
जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया हुई सरल, समय पर पंजीकरण कराना अनिवार्य
जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया हुई सरल, समय पर पंजीकरण कराना अनिवार्य
जगदलपुर, 02 अप्रैल 2025। प्रदेश में जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया को अब और अधिक सरल बना दिया गया है, जिससे आम नागरिकों को इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी न हो। जन्म-मृत्यु की घटनाएं अब उसी स्थान पर पंजीकृत की जाएंगी, जहां वे घटित होती हैं। इसके लिए संबंधित पंजीयन अधिकारी जैसे ग्राम पंचायत सचिव, शासकीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी या स्थानीय नगरीय निकाय अधिकारी द्वारा प्रक्रिया संपन्न की जाएगी।
जनसाधारण से अपील की गई है कि वे जन्म-मृत्यु की घटना होने के 21 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से पंजीयन कराएं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में जन्म-मृत्यु पंजीयन अधिनियम 1969 और संशोधित अधिनियम 2023 के तहत जन्म-मृत्यु पंजीयन नियम 2001 के अनुसार पंजीकरण किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत जन्म-मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे हर नागरिक को कानूनी रूप से मान्य प्रमाणपत्र प्राप्त हो सके।
पंजीकरण प्रक्रिया और समय सीमा
जन्म-मृत्यु की घटना होने के 21 दिनों के भीतर पंजीकरण कराने पर प्रमाण पत्र की पहली प्रति निशुल्क प्रदान की जाती है। निर्धारित समय सीमा के बाद पंजीकरण करवाने पर अतिरिक्त प्रक्रियाओं का पालन करना होता है, जिसमें जुर्माना भी लगाया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, सभी नागरिकों को समय पर पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि वे बाद में किसी भी कानूनी या प्रशासनिक समस्या से बच सकें।
क्यों जरूरी है जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र?
जन्म प्रमाण पत्र, जन्म स्थान और जन्म तिथि का कानूनी प्रमाण है। यह दस्तावेज विभिन्न सरकारी और निजी कार्यों में आवश्यक होता है, जैसे—
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शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश
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आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाने के लिए
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सरकारी एवं निजी नौकरी के लिए
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ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए
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मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए
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विवाह पंजीकरण के लिए
इसी तरह, मृत्यु प्रमाण पत्र भी कई कानूनी और वित्तीय कार्यों के लिए आवश्यक होता है। यह प्रमाण पत्र संपत्ति के उत्तराधिकार, बीमा दावों और अन्य वित्तीय लाभों को प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के तहत जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र को कानूनी दस्तावेज के रूप में मान्यता प्राप्त है।
कहां कराएं पंजीयन?
राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जन्म-मृत्यु का पंजीकरण केवल उसी स्थान पर किया जा सकता है, जहां घटना घटी हो। पंजीकरण के लिए निम्नलिखित स्थानों पर संपर्क किया जा सकता है:
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ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
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जिला अस्पताल और निजी अस्पताल
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शहरी क्षेत्रों में स्थानीय नगरीय निकाय
अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु घर पर हुई है, तो पंजीयन स्थानीय निकाय में किया जाएगा। वहीं, अस्पताल में जन्म या मृत्यु होने की स्थिति में संबंधित अस्पताल के प्रभारी अधिकारी द्वारा पंजीकरण प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
नवजात के नामकरण की प्रक्रिया
कई बार माता-पिता बच्चे के जन्म के समय उसका नाम तय नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में, पहले जन्म प्रमाण पत्र बिना नाम के जारी किया जाता है। बाद में नाम जोड़ने की प्रक्रिया तय मानकों के अनुसार पूरी करनी होती है। जन्म स्थान के अनुसार संबंधित पंजीयन केंद्र में नाम जोड़ने के लिए आवेदन करना अनिवार्य होता है।
पंजीकरण नहीं कराने पर क्या होंगी दिक्कतें?
अगर किसी व्यक्ति का जन्म या मृत्यु पंजीकृत नहीं किया जाता, तो भविष्य में कई कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जन्म प्रमाण पत्र के अभाव में बच्चे के लिए शैक्षणिक और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाने में समस्या आ सकती है। इसी तरह, मृत्यु प्रमाण पत्र न होने की स्थिति में संपत्ति के उत्तराधिकार, बीमा दावों और पेंशन जैसी सुविधाओं का लाभ लेने में कठिनाई होती है।
डिजिटल प्रणाली से हुआ पंजीकरण आसान
राज्य सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया को डिजिटल प्रणाली से भी जोड़ दिया है, जिससे लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रणाली नागरिकों के लिए काफी सुविधाजनक सिद्ध हो रही है, क्योंकि अब उन्हें पंजीकरण के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
समय पर पंजीकरण कराने की अपील
जन्म और मृत्यु पंजीकरण से जुड़े अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रक्रिया को गंभीरता से लें और समय पर पंजीकरण कराएं। इससे न केवल व्यक्तिगत दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, बल्कि सरकार को भी जनसंख्या आंकड़ों को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। यह आंकड़े स्वास्थ्य योजनाओं, सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाओं और जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों के लिए आवश्यक होते हैं।
समय पर पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। नागरिकों को चाहिए कि वे अपने परिवार और समाज में इस प्रक्रिया के महत्व को समझाएं और दूसरों को भी पंजीकरण के लिए प्रेरित करें।