
मुख्य सचिव ने वीसी के माध्यम से विभिन्न विकास परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की
मुख्य सचिव ने वीसी के माध्यम से विभिन्न विकास परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की
उत्तर बस्तर कांकेर, 05 मार्च 2025: प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों के कलेक्टर्स की बैठक आयोजित कर राज्य में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में कोयला खनन परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण, एनएचएआई के अधीन भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा कार्यों से लेकर माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क मार्ग एवं मोबाइल टावर की कनेक्टिविटी जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने बताया कि राज्य सरकार ने विकास कार्यों को शीघ्रता से आगे बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि कोयला खनन परियोजना से सम्बंधित रिपोर्ट में बताया गया कि खनन गतिविधियों के दौरान पर्यावरण संरक्षण एवं स्थानीय जनजीवन को ध्यान में रखते हुए कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल ऊर्जा संसाधनों का दोहन करना है, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी सुनिश्चित करना है ताकि संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हों और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए।
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग व एनएचएआई के अधीन भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा कार्यों में अब तक काफी प्रगति हुई है। उन्होंने आगे कहा कि रायपुर से विशाखापट्टनम तक फैले भारतमाला परियोजना के तहत, राजमार्ग के निर्माण एवं संबंधित आधारभूत संरचनाओं के विकास में जिलेवार कार्य प्रगति पर है। यह परियोजना देश के परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापार व निवेश को भी बढ़ावा देगी।
बैठक में अन्य अहम मुद्दों में से एक माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के प्रयास रहे। मुख्य सचिव ने बताया कि इन क्षेत्रों में सड़क मार्ग एवं मोबाइल टावर की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे न केवल प्रशासनिक गतिविधियाँ सुचारू होंगी बल्कि स्थानीय जनता को भी बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी। यह कदम विकासशील क्षेत्रों में आपसी संवाद एवं व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स से यह अपेक्षा व्यक्त की कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों से सम्बंधित भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा कार्यों से जुड़े जिलेवार लंबित मामलों के निराकरण में तेजी लाएँ। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर इन मामलों का समय पर समाधान सुनिश्चित करने से परियोजनाओं की कार्यवाही में कोई अड़चन नहीं आएगी और विकास कार्यों में निश्चित रूप से तेजी आएगी। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित विभागों के साथ मिलकर सभी प्रक्रियाओं का समुचित निरीक्षण करें तथा किसी भी तरह की अकारण देरी से बचें।
बैठक में जिले के अपर कलेक्टर एस. अहिरवार ने भी अपने विभाग की ओर से प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा कार्यों में अब तक पर्याप्त प्रगति हुई है, परन्तु कुछ क्षेत्रों में प्रक्रियाओं में बाधाएँ आई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में इन बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे तथा संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
इस बैठक में चर्चा का एक और महत्वपूर्ण बिंदु राज्य में चल रहे सभी प्रक्रियाधीन परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन एवं योजना के बारे में था। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि वित्तीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन एवं उपयोग से परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस दिशा में भी कई नई पहलें आरंभ की हैं, जिनका उद्देश्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है।
मुख्य सचिव ने बताया कि आने वाले दिनों में विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर प्रस्तुत की जाएंगी ताकि उच्च स्तरीय प्रबंधन द्वारा उन पर निगरानी रखी जा सके। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से यह भी आग्रह किया कि वे परियोजनाओं की प्रगति के साथ-साथ उत्पन्न होने वाली चुनौतियों एवं उनके संभावित समाधानों पर भी ध्यान दें।
इस बैठक में परियोजना कार्यों के साथ-साथ, स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस के समन्वय पर भी चर्चा हुई। खासकर माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था एवं आम जनता के दैनिक जीवन में सुधार के लिए प्रशासनिक सहयोग की महत्ता पर बल दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि सड़क मार्ग एवं मोबाइल टावर के विकास से न केवल संपर्क व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि सुरक्षा बलों की कार्यशैली में भी बदलाव आएगा।
मुख्य सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक न्याय को भी नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोयला खनन परियोजना के अंतर्गत पर्यावरणीय मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा तथा स्थानीय निवासियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। इस दिशा में विभागीय स्तर पर विशेष निरीक्षण समितियाँ गठित की गई हैं, जो नियमित अंतराल पर परियोजना स्थलों का जायजा लेंगी।
