छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनांदगांवराजनीतिराज्य

लू से बचाव के संबंध में आवश्यक सलाह

लू से बचाव के संबंध में आवश्यक सलाह

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

राजनांदगांव// गर्मी के मौसम को देखते हुए लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मार्गदर्शन दिया गया है। जब वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फेरनहाइट से ज्यादा हो तो हीट वेव की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसे सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है। इसका असर बच्चों, बुजर्गों एवं कोमार्बिड लोगों में सर्वाधिक होता है। हमारे शरीर के टेम्परेचर रेग्यूलेशन (तापमान नियंत्रण) मस्तिष्क के हाईपोथलेमस भाग से होता है। जब वातावरण 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फेरनहाइट से अधिक हो जाता है, तब टेम्पेरचर रेग्यूलेशन तंत्र प्रभावित होता है। परिणामस्वरूप तब हीट स्ट्रोक की स्थिति उत्पन्न होती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि लू लगने पर शरीर में लक्षण दिखाई देने लगते है। जिसमें सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना शामिल है। लू से बचाव के लिए आवश्यक उपाय किए जा सकते है। बहुत अनिवार्य नहीं हो तो घर से बाहर न जाए, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले, पानी अधिक मात्रा में पीये, मौसमी फल जैसे तरबूज, ककड़ी,छाछ, लस्सी समय-समय पर लेते रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए जिससे हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पीये, चक्कर आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। उन्होंने प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से नि:शुल्क परामर्श लेने तथा उल्टी, सर दर्द, बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लेने कहा है।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!