
युद्ध ने दुनिया के 2.5 अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है: यूपी सीएम आदित्यनाथ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि युद्ध ने दुनिया के 2.5 अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
यहां सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में दुनिया के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संबोधन पर चर्चा करते हुए कहा, “युद्ध ने दुनिया के 2.5 अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।”
आदित्यनाथ ने विश्व नेताओं से एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज बनाने का आग्रह किया।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने इसे वैश्विक मानवता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा शांति, सद्भाव और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीशों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावना को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरणादायी बताया।
उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 51 हम सभी को सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंध विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए नैतिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
समारोह को प्रेरणादायी बताते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसका आयोजन संविधान को अंगीकार किए जाने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
आदित्यनाथ ने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का आह्वान भी किया।
मुख्यमंत्री ने सीएमएस के संस्थापक डा. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शिता और प्रयासों के कारण यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। उन्होंने इस कार्यक्रम को जारी रखने के लिए डा. भारती गांधी और गीता गांधी को धन्यवाद दिया।