अमिताभ जैन ने आगे कहा कि राज्य में चल रही परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय एवं संवाद की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर कार्यों की निगरानी एवं प्रबंधन में सुधार लाया जा रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दूर-दराज के जिलों में भी परियोजना की प्रगति पर नज़र रखी जा रही है, जिससे समय-समय पर आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
बैठक में उपस्थित कलेक्टर्स ने भी अपनी चुनौतियों एवं उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। कई कलेक्टर्स ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के मामले में समय-समय पर कानूनी अड़चनें सामने आती हैं, जिन्हें दूर करने के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में इन अड़चनों का समाधान निकालने के लिए मिलकर काम किया जाएगा।
सड़क निर्माण कार्यों में आई अड़चनों पर भी चर्चा हुई। कुछ जिलों में भौगोलिक एवं मौसमी परिस्थितियाँ कार्य में बाधा डाल रही थीं, परन्तु तकनीकी एवं प्रशासनिक सुधारों से इन समस्याओं का समाधान निकाला जा रहा है। मुख्य सचिव ने बताया कि ऐसे मामलों में तकनीकी विशेषज्ञों एवं सलाहकारों की टीम का गठन किया जाएगा ताकि सड़क निर्माण कार्य में आई अड़चनें शीघ्रता से सुलझाई जा सकें।
इस विस्तृत चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू स्थानीय विकास एवं रोजगार सृजन से जुड़ा था। अधिकारियों ने बताया कि चल रही परियोजनाओं से न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। कोयला खनन, सड़क निर्माण एवं अन्य विकास कार्यों से संबंधित परियोजनाओं के माध्यम से युवा वर्ग को नई नौकरियाँ मिलने की संभावना है, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।
मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों से यह भी आग्रह किया कि वे परियोजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान स्थानीय जनता की समस्याओं एवं आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखें। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मूल उद्देश्य जनता की सेवा करना है और इसलिए हर कदम पर लोगों की सहभागिता एवं फीडबैक को महत्व दिया जाएगा।
बैठक के समापन पर, मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने विकास के हर पहलू पर काम करने के लिए ठोस योजना बनाई है और अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस दिशा में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में और अधिक बैठकें आयोजित की जाएँगी, जिसमें परियोजनाओं की प्रगति, चुनौतियाँ एवं समाधान पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में चल रही विकास परियोजनाएँ न केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित हैं, बल्कि स्थानीय जनजीवन में सुधार एवं सामाजिक न्याय को भी महत्व दिया जा रहा है। कोयला खनन परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण एवं माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी जैसी पहलों से क्षेत्रीय विकास की गति में तेजी आएगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
अमिताभ जैन ने अंत में कहा कि यह बैठक एक सकारात्मक संकेत है कि सरकार विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय है और समय-समय पर उच्च स्तरीय निगरानी एवं समन्वय के माध्यम से किसी भी समस्या का त्वरित समाधान किया जा रहा है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील की कि वे मिलकर काम करें और राज्य में विकास की इस नई लहर को जन-जन तक पहुँचाएं।
इस प्रकार, आज की बैठक ने प्रदेश के विकास कार्यों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आगामी दिनों में इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से न केवल राज्य का बुनियादी ढांचा सुदृढ़ होगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा। सरकार की यह पहल प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक विकास की किरण पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगी, जिससे राज्य का भविष्य उज्जवल और समृद्ध बनेगा।
स्थानीय प्रशासन ने इस बैठक के बाद यह आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में भी परियोजनाओं की स्थिति पर निगरानी जारी रहेगी एवं समय रहते आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, केंद्र सरकार के साथ भी समन्वय बनाए रखते हुए, राज्य में विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त संसाधनों एवं तकनीकी सहयोग की व्यवस्था की जाएगी।
विस्तृत चर्चाओं एवं विचार-विमर्श के बाद यह भी निर्णय लिया गया कि परियोजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट का सारांश तैयार कर सभी संबंधित विभागों एवं जिला कार्यालयों में भेजा जाएगा। इस रिपोर्ट से न केवल परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति का पता चलेगा, बल्कि भविष्य की योजना बनाने में भी सहूलियत होगी।
इस पूरे प्रयास का उद्देश्य राज्य के विकास को एक नई दिशा देना है, जिसमें बुनियादी ढांचे के साथ-साथ आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय सुधार शामिल हैं। सरकार का मानना है कि विकास के इस मार्ग पर चलने से प्रदेश में न केवल निवेश बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों एवं सेवाओं में भी सुधार होगा।
अंततः, आज की बैठक ने यह संदेश दिया है कि राज्य की विकास योजनाओं में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सभी संबंधित विभाग मिलकर काम करेंगे ताकि विकास कार्यों में आई रुकावटें दूर हो सकें एवं प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। इस दिशा में उच्च स्तरीय निगरानी एवं समन्वय के साथ-साथ नागरिकों की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस विस्तृत एवं सामूहिक प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के विकास के हर क्षेत्र में संतुलित एवं समग्र प्रगति होगी, जिससे आने वाले समय में राज्य का हर नागरिक लाभान्वित हो सकेगा।