
दो तहसीलदारों के दो-दो गृह जिला कैसे संभव हो सकता है, देखें पूरी खबर।
रायपुर। दो तहसीलदारों के पदक्रम सूची में बड़ा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। दो तहसीलदारों के दो-दो गृह जिला कैसे संभव हो सकता है। ये बात आप लोगों को अटपटा जरूर लग रहा होगा…जीं…हां…ऐसा ही बिलासपुर जिले में हुआ है।
दरअसल तहसीलदारों के पदक्रम सूची 2022 में जारी हुआ था। इस सूची में दो तहसीलदारों के गृह जिला बिलासपुर दर्शाया गया है। वहीं जब 2023 के पदक्रम सूची जारी हुआ जिसमें दोनों तहसीलदारों का गृह जिला बदल गया। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग महानदी भवन नया रायपुर से जारी दस्तावेजों के अनुसार पदक्रम सूची 2022 के लिस्ट में 109 नंबर पर तहसीलदार प्रांजल मिश्र और 115 नंबर पर तहसीलदार अतुल कुमार दोनों का गृह जिला बिलासपुर दर्शाया गया है। वहीं 2023 के पदक्रम सूची में 98 नंबर पर तहसीलदार प्रांजल मिश्र का गृह जिला-जांजगीर दर्शाया गया है और 104 नंबर पर तहसीलदार अतुल कुमार का गृह जिला -बलौदाबाजार भाटापारा दर्शाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि दो तहसीलदारों का दो अलग-अलग गृह जिला कैसे हो सकता है। यह बड़ा सवाल है…निवार्चन आयोग को भी संज्ञान लेकर ऐसे फर्जीवाड़े पर तत्काल कार्यवाही करना चाहीए
जब इस संबंध में हकिकत जानने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग महानदी भवन नया रायपुर के वेबसाइट को खंगाला गया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। दो तहसीलदारों के गृह जिले को देखा गया तो बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। दोनों तहसीलदारों के गृह जिले 2022 में बिलासपुर था, लेकिन जब 2023 के पदक्रम सूची में दोनों तहसीलदारों के गृह जिला कैसे बदल गया। यह बेहद ही संगीन मामला है। इस पर जांच हुई तो दोनों तहसीलदार पर गाज गिर सकती है।
सवाल यह उठता है कि एक व्यक्ति का दो गृह जिला कैसे हो सकता है। अगर गृह जिला बिलासपुर हैं तो गृह जिले में पदस्थापना कैसे संभव हो सकता है। वहीं दूसरी बात यह है कि 2023 के पदक्रम सूची में एक का बलौदाबाजार और दूसरे का जांजगीर चांपा कैसे हो सकता हैं, जबकि 2022 के पदक्रम सूची में दोनों तहसीलदारों का गृह जिला बिलासपुर दर्शाया गया है। हालांकि यह दोनों तहसीलदारों ने गलती किया है या विभाग की ओर कोई चूक हुई है, लेकिन दस्तावेज चीख-चीख बया कर रही है कि दो तहसीलदारों का दो जगह से कैसे निवास प्रमाण पत्र हो सकता हैं।
यह भी कह सकते हैं तहसीलदार अपने पदों का दुरूपयोग कर निवास-प्रमाण पत्र बना लिया हो…ऐसे में कई तरह के सवाल सुलग रहे हैं। क्या गृह जिला बदल सकता…क्या बिलासपुर में रहते हुए बलौदाबाजार का निवास प्रमाण पत्र बन सकता है..या बिलासपुर में रहते हुए जांजगीर चांपा का निवास प्रमाण पत्र जारी हो सकता है, लेकिन हमारे पास जो दस्तावेज हाथ लगे हैं…इसमें साफ शब्दों दो तहसीलदारों का दो गृह जिला दर्शाया गया है जो कैसे संभव हो सकता हैं…यह बड़ा सवाल है….सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों तहसीलदार पर निवार्चन आयोग को भी संज्ञान लेकर ऐसे फर्जीवाड़े पर तत्काल कार्यवाही करना चाहीए