
ग्रीष्मकाल में पेयजल समस्या समाधान के लिए टोलफ्री नंबर जारी, ब्लॉक स्तर पर अधिकारी नियुक्त
ग्रीष्मकाल में पेयजल समस्या समाधान के लिए टोलफ्री नंबर जारी, ब्लॉक स्तर पर अधिकारी नियुक्त
जगदलपुर, 02 अप्रैल 2025: गर्मी के मौसम में बढ़ती जल संकट की समस्याओं को देखते हुए राज्य शासन ने जिले में पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा टोलफ्री नंबर 1800-233-0008 जारी किया गया है, जिस पर कॉल कर नागरिक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक विकासखंड में समस्या के त्वरित समाधान हेतु प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो पेयजल संकट से जुड़ी शिकायतों का निराकरण करेंगे।
गर्मियों में जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना को देखते हुए सरकार द्वारा यह विशेष पहल की गई है। टोलफ्री नंबर 1800-233-0008 पर नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, जिससे विभाग द्वारा तुरंत समाधान किया जाएगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इस हेल्पलाइन पर कॉल करके जल संकट से जुड़ी समस्याओं को सीधे विभाग तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
वर्तमान में जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण और उनकी मरम्मत का कार्य जारी है। गर्मी के दौरान बंद पड़े हैंडपंपों की मरम्मत का कार्य तेज कर दिया गया है, ताकि लोगों को निर्बाध जल आपूर्ति मिल सके। इसके अलावा, क्रेडा (CREDA) विभाग के सहयोग से सोलर ड्यूल पंपों का संधारण सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे जल आपूर्ति को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।
हर ब्लॉक में जल संकट की समस्याओं का निवारण करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तैनात किया गया है। नागरिक इन अधिकारियों से भी सीधे संपर्क कर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। निम्नलिखित ब्लॉकों में संबंधित अधिकारियों को नियुक्त किया गया है:
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दरभा एवं लोहंडीगुड़ा: उप अभियंता हिरेन्द्र बघेल (मो. 78289-57721)
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बास्तानार एवं तोकापाल: उप अभियंता एसएस पैकरा (मो. 75873-62080)
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बकावंड एवं बस्तर: उप अभियंता आलोक मंडल (मो. 99936-99227)
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जगदलपुर ब्लॉक: एसडीओ के. सुनिता (मो. 94252-65225)
इन अधिकारियों से सीधे संपर्क कर नागरिक अपनी पेयजल संबंधी समस्याओं की जानकारी दे सकते हैं, जिनका समाधान शीघ्र किया जाएगा।
हर वर्ष गर्मियों में पानी की मांग बढ़ने से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल संकट उत्पन्न होता है। इसे देखते हुए प्रशासन द्वारा पहले से ही आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। जल स्रोतों की सफाई, नए जल आपूर्ति योजनाओं पर कार्य और जल संरक्षण को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में हैंडपंपों के मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं शहरों में पाइपलाइन मरम्मत और नए जल आपूर्ति केंद्रों की स्थापना पर ध्यान दिया जा रहा है।
पेयजल संकट को रोकने के लिए प्रशासन के साथ ही नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी है। जल संरक्षण को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को पानी की बचत करने और जल संसाधनों के सतत उपयोग के बारे में जानकारी दी जा रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा विभिन्न पंचायतों और शहरी वार्डों में जल संरक्षण संबंधी कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है।
प्रशासन द्वारा निर्देश दिया गया है कि किसी भी पेयजल समस्या की शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें। यदि किसी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बाधित होती है तो वैकल्पिक उपायों को अपनाकर नागरिकों को राहत दी जाएगी। हैंडपंपों और सोलर पंपों के संधारण में किसी प्रकार की देरी न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से निरीक्षण करने को कहा गया है।
प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि वे जल संरक्षण को लेकर जागरूक रहें और अनावश्यक पानी की बर्बादी से बचें। जल संकट को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है, जिसमें प्रशासन और जनता दोनों की भागीदारी आवश्यक है।
ग्रीष्मकाल में जल संकट से निपटने के लिए राज्य शासन द्वारा टोलफ्री नंबर जारी करने, ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति करने और जल स्रोतों की मरम्मत एवं संधारण सुनिश्चित करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन उपायों से नागरिकों को निर्बाध जल आपूर्ति मिलने की उम्मीद है। यदि किसी क्षेत्र में जल संकट उत्पन्न होता है, तो नागरिक टोलफ्री नंबर पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिससे त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।