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उच्च शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग का निर्णय, छत्तीसगढ़ के योग्य युवाओं के साथ अन्याय

उच्च शिक्षा विभाग में आउटसोर्सिंग का निर्णय, छत्तीसगढ़ के योग्य युवाओं के साथ अन्याय

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रायपुर/ भाजपा सरकार द्वारा उच्च शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को आउटसोर्सिंग से भरने के आदेश पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि प्रदेश में सरकारी नौकरी के एक लाख पदों को स्थानीय युवाओं की भर्ती से पूरा करने का वादा कर चुनाव जीतने वाली भाजपा ने अब अपना असली रंग दिखा दिया है। जिस तरह से पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार के 15 साल के कुशासन के दौरान सरकारी नौकरी में आउटसोर्सिंग करके छत्तीसगढ़ के युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अवसर बेचे, उसी तर्ज पर अब एकबार फिर उच्च शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला तकनीशियन और प्रयोगशाला परिचारक के 1209 पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने का निर्णय लिया गया है। साय सरकार का यह फरमान छत्तीसगढ़ के युवाओं के प्रति विश्वासघात है। छत्तीसगढ़िया युवाओं से भाजपा सरकार को इतनी हिकारत क्यों है? अनियमित कर्मचारियों को 100 दिन में नियमित करने का वादा झूठा निकला अब आउटर्सोस करके स्थानीय युवाओं का हक छीन रही है। बीते एक साल से नई सरकारी नौकरी की बाट जोह रहे युवाओं को सरकार ने धोखा दिया है, प्रदेश के युवा ढूंढ रहे हैं कहाँ है स्थानीय भर्ती? कहां है वेकेंसी?

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी का चरित्र सामाजिक न्याय के खिलाफ है आउटसोर्सिंग के जरिए सरकारी पदों पर भर्ती छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं के खिलाफ आर्थिक, सामाजिक साजिश है, संघी भाजपाईयों का षड्यंत्र है। रिमोट से चलने वाली साय सरकार के लिए बेहतर है कि पूरी की पूरी भाजपा सरकार को आउटसोर्स कर दें ताकि सारे कमिशन सीधे मोदी अडानी को जाए, केवल छत्तीसगढ़ी युवाओं के साथ अन्याय क्यों?

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा के सरकार के द्वारा इस तरह से आउटसोर्सिंग के जरिए सरकारी पदों को भरने के निर्णय से सबसे ज्यादा नुकसान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थीयों को उठाना पड़ेगा। युवा विरोधी भाजपा की सरकार को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को आरक्षित वर्ग के युवाओं से चीन का कोई हक नहीं है ऐसे तुगलक की फरमान तत्काल वापस होना चाहिए और स्थानीय युवाओं के नियमित पदों पर सीधी भर्ती आरंभ किया जाना चाहिए।

Ashish Sinha

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