
भूमि की देखभाल के साथ पट्टा को भी रखें सुरक्षित – मुख्यमंत्री
विश्व आदिवासी दिवस पर 164 वन वासियों को मिला पट्टा, 6 मेधावी बच्चे सम्मानित
भूमि की देखभाल के साथ पट्टा को भी रखें सुरक्षित – मुख्यमंत्री
प्रभा सिंह यादव /ब्यूरो चीफ/ सरगुजा// विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यलय से वर्चुल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले के 164 वनवासियों को व्यक्तिगत तथा 22 सामुदायिक वन संसाधन हेतु कुल 4 हजार 85 हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए वन अधिकार पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर प्रयास अवासीय विद्यालय एवं कस्तूरबा विद्यालय के 12 वी कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 6 मेधावी छात्रों को 50 -50 हजार रुपये का चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव डी डी सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने लुंड्रा विकासखंड के ग्राम जोरी की सरपंच निरूपा सिंह से संवाद करते हुए उनके पंचायत को मिले सामुदायिक वनाधिकार पत्र की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वनवासियों को उनके भूमि का अधिकार दिए जा रहे है। भूमि की देखभाल के साथ ही पट्टा को भी सुरक्षित रखने ग्रामीणों को सचेत करें। वनाधिकार पत्र का अन्य व्यक्तियों को हस्तांतरण नही होता। इसकी बिक्री नही की जा सकती। किसी के बहकावे में ग्रामीणों को न आने दें।
मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस छत्तीसगढ़ के 31 प्रतिशत जनसंख्या के सम्म्मन और संस्कृति से जुड़ा है। हमारी सरकार आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा और संस्कृति को आगे बढ़ाकर उनकी जीवन स्तर को उचां उठाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून को प्रभावी रूप से लागू कर मजबूत किया है। अब टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में भी सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन भूमि पर खेती कर हे किसानों को आम किसानों की तरह योजना का लाभ मिल रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में छात्रावासों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के लिए सौर उर्जा का प्रयोग किया जा रहा है।
लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच एवं कार्यशैली से आदिवासी समाज का विश्वास बढ़ा है। हमारी सरकार से पहले वन अधिकार पत्र के लिए वनवासियों को बहुत संघर्ष करना पड़ता था। लेकिन अब अधिकांश वनवासियों को वन अधिकार पत्र मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अब लघु वन उपजों को बढ़ाकर 52 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में जो विकास के कार्य हो रहें है उससे समाज खुश हैं। सरगुजा में हाथी-मानव द्धंद्ध की समस्या है। जिसका स्थाई समाधान करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में अंबिकापुर स्थित स्वान कक्ष से कलेक्टर संजीव कुमार झा, सीईओ जिला पंचायत विनय कुमार लंगेह, वनमण्डलाधिकारी पंकज कमल, सहायक कलेक्टर श्वेता सुमन, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जे.आर. नागवंशी सहित अन्य अधिकारी एवं हितग्राही उपस्थित थे।