
नगर पालिका पंडरिया ने जेम पोर्टल से न्यूनतम दर पर खरीदी सामग्री, भण्डार क्रय नियमों का पूर्ण पालन
नगर पालिका पंडरिया ने 14वें व 15वें वित्त आयोग के तहत वाहन और उपस्कर की खरीदी जेम पोर्टल के नियमों के तहत न्यूनतम दर पर की। सीएमओ अभिषेक ठाकुर ने दी विस्तृत जानकारी।
नगर पालिका पंडरिया ने जेम पोर्टल से की न्यूनतम दर पर सामग्री खरीदी, शासकीय नियमों का किया गया पूर्णतः पालन
कवर्धा, 29 अप्रैल 2025।नगर पालिका पंडरिया द्वारा 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत वाहन और उपस्कर की खरीदी जेम पोर्टल (GeM Portal) के माध्यम से की गई है। यह प्रक्रिया केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित भण्डार क्रय नियमों और जेम के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न की गई।
सीएमओ अभिषेक ठाकुर ने बताया कि शासकीय निकाय होने के कारण सीधे बाजार से मनमानी दर पर सामग्री खरीदी की अनुमति नहीं है। सभी सामग्री की खरीदी जेम पोर्टल में उपलब्ध न्यूनतम दर के आधार पर की जाती है। यह प्रक्रिया ऑन-लाइन तरीके से होती है और हर चरण में तकनीकी व वित्तीय निविदाओं की बारीकी से जांच की जाती है।
पीआईसी बैठक में प्रस्तावित हुआ निर्णय
28 अक्टूबर 2024 को पंडरिया नगर पालिका में आयोजित पी.आई.सी. (परियोजना कार्यान्वयन समिति) की बैठक में संकल्प क्र. 02 के अंतर्गत वाहन और उपस्कर की खरीदी को जेम पोर्टल के माध्यम से किए जाने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया था। इसी निर्णय के आलोक में शासन की स्वीकृति प्राप्त कर आवश्यक सामग्री खरीदी की गई।
अनुमानित लागत और शासन की स्वीकृति
सीएमओ ठाकुर ने बताया कि खरीदी से पूर्व जेम पोर्टल पर विभिन्न वस्तुओं की दरों का अध्ययन कर अनुमानित लागत तैयार की जाती है, और इसी आधार पर शासन एवं अन्य अनुदानदाताओं से राशि स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है। स्वीकृति मिलने पर ही सामग्री खरीदी की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाती है।
वर्दी खरीदी में पारदर्शिता
वर्दी खरीदी की प्रक्रिया के संबंध में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यवाही भी शासन द्वारा निर्धारित दरों के आधार पर की गई है। इसमें जूता, मोजा, टोपी, हैंड ग्लव्स, रेनकोट, टी-शर्ट, साड़ी, पेटीकोट, लोवर आदि सामग्री शामिल हैं।
सीएमओ ने यह भी दोहराया कि किसी भी सामग्री की खरीदी बिना शासन की अनुमति और निर्धारित नियमों के उल्लंघन के नहीं की जाती। समस्त कार्यवाही छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम 2020 एवं भारत सरकार के GeM नियमों के तहत की जाती है।