
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आध्यात्मिक गुरु रविशंकर से लिया आशीर्वाद, छत्तीसगढ़ के विकास और आध्यात्मिक उत्थान पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आध्यात्मिक गुरु रविशंकर से लिया आशीर्वाद, छत्तीसगढ़ के विकास और आध्यात्मिक उत्थान पर हुई चर्चा
रायपुर, 12 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री निवास में आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर से मुलाकात की। इस सौजन्य भेंट में प्रदेश की समृद्धि, खुशहाली और आध्यात्मिक विकास को लेकर विचार-विमर्श हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक जशपुर स्थित विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का छायाचित्र और बस्तर आर्ट में निर्मित नंदी की प्रतिकृति भेंट कर रविशंकर का अभिनंदन किया।
सदियों पुराने सोमनाथ शिवलिंग के अवशेष लेकर पहुंचे रविशंकर
रविशंकर ने मुख्यमंत्री साय को अवगत कराया कि वे इस बार अपने साथ 1000 वर्ष पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित शिवलिंग के अवशेष लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि यह ऐतिहासिक शिवलिंग सदियों तक एक अग्निहोत्री परिवार द्वारा संरक्षित किया गया और अब वे इसे देशभर में श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ पहुंचाने का पावन कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सहित उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस खंडित शिवलिंग के दर्शन किए और अपनी आस्था प्रकट की।
आर्ट ऑफ लिविंग और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच एमओयू पर चर्चा
मुख्यमंत्री और रविशंकर के बीच हाल ही में हुए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर भी महत्वपूर्ण चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ सरकार और व्यक्ति विकास केंद्र इंडिया (आर्ट ऑफ लिविंग) के बीच इस समझौते का उद्देश्य ग्रामीण विकास, आजीविका सृजन और समग्र सामाजिक कल्याण से जुड़ा है।
राज्य सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण इलाकों में आध्यात्मिक जागरूकता, जीवन कौशल प्रशिक्षण, योग, ध्यान और प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना है। इस एमओयू के तहत छत्तीसगढ़ के दूरस्थ गांवों में युवाओं और महिलाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा,
“आध्यात्मिक उन्नति और आर्थिक विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के ग्रामीण इलाकों में जीवनशैली सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग जैसी संस्थाओं का सहयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
रायपुर में होगा शंखनाद महासत्संग, मुख्यमंत्री को दिया गया आमंत्रण
रविशंकर ने मुख्यमंत्री को राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित ‘शंखनाद महासत्संग’ कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में शांति, सद्भाव और मानसिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
महासत्संग में हजारों श्रद्धालु, योग साधक और जीवनशैली प्रशिक्षक शामिल होंगे। इस दौरान भजन-संकीर्तन, ध्यान-सत्र और जीवन प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद होगा। मुख्यमंत्री ने इस आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम में शामिल होने का आश्वासन दिया।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को मिला नया आयाम
रविशंकर ने छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक संपदा की सराहना करते हुए कहा कि यहां की धरती ऋषियों, संतों और तपस्वियों की साधना स्थली रही है। जशपुर स्थित मधेश्वर पहाड़ पर स्थित प्राकृतिक शिवलिंग, डोंगरगढ़ का बम्लेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा का दंतेश्वरी मंदिर और सिरपुर की बौद्ध धरोहरें प्रदेश को एक विशेष पहचान देती हैं।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े विशेष प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन से प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन को नया आयाम मिल सकता है।
राज्य सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से चलने वाले प्रमुख कार्यक्रम
मुख्यमंत्री और रविशंकर की बैठक के दौरान निम्नलिखित योजनाओं और कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई:
गांवों में ध्यान केंद्रों की स्थापना: छत्तीसगढ़ के प्रमुख गांवों में योग और ध्यान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग मानसिक स्वास्थ्य और सकारात्मक जीवनशैली के बारे में सीख सकें।
किसानों के लिए प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण: आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से किसानों को रासायनिक मुक्त खेती के गुर सिखाए जाएंगे, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण भी होगा।
युवाओं के लिए नेतृत्व और कौशल विकास कार्यक्रम: युवा शक्ति को सशक्त बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे वे रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर प्राप्त कर सकें।
महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार और छोटे उद्यमों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।
आध्यात्मिक पर्यटन: छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों को देश और दुनिया में पहचान दिलाने के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जाएंगी।
छत्तीसगढ़ में आध्यात्मिक जागरण की नई पहल
छत्तीसगढ़ सरकार के इस प्रयास से प्रदेश में आध्यात्मिक जागरण और सामाजिक सुधार को एक नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आध्यात्मिक संस्थाओं और सरकार के संयुक्त प्रयास से समाज को एक सकारात्मक दिशा दी जा सकती है।
“हम छत्तीसगढ़ को केवल आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। योग, ध्यान, नैतिक शिक्षा और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।”
इस पहल से छत्तीसगढ़ में संतुलित विकास, मानसिक शांति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा। सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग के बीच यह साझेदारी राज्य में आध्यात्मिक चेतना को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव डॉ. बसवराजू एस., पी. दयानंद, राहुल भगत, जनसंपर्क आयुक्त रवि मित्तल, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय और उनके परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और रविशंकर की यह बैठक प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित हो सकती है। जहां एक ओर राज्य सरकार ग्रामीण विकास और आजीविका सृजन पर काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक जागरूकता और मानसिक शांति को भी समान महत्व दिया जा रहा है।
यह साझेदारी छत्तीसगढ़ के आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। इस प्रकार की पहल से राज्य में न केवल रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आध्यात्मिक चेतना के माध्यम से समाज में शांति और सद्भाव का भी संचार होगा।