
छत्तीसगढ़ बजट 2025: दिशाहीन, छलावा और निराशाजनक – कांग्रेस
छत्तीसगढ़ बजट 2025: निराशाजनक, दिशाहीन और जुमलेबाजी से भरा – कांग्रेस
रायपुर, 3 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट 2025-26 को आम जनता की उम्मीदों के विपरीत निराशाजनक, दिशाहीन और लोकलुभावन घोषणाओं का पुलिंदा करार दिया है। कांग्रेस नेताओं ने बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, कृषि और गरीबों की उपेक्षा करता है, जबकि केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और भाजपा के प्रचार-प्रसार पर केंद्रित है।
बजट से युवाओं, किसानों और महिलाओं को निराशा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि इस बजट में न तो युवाओं के रोजगार का कोई ठोस रोडमैप है और न ही महंगाई से निपटने की कोई रणनीति। उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में छत्तीसगढ़ की वास्तविक आवश्यकताओं की अनदेखी कर केवल मोदी सरकार की चरणवंदना की।
“मोदी की गारंटी में 1 लाख नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन इस बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है। महिलाओं को 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की बात की गई थी, लेकिन इस पर कोई प्रावधान नहीं किया गया। स्वामी आत्मानंद स्कूलों, बेरोजगारी भत्ता और किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी कुछ नहीं किया गया,” बैज ने कहा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने पिछले बजट में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन एक भी भर्ती नहीं हुई। अब फिर से 20,000 शिक्षकों की भर्ती की बात कही जा रही है, जो केवल चुनावी जुमला लगता है।
शिक्षा, कृषि और बुनियादी ढांचे में भारी कटौती
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट आर्थिक रूप से कुप्रबंधित है और जनता को गुमराह करने वाला है।
“इस बजट में शिक्षा, कृषि और PWD (लोक निर्माण विभाग) को प्राथमिकता नहीं दी गई। कांग्रेस सरकार के समय शिक्षा पर कुल बजट का 19.4% खर्च किया जाता था, जो अब घटकर मात्र 12% रह गया है। कृषि क्षेत्र में भी बजट 17% से घटाकर 10% कर दिया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ की पहचान धान और किसान हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग का बजट कुल बजट का मात्र 5% रह गया है, जिससे नए निर्माण और रखरखाव भी संभव नहीं होगा,” वर्मा ने कहा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले 15 महीनों में 300 से अधिक राइस मिलें, 450 से अधिक स्पंज आयरन और रोलिंग मिलें बंद हो चुकी हैं, जबकि दो सरकारी शुगर मिलें भी ठप हो गई हैं।
उद्योग और रोजगार में वादाखिलाफी
प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार की उद्योग नीति पर भी सवाल उठाए।
“सरकार कह रही है कि वह नए उद्योग लगाएगी, लेकिन सच्चाई यह है कि वह पहले से संचालित उद्योगों को भी बचाने में असफल रही है। उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और सरकार झूठे दावे कर रही है,” सुरेंद्र वर्मा ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा सरकार के दो बजटों में केवल एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई है, जबकि कांग्रेस सरकार के समय पांच वर्षों में आठ नए मेडिकल कॉलेज खोले गए थे।
महिला सुरक्षा और योजनाओं की अनदेखी
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि बजट में महिलाओं की सुरक्षा और रोजगार पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
“पिछले बजट में छह नए महिला थानों की घोषणा की गई थी, लेकिन एक भी नहीं खुला। इस बजट में भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। सरकार ने महतारी वंदन योजना के लिए केवल 5500 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो लाखों पात्र महिलाओं के लिए पर्याप्त नहीं है,” वंदना ने कहा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने इस बजट में इसके लिए एक भी रुपया आवंटित नहीं किया है।
धार्मिक योजनाओं पर भी कांग्रेस ने उठाए सवाल
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा सरकार पर अयोध्या दर्शन योजना को लेकर भी हमला बोला।
“इस बजट में कहा गया कि सरकार एक साल में 22,000 लोगों को अयोध्या दर्शन करवा पाई है। छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या तीन करोड़ से अधिक है, ऐसे में इस गति से सभी को दर्शन करवाने में 1350 साल लगेंगे। यह सनातनियों के साथ धोखा है,” शुक्ला ने कहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भी भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
“2016 के सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ को 18 लाख प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य मिला था। कांग्रेस सरकार के दौरान 11 लाख पीएम आवास बने, लेकिन भाजपा सरकार इसे अपना श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।”
जनता को राहत नहीं, सरकार के प्रचार पर करोड़ों खर्च
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय गंगवानी ने कहा कि सरकार आम जनता को राहत देने के बजाय अपने प्रचार पर 550 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
“इस बजट में जनता की जेब में सीधे पैसा डालने का कोई प्रयास नहीं किया गया। न युवाओं के रोजगार के लिए कोई योजना है, न महंगाई नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। यह बजट छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गति देने के बजाय इसे और संकट में डाल देगा,” गंगवानी ने कहा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले बजट में रायपुर में एम्स की तर्ज पर 700 बेड के अस्पताल, नई राजधानी में संगीत महाविद्यालय, आईटी हब और अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई थी, लेकिन इनमें से एक भी धरातल पर नहीं उतरा।
निष्कर्ष: “गति” नहीं, “दुर्गति” का बजट – कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ के विकास को “गति” देने के बजाय “दुर्गति” की ओर ले जाने वाला है।
“इस बजट में जनता के लिए कुछ नहीं है, केवल झूठे वादे और घोषणाओं की भरमार है। भाजपा सरकार जनता की मूलभूत जरूरतों को भूलकर केवल अपने प्रचार में लगी हुई है,” कांग्रेस नेताओं ने कहा।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस बजट को पूरी तरह दिशाहीन और आम जनता के साथ विश्वासघात बताया है। विपक्षी दल ने राज्य की जनता से अपील की कि वे भाजपा सरकार की नीतियों और जुमलेबाजी से सचेत रहें और आगामी चुनावों में इसका जवाब दें।