
निषाद राज कश्यप जयंती पर सपा का शक्ति प्रदर्शन, भाजपा छोड़कर सरिता शर्मा हुईं शामिल
मथुरा-वृंदावन में समाजवादी पार्टी ने निषाद राज कश्यप की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। भाजपा छोड़कर आईं सरिता शर्मा ने सपा की टोपी पहन पार्टी में की एंट्री। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
निषाद राज कश्यप जयंती पर सपा का सियासी शक्ति प्रदर्शन, भाजपा छोड़कर सरिता शर्मा ने थामा सपा का दामन
मथुरा-वृंदावन। समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा निषाद राज कश्यप की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी ने एकजुटता और सियासी शक्ति का खुला प्रदर्शन किया। इस मौके पर न सिर्फ निषाद समुदाय को एकजुट करने की कोशिश की गई, बल्कि पार्टी में नए चेहरों की एंट्री से सियासी समीकरणों में बदलाव की पटकथा भी लिखी गई।
इस कार्यक्रम में सपा के ज़िला अध्यक्ष वीरेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता प्रदीप चौधरी, पवन चौधरी और पहलाद यादव मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक समरसता और निषाद समाज की भूमिका को राजनीतिक मंच पर प्रमुखता से रखना था।
पूर्व पार्षद प्रत्याशी सरिता शर्मा ने भाजपा छोड़ी, सपा में हुईं शामिल
इस आयोजन की सबसे बड़ी राजनीतिक हलचल रही, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व पार्षद प्रत्याशी सरिता शर्मा का सपा में शामिल होना। पत्रकार राहुल कुरैशी के साथ उन्होंने सपा की सदस्यता ली। पार्टी की प्रदेश सचिव रेनू और ज़िला अध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने उन्हें पार्टी की प्रतीक लाल टोपी पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर प्रदीप चौधरी ने कहा, “सरिता शर्मा के आने से पार्टी को महिलाओं में मजबूती मिलेगी। मथुरा-वृंदावन में ब्राह्मण समाज का गढ़ माना जाता है, और सरिता जी जैसे प्रभावशाली चेहरे से यह स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों में यहां एक नया इतिहास रच सकती है।”
राजनीति में निषाद समाज की भूमिका को किया गया उजागर
कार्यक्रम के दौरान निषाद समाज के ऐतिहासिक योगदान को याद किया गया और यह बताया गया कि कैसे निषाद राज कश्यप ने सामाजिक समरसता और न्याय की स्थापना की। वक्ताओं ने बताया कि निषाद समाज ने सदैव राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिहाज से यह समाज अब तक उपेक्षित रहा है।
वीरेंद्र यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी हमेशा से ही पिछड़े, दलित और वंचित समाज की आवाज़ रही है। निषाद समाज की प्रतिष्ठा और पहचान को मजबूती देने के लिए पार्टी लगातार प्रयास कर रही है।”
महिला सशक्तिकरण की ओर कदम
सरिता शर्मा की सपा में एंट्री को केवल पार्टी में शामिल होने भर तक सीमित नहीं माना जा रहा है। इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी बताया गया है। सरिता शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “भाजपा में रहते हुए महिलाओं को केवल मंच की शोभा बनाया गया, लेकिन सपा में महिलाओं को नेतृत्व देने की सोच दिखती है। यही कारण है कि मैंने पार्टी बदली।”
पत्रकार राहुल कुरैशी ने भी सपा की सदस्यता ली
सरिता शर्मा के साथ पत्रकार राहुल कुरैशी ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता केवल निष्पक्ष रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि जब समाज में बदलाव की आवश्यकता होती है, तब पत्रकारों को भी जनपक्ष में खड़ा होना पड़ता है।
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मुख्य बिंदु:
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निषाद राज कश्यप की जयंती पर सपा का आयोजन
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भाजपा छोड़कर पूर्व पार्षद प्रत्याशी सरिता शर्मा सपा में शामिल
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पत्रकार राहुल कुरैशी ने भी थामा समाजवादी पार्टी का दामन
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प्रदीप चौधरी ने 2027 में ब्राह्मण बहुल क्षेत्रों में सपा की जीत का दावा किया
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महिला सशक्तिकरण और निषाद समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने पर ज़ोर
2027 की तैयारी का बिगुल
कार्यक्रम के समापन पर प्रदीप चौधरी और अन्य नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह आयोजन केवल निषाद राज कश्यप की जयंती का सम्मान भर नहीं था, बल्कि 2027 के चुनावों के लिए पार्टी के ज़मीनी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
पार्टी की प्रदेश सचिव रेनू ने कहा, “समाजवादी पार्टी विचारधारा की पार्टी है, जो सबको साथ लेकर चलती है। आने वाले चुनावों में हम हर समाज के साथ न्याय करेंगे।”