
छत्तीसगढ़ सरकार की नई ईंधन नीति: उद्योगों को राहत, आम जनता को निराशा
छत्तीसगढ़ सरकार की नई ईंधन नीति: उद्योगों को राहत, आम जनता को निराशा
रायपुर, 01 अप्रैल 2025। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हाल ही में घोषित पेट्रोल और डीजल पर छूट की नीति को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। इस नीति के तहत उद्योगपतियों को डीजल खरीदने पर प्रति लीटर ₹6 की छूट दी गई है, जबकि आम जनता को पेट्रोल पर केवल ₹1 प्रति लीटर की राहत दी गई है। इस फैसले ने आम नागरिकों, परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोगों और किसानों के बीच असंतोष को जन्म दिया है।
नीति के मुख्य बिंदु
राज्य सरकार की इस नई नीति के तहत:
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उद्योगपतियों को डीजल खरीदने पर प्रति लीटर ₹6 की छूट दी गई है।
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आम जनता के लिए पेट्रोल पर केवल ₹1 प्रति लीटर की राहत दी गई है।
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डीजल पर उद्योगपतियों से 17% वैट लिया जा रहा है, जबकि आम उपभोक्ताओं को 24% वैट देना पड़ रहा है।
इस नीति के लागू होते ही ईंधन पर मिलने वाली छूट को लेकर सवाल उठने लगे हैं। उद्योगों को मिलने वाली राहत के विपरीत, आम उपभोक्ताओं को बहुत कम राहत दी गई है, जिससे जनता में असंतोष की स्थिति बनी हुई है।
महंगाई पर संभावित प्रभाव
ईंधन की कीमतों का सीधा असर कई क्षेत्रों पर पड़ता है। डीजल और पेट्रोल के दाम परिवहन, कृषि, व्यापार और रोजमर्रा की आवश्यकताओं से सीधे जुड़े होते हैं। अगर डीजल पर छूट केवल उद्योगपतियों तक सीमित रहती है, तो इसका लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पाएगा। इसके संभावित प्रभावों में शामिल हैं:
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ट्रांसपोर्ट लागत में बढ़ोतरी – आम ट्रक, बस और टैक्सी संचालकों को डीजल महंगा पड़ेगा, जिससे किराया बढ़ सकता है।
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कृषि क्षेत्र पर दबाव – किसानों के लिए सिंचाई पंप, ट्रैक्टर और अन्य उपकरणों का संचालन महंगा होगा, जिससे फसल उत्पादन की लागत बढ़ेगी।
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खाद्य वस्तुओं के दाम में वृद्धि – ट्रांसपोर्ट महंगा होने से सब्जियां, अनाज और रोजमर्रा की चीजें महंगी हो सकती हैं।
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छोटे व्यापारियों पर असर – होटल, दुकान और छोटे व्यवसायों को संचालन लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।
ईंधन पर कर व्यवस्था और असमानता
सरकार की कर नीति में डीजल और पेट्रोल पर अलग-अलग वैट दरें लागू की गई हैं। डीजल पर उद्योगपतियों को 17% वैट देना होता है, जबकि आम जनता के लिए यह 24% है। इससे उद्योगों को सस्ती दरों पर ईंधन मिल रहा है, जबकि आम उपभोक्ता अधिक कीमत चुका रहा है। इस असमान कर नीति से यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार आम जनता को समान राहत देने पर विचार कर रही है।
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य सरकार डीजल और पेट्रोल पर छूट को संतुलित रूप से लागू करे, तो इसका व्यापक आर्थिक लाभ हो सकता है। परिवहन लागत घटने से महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है और किसानों, छोटे व्यापारियों एवं आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।
संभावित समाधान और विकल्प
अगर सरकार इस नीति में संशोधन करती है, तो कुछ संभावित कदम उठाए जा सकते हैं:
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पेट्रोल पर दी जाने वाली राहत को बढ़ाकर ₹5-₹6 प्रति लीटर किया जाए।
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डीजल पर सभी उपभोक्ताओं के लिए एक समान कर दर लागू की जाए।
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कृषि, परिवहन और छोटे उद्योगों को भी विशेष छूट दी जाए।
छत्तीसगढ़ सरकार की नई ईंधन नीति में उद्योगपतियों को अधिक राहत दी गई है, जबकि आम जनता को अपेक्षाकृत कम लाभ मिला है। इससे महंगाई और लागत बढ़ने की आशंका है। यदि सरकार इस नीति में संतुलन स्थापित नहीं करती, तो आने वाले दिनों में यह बड़ा राजनीतिक और आर्थिक मुद्दा बन सकता है।