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छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस पर सियासी घमासान: कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया चुनावी लाभ का आरोप

छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस पर सियासी घमासान: कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया चुनावी लाभ का आरोप

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रायपुर/22 मार्च 2025 /छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिहार दिवस मनाने को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इसे भाजपा का राजनीतिक स्टंट करार देते हुए आरोप लगाया है कि पार्टी इस आयोजन के जरिए बिहार में आगामी चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पिछले 16 वर्षों में भाजपा की सरकार रही, तब छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मनाने की जरूरत क्यों नहीं महसूस हुई?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बिहार का अस्तित्व भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से पहले का है। उन्होंने सवाल किया कि अगर भाजपा को बिहार दिवस मनाना ही था, तो इससे पहले क्यों नहीं मनाया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का हर कार्यक्रम चुनावी लाभ के उद्देश्य से किया जाता है और बिहार में आगामी चुनावों को देखते हुए यह आयोजन भी उसी रणनीति का हिस्सा है।

बैज ने आरोप लगाया कि हाल ही में छत्तीसगढ़ में लगभग 2500 बिहारियों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताकर पुलिस हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा एक तरफ बिहारियों को निशाना बनाती है और दूसरी ओर उनके हितैषी बनने का नाटक करती है।

दीपक बैज ने प्रदेश भाजपा प्रभारी नितिन नवीन को निशाने पर लेते हुए कहा कि वही व्यक्ति, जिसने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति लगाए जाने का विरोध किया, अब बिहार दिवस मनाने का समर्थन कर रहा है। उन्होंने इसे नितिन नवीन की चाटुकारिता करार दिया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और स्वाभिमान को ठेस पहुंचा रही है।

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बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए हरेली, तीजा-पोरा, गोवर्धन पूजा, विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किए गए थे। देवगुड़ी और घोटुल के संरक्षण के साथ ही छठ पूजा घाटों का निर्माण किया गया था। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार आने के बाद से आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी दिवस के दिन कोई आयोजन नहीं हुआ। लेकिन बिहार दिवस मनाने की जल्दी जरूर दिख रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के नेता बिहार दिवस को नवाचार बताकर उसका औचित्य साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, ऐसे में क्या भाजपा छत्तीसगढ़ में राजस्थान दिवस, महाराष्ट्र दिवस, तमिलनाडु दिवस या अन्य राज्यों के स्थापना दिवस भी मनाएगी? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों से हमेशा हिकारत रही है और यह आयोजन सिर्फ बिहार में राजनीतिक लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बनने के बाद से छत्तीसगढ़ के पारंपरिक गीत ‘अरपा पैरी के धार’ को सरकारी आयोजनों से हटा दिया गया। प्रदेश में छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दरकिनार कर बाहरी संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा बोरे-बासी को छत्तीसगढ़ का प्रमुख भोजन बताकर उपहास उड़ाती है, लेकिन अब बिहार दिवस मनाने के लिए तत्पर है।

भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि बिहार दिवस का आयोजन किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में रहने वाले बिहारी समाज के सम्मान के लिए किया जा रहा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बिहार से आकर बसे लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है और उन्हें सम्मान देना पार्टी का कर्तव्य है।

बिहार दिवस मनाने को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस इसे चुनावी हथकंडा बता रही है, जबकि भाजपा इसे बिहारी समाज के सम्मान से जोड़ रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर जब बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज होंगी। अब देखना यह होगा कि इस सियासी घमासान में जनता किसे सही मानती है और क्या भाजपा अपने इस आयोजन से कोई राजनीतिक लाभ उठा पाती है?

Ashish Sinha

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