
केनापारा पर्यटन स्थल का नाम यथावत रखें या मां समलेश्वरी महामाया पर्यटन स्थल करें जिला प्रशासन नए नाम जुड़े जाने का प्रयास न करे नहीं तो होगा उग्र आंदोलन15 ग्रामसरपांचो जनपद सदस्यों ने दी चेतावनी
गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़ बिश्रामपुर- एसईसीएल बिश्रामपुर का पोखरी खदान में स्थित केनापारा पर्यटन स्थल का नाम परिवर्तन कर ग्राम पंचायत जयनगर जोड़ा गया तो जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा। ग्राम केनापारा सहित दर्जन से ऊपर ग्रामों के सरपंचों, जनपद सदस्यों ने स्पष्ट तौर पर जिला प्रशासन को चेताया है।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल बिश्रामपुर के पोखरी खदान नंबर 6 में एसईसीएल के सहयोग से ही निर्मित पर्यटन स्थल जिसका नाम केनापारा के नाम से नामकरण किया गया है। अचानक इसमे जयनगर ग्राम पंचायत का नाम जोड़ने की हवा उठ खड़ी हुई। जिसको लेकर ग्राम पंचायत जयनगर के कुछ जनप्रतिनिधियों ने पूर्व में संकेतिक सड़क जाम कर आंदोलन किया था। इसके जवाब में ग्राम केनापारा सहित एक दर्जन ग्रामों के सैकड़ों महिला-पुरुष ग्रामीण सड़क में उतर कर चक्का जाम कर जयनगर ग्राम पंचायत की इस मांग का विरोध किया था ।इस प्रकार आमने सामने लड़ाई आने के बाद जिला प्रशासन ने अनुविभागीय अधिकारी रवि सिंह को इस समस्या को दूर करने हेतु उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था। एसडीएम रवि सिंह ने गत 9 अगस्त को दोनों पक्षों का 5 -5 सदस्यों को बैठक में उपस्थित होकर अपनी बात रखने की सुझाव दिया था। जिस पर केनापारा के 5 सदस्य पहुंचे जयनगर के 50 से अधिक लोगों को पहुंच जाने से केनापारा के सदस्य वापस लौट आए। इस कारण से नतीजा शून्य बना रहा अब जयनगर के कुछ जनप्रतिनिधियों ने पर्यटन स्थल में जयनगर ग्राम पंचायत का नाम जोड़ने की मांग को लेकर जिला प्रशासन को आगामी 26 अगस्त को राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर आंदोलन करने का अल्टीमेटम दिया है। जयनगर कि इस अल्टीमेटम से बौखलाए लगभग 10-15 ग्रामों की सरपंचों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सड़क जाम करने से ही समस्या का निदान है तो हम लोगों से ज्यादा जयनगर वालों के पास संख्या बल नहीं है। इन ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान पर्यटन स्थल का नाम समलेश्वरी मा महामाया के नाम से कर दिए जाने पर ग्राम पंचायत वासियों की कोई आपत्ति नहीं है। उल्लेखनीय है कि एसईसीएल बिश्रामपुर के मुख्य महाप्रबंधक विद्यानंद झा ने भी विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों के सुझाव पर अमल करते हुए एसडीएम सूरजपुर को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि उक्त पर्यटन स्थल एसईसीएल बिश्रामपुर की पोखरी खदान में स्थित है जिस के विकास में एसईसीएल 2 करोड़ खर्च कर चुकी है और 5 करोड़ स्वीकृति प्रदान कर दी है ।ऐसे में इस पर्यटन स्थल का नाम समलेश्वरी मां महामाया पर्यटन स्थल करने का सुझाव श्रम संगठनों में दिया है। यहां बता दें कि समलेश्वरी महामाया मंदिर पर्यटन स्थल करने की सहमति स्थानीय गुरु सिंह गुरुद्वारा कमेटी, साईं मंदिर, गौरी शंकर मंदिर ,अय्यप्पा मंदिर, संकट मोचन मंदिर क्षेत्र के कई मंदिर कमेटियों ने अपनी सहमति प्रदान की है। इस कारण से जिला प्रशासन 15 ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं मंदिर और एसईसीएल प्रबंधन की इच्छाओं का दमन नही कर सकती। जयनगर का नाम पर्यटन स्थल में जोड़ा गया आंदोलन आगे चलकर और गंभीर रूप ले सकता है।