
भाजपा सरकार की शराब नीति पर कांग्रेस का हमला: 67 नई दुकानों के फैसले पर उठाए सवाल
भाजपा सरकार की शराब नीति पर कांग्रेस का हमला: 67 नई दुकानों के फैसले पर उठाए सवाल
रायपुर, 18 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में शराब की काली कमाई के लिए 67 नई शराब दुकानें खोली जा रही हैं। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद से ही शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहले अंग्रेजी शराब पर 9.5% अतिरिक्त टैक्स कम किया गया, फिर शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए अहाते खोले गए, और अब एयर-कूल्ड अहाते बनाकर शराब की खपत बढ़ाने की साजिश रची जा रही है।
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जब भाजपा ने चुनाव के दौरान शराबबंदी का वादा किया था, तो अब इस वादे को पूरा करने से पीछे क्यों हट रही है? शुक्ला ने कहा कि भाजपा के छोटे-बड़े नेताओं ने जनता के बीच जाकर शराबबंदी की बातें की थीं, लेकिन सरकार बनने के बाद इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली गई है।
शराबबंदी के सवालों पर भाजपा सरकार की चुप्पी
कांग्रेस ने भाजपा सरकार से सीधे तौर पर जवाब मांगते हुए कहा कि जब चुनाव के समय शराबबंदी की दुहाई दी गई थी, तो अब इसे लागू करने से सरकार क्यों पीछे हट रही है? कांग्रेस ने भाजपा सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं:
अंग्रेजी शराब पर 9.5% अतिरिक्त टैक्स को क्यों कम किया गया?
सरकार 67 नई शराब दुकानें क्यों खोलने जा रही है?
भाजपा सरकार स्पष्ट करे कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी कब लागू होगी?
शराब दुकानों के बगल में एयर-कूल्ड अहाते क्यों खोले गए?
ढाबों एवं रेस्टोरेंट में शराब बिक्री करवाने का निर्णय क्यों लिया गया?
बार में 18 वर्ष से कम आयु के लोगों का प्रवेश वर्जित रहता है, लेकिन ढाबों और रेस्टोरेंट में बच्चे भी जाते हैं। क्या सरकार वहां बच्चों को भी शराब परोसेगी?
‘मनपसंद’ एप बनाकर सरकार शराब की बिक्री को बढ़ावा देने की कोशिश क्यों कर रही है?
पिछले एक साल में दो बार शराब की कीमतें बढ़ाई गईं और तीन बार शराब खरीद नीति बदली गई, फिर भी अवैध बिक्री को संरक्षण देने का कारण क्या है?
सरकारी दुकानों में प्रति पेटी 200 रुपये देकर कोचियों को शराब क्यों उपलब्ध कराई जा रही है?
राज्य में एफएल-10 लाइसेंस निरस्त कर सरकार ने शराब दुकानों से सीधे शराब खरीदने का निर्णय क्यों लिया? इससे शराब कंपनियों से मिलने वाला कमीशन कहां जा रहा है?
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 100 शराब दुकानें बंद की थीं, भाजपा सरकार बनने के बाद कितनी दुकानों को बंद किया गया?
शराब की खपत को कम करने के लिए सरकार कोई ठोस प्रयास क्यों नहीं कर रही है?
चुनावी वादों से मुकर रही भाजपा?
प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले लगातार यह प्रचार किया कि सत्ता में आते ही वह राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करेगी। भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान गांव-गांव और शहर-शहर जाकर यह आश्वासन दिया कि राज्य को नशा मुक्त बनाया जाएगा। लेकिन सरकार बनने के बाद भाजपा अपने ही वादे से पीछे हट गई है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार बनने के बाद पहले तो शराब पर अतिरिक्त टैक्स कम किया गया, फिर शराब की बिक्री को बढ़ाने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए गए। अब 67 नई दुकानें खोलने का निर्णय यह दर्शाता है कि सरकार को केवल शराब से होने वाली कमाई की चिंता है, न कि जनता के स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति की।
शराब नीति में बदलाव से बढ़ेगी अवैध बिक्री?
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार शराब नीति में लगातार बदलाव कर रही है, जिससे अवैध शराब बिक्री को बढ़ावा मिल रहा है। पिछले एक साल में दो बार शराब की कीमतों में बढ़ोतरी की गई और तीन बार शराब खरीद नीति बदली गई। इसके बावजूद अवैध शराब बिक्री पर कोई नियंत्रण नहीं है।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी दुकानों में प्रति पेटी 200 रुपये देकर कोचियों को शराब उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। सरकार ने एफएल-10 लाइसेंस को भी निरस्त कर दिया, जिससे शराब दुकानों से सीधे शराब खरीदी जा रही है। कांग्रेस ने पूछा कि इससे शराब कंपनियों से मिलने वाला कमीशन कहां जा रहा है?
महिलाओं और युवाओं के लिए खतरा बढ़ा?
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह महिलाओं और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। ढाबों और रेस्टोरेंट में शराब बिक्री की अनुमति देने से महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थान असुरक्षित बनेंगे। इसके अलावा, नाबालिगों के लिए भी शराब सुलभ हो जाएगी, जिससे समाज में अपराध और नशे की लत बढ़ सकती है।
कांग्रेस ने सवाल किया कि बार में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों का प्रवेश वर्जित होता है, लेकिन ढाबों और रेस्टोरेंट में हर आयु वर्ग के लोग आते हैं। ऐसे में क्या सरकार यह सुनिश्चित कर पाएगी कि वहां नाबालिगों को शराब नहीं परोसी जाएगी?
भाजपा सरकार पर शराब लॉबी से मिलीभगत का आरोप
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर शराब लॉबी से मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की सरकार बनने के बाद शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नई नीतियां बनाई गईं। शराब पर लगने वाला अतिरिक्त टैक्स कम करना और शराब दुकानों के साथ एयर-कूल्ड अहाते बनवाना इसी साजिश का हिस्सा है।
कांग्रेस का कहना है कि यदि भाजपा सरकार वास्तव में शराबबंदी को लेकर गंभीर होती, तो वह नई शराब दुकानें खोलने के बजाय पुरानी दुकानों को बंद करने का फैसला लेती। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में 100 शराब दुकानों को बंद किया था, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद शराब दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा ने चुनाव से पहले शराबबंदी का वादा कर जनता को धोखा दिया और अब सत्ता में आकर शराब की बिक्री को बढ़ावा देने में जुट गई है।
कांग्रेस का कहना है कि यदि सरकार वास्तव में जनता के हित में काम कर रही होती, तो वह शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाती। लेकिन भाजपा सरकार का पूरा ध्यान केवल शराब से होने वाली राजस्व वृद्धि पर है।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार से जवाब मांगा है कि वह बताए कि राज्य में शराबबंदी कब लागू होगी। कांग्रेस का कहना है कि यदि सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रही, तो इसका जवाब जनता आगामी चुनावों में देगी।
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार शराब की बिक्री को बढ़ाने की नीतियों को जारी रखती है, तो पार्टी इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार को जनता से किए गए वादों को निभाना चाहिए और राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करनी चाहिए।
भाजपा सरकार के शराबबंदी वादे पर कांग्रेस ने कड़ा हमला बोला है। 67 नई शराब दुकानों के फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर चुनावी वादों से मुकरने, शराब लॉबी से मिलीभगत करने और अवैध शराब बिक्री को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। अब देखना होगा कि भाजपा सरकार इन सवालों का जवाब देती है या फिर इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखती है।