
Ayodhya Ramlala Live Darshan: अयोध्या में रामलला का दिव्य श्रृंगार, चार समय भोग और भव्य आरती में उमड़े भक्त
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला का अलौकिक श्रृंगार हुआ। विक्रम संवत 2082, मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी (13 नवंबर) को भगवान को चार समय भोग अर्पित किए गए। सुबह से शाम तक भक्तों ने भव्य आरती के दर्शन किए।
अयोध्या धाम में श्रीरामलला का अलौकिक श्रृंगार, चार समय भोग और भव्य आरती से गुंजा मंदिर परिसर
अलौकिक श्रृंगार और भोग आरती का दिव्य आयोजन
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि, विक्रम संवत 2082 (13 नवंबर, गुरुवार) को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या धाम में ब्रह्मांड नायक प्रभु श्री रामलला सरकार का शुभ अलौकिक श्रृंगार हुआ।
हर दिन और मौसम के अनुसार रामलला के वस्त्र बदले जाते हैं — गर्मियों में सूती व हल्के वस्त्र और जाड़े में ऊनी वस्त्र एवं स्वेटर पहनाए जाते हैं।
रामलला को चार समय भोग
रामलला को प्रतिदिन चार बार भोग अर्पित किए जाते हैं —
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बाल भोग (सुबह) – दिन की शुरुआत इसी से होती है।
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राजभोग (दोपहर 12 बजे) – मुख्य भोग आरती के साथ।
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संध्या भोग (शाम 7:30 बजे) – आरती के उपरांत।
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शयन भोग (रात्रि 8:30 बजे) – शयन से पहले भगवान को अर्पित।
ये सभी व्यंजन राम मंदिर की रसोई में भक्तिभाव से तैयार किए जाते हैं।
फूलों की माला दिल्ली से आती है
रामलला के श्रृंगार में विशेष फूलों की माला दिल्ली से मंगाई जाती है।
रोजाना प्रभु का श्रृंगार भक्तों को अलग-अलग रूपों में दर्शन का सौभाग्य देता है।
पूजन और आरती का क्रम
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प्रातः 6:30 बजे: भगवान को जगाया जाता है और पूजन आरंभ होता है।
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दोपहर 12:00 बजे: भोग आरती होती है।
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शाम 7:30 बजे: संध्या आरती का आयोजन।
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रात्रि 8:30 बजे: रामलला का शयन संस्कार।
रामलला के दर्शन रात्रि 7:30 बजे तक ही किए जा सकते हैं।
भक्तिमय वातावरण में रमे श्रद्धालु
अयोध्या धाम में भव्य आरती के दौरान पूरा परिसर जय श्रीराम के उद्घोषों से गूंज उठा।
श्रृंगार और आरती का दृश्य देखने देशभर से भक्त पहुंचे और प्रभु के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस किया।












