
आज मनाया जायेगा विश्व मलेरिया दिवस
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मलेरिया मुक्त की ओर अग्रसर बलरामपुर-रामानुजगंज जिला
सतीश जायसवाल/न्यूज रिपोर्टर/बलरामपुर/विश्व मलेरिया दिवस प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है, यह दिन इस बात के लिए भी जाना पहचाना जाता है कि मलेरिया के नियंत्रण के लिए किस प्रकार के वैश्विक प्रयास किये जा रहे हैैै। मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी से हर साल कई लाख लोग ग्रसित होते हैं।
पूर्व के वर्षों में प्रदेश में ज्यादा मलेरिया रोगी की पहचान बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में होती थी, परन्तु वर्तमान में जिले की स्थिति बदल चुकी है और जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. के मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में मलेरिया के रोकथाम तथा उन्मूलन हेतुु कई कार्य किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले को मलेरिया मुक्त बनाने हेतु सभी विकासखण्डों में मलेरिया मुक्त अभियान व मच्छरदानी वितरण, मलेरिया जागरूकता रैली व जागरूकता रथ का आयोजन किया गया जिसका बेहद ही प्रभावशाली असर देखने को मिला है। मलेरिया मुक्त अभियान एवं मच्छरदानी वितरण कार्यक्रम ने जिले को मलेरिया मुक्त बनाने में इतिहास रच दिया, इन कार्यक्रमों के द्वारा जिले में मलेरिया परजीवी का दर पहली बार सबसे कम 0.02 प्रतिशत् तक पहुंच गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि मलेरिया की बीमारी मादा ऐनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है, जब मादा एनाफिलिज मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटती है तो पैरासाइट का अंश मच्छर के शरीर में ट्रान्सफर हो जाता है, इसके बाद जब संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है तो यह पैरासाइट व्यक्ति के शरीर में ट्रान्सफर हो जाता है तथा व्यक्ति संक्रमित हो जाता है एवं उसमें 6 से 8 दिन बाद मलेरिया बीमारी के लक्षण दिखने प्रारम्भ हो जाते हैं, जिसमें तेज बुखार, थकान, सर दर्द, पेट दर्द, चक्कर, बेहोशी, एनीमिया, मासपेशियों में दर्द, उल्टी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
उन्होंने बताया कि बलरामपुर-रामानुजगंज जिला वनों से घिरा हुआ क्षेत्र है तथा पूर्व के वर्षों में मलेरिया के रोगी यहां व्यापक रूप से मिलते थे। परन्तु अब जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जा रहे स्वास्थ्य कैम्प तथा मलेरिया रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान, दवा उपचारित मच्छरदानी वितरण, मितानीन द्वारा गांव में ही मलेरिया जांच की सुविधा से मलेरिया के फैलाव को रोका गया है।
जिले के विकासखण्डों में 3 लाख 39 हजार 514 नग दवा उपचारित मच्छरदानी का वितरण किया गया है, साथ ही 2 एपीआई से ऊपर वाले उप स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में स्वास्थ्य कैम्प भी लगाया गया तथा डी.डी.टी. का छिड़काव भी किया गया जो कि जिले को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ। इसके साथ ही कलेक्टर की अध्यक्षता में मलेरिया उन्मूलन कमेटी का गठन करते हुए कार्ययोजना तैयार कर सभी विभागों के समन्वय कर किये गये प्रयासों से वर्ष 2022 में मलेरिया के केवल 73 रोगी मिले तथा परजीवी सूचकांक 0.08 प्रतिशत् पर आ गया।