
सरगुजा: मौसमी बीमारियों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही हो सकती ही जानलेवा, रखे सावधानी
सरगुजा में मौसमी बीमारियों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही हो सकती ही जानलेवा, रखे सावधानी
बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से तथा 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित है।
सरगुजा// मौसमी बीमारियों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है। बरसात के मौसम में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा न ही किसी प्रकार की स्वास्थ्य शिविर और नही स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजनों से जिले के किसी भी क्षेत्र में बुखार मलेरिया या उल्टीदस्त के संक्रमण की शिकायत होने पर तत्काल मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क किया जा सके की कोई व्यवस्था उपलब्ध नही कराया जा रहा है।
मौसमी बीमारियों में देखने को मिल रही है। घरों के आस.पास स्वच्छता नही रखने और व्यक्तिगत साफ.सफाई पर ध्यान नही देने व खाने.पीने की वस्तुओं और पानी को ढककर नही रखने, बासी भोजन सड़े गले फलों का सेवन करने ताजे फलों और भोजन का सेवन नही करने व फल और सब्जियों को खाने और पकाने से पहले अच्छी तरह से नही धोने व पीने के लिए हैण्डपंप का पानी का उपयोग करने तथा पानी को उबालकर व छानकर नही पीने से । उल्टी दस्त मलेरिया से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरते, प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से तथा 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित है। आदिवासी क्षेत्रों में पिछले 10 दिनों में डायरिया से 10 से अधिक मौतें हुई तथा 12 मौतें मलेरिया से हुई है। बिलासपुर के टेगन माड़ा उपस्वास्थ्य केंद्रों में दो सगे भाईयो की मौत हो गयी, बीजापुर के पोटाकेबिन में दो स्कूली बच्चियों की मौत मलेरिया से हो गयी है। कांकेर जिले में भी एक स्कूली छात्रा की मौत मलेरिया से हो गयी है।
डायरिया और मलेरिया से बचने के लिए, भोजन करने से पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, घर के आस-पास स्वच्छता रखने और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान, खाने-पीने की वस्तुओं और पानी को हमेशा ढककर रखने, बासी और सड़े गले फलों को न खाने, ताजे फलों और सब्जियों को हमेशा खाने और पकाने से पहले धो, पानी को उबालकर और छानकर पीना चाहिए। दस्त या बुखार होने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, डिपोहोल्डर या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तुरंत प्राथमिक उपचार ले! पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरिन की गोली को ही पीने के लिए उपयोग में लाने; कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डालने; और मल विसर्जन को घर से 25 फुट और पीने के पानी के स्रोत से 25 फुट अधिक दूरी पर होना , दस्त या बुखार होने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, डिपोहोल्डर अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तत्काल प्राथमिक उपचार ले, दस्त होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर करने ओ.आर.एस. का घोल सेवन करने, नीबू की सिकंजी, चावल का मांड हल्की चाय दाल का पानी का सेवन, मच्छरों में बचाव हेतु,सार्वजनिक कार्यक्रमों में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना, मच्छरदानी का उपयोग करना, सोने से पहले शरीर पर मच्छरनाशक क्रीम या नीम तेल लगाना, घर या घर के आस-पास कूलर, टायर, टूटे बर्तन या अन्य कोई भी वस्तु में पानी जमने से बचना, ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण कराने तथा घर के अन्य सदस्यों को भी उल्टी-दस्त की दवाईयों खिलाने की आवश्यकता है। !