समान रूप से तैयार रहना होगा।” उन्होंने सार्वजनिक हित में तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।
ई-गवर्नेंस और डिजिटल इंडिया मिशन के तहत, छत्तीसगढ़ सरकार ई-ऑफिस प्रणाली को तेजी से लागू कर रही है, जिससे प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि हुई है। इस कार्यक्रम में भी डिजिटल गवर्नेंस को लेकर विशेष सत्र आयोजित किए गए हैं, ताकि विधायकों को नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी जा सके।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के कई सदस्य उपस्थित रहे। इसके अलावा, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम, IIM रायपुर के निदेशक राम कुमार, प्रोफेसर सुमीत गुप्ता, प्रोफेसर संजीव पराशर और प्रोफेसर अर्चना पराशर भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी विधायकों से “इस दो दिवसीय सत्र का पूरा लाभ उठाने” की अपील की और IIM रायपुर को इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों को एक नया दृष्टिकोण और नेतृत्व कौशल प्रदान करेगा, जिससे वे अपने क्षेत्र में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकेंगे।
छत्तीसगढ़ के विकास और सुशासन को नई दिशा देने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम भविष्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।