छत्तीसगढ़राज्यसरगुजा

ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से ओबीसी महासभा के पाँचवें स्थापना दिवस के अवसर पर संपन्न हुआ संगोष्ठी

ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से ओबीसी महासभा के पाँचवें स्थापना दिवस के अवसर पर संपन्न हुआ संगोष्ठी

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राष्ट्रीय जनगणना के मुद्दे को लेकर 20 जून को ओबीसी महासभा द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ,गृह मंत्री एवं सामाजिक न्याय, अधिकारिता मंत्री एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत सरकार को ज्ञापन सौंपने का निर्णय वर्चुअल मीटिंग में लिया गया

ओबीसी महासभा के वर्चुअल मीटिंग में ओबीसी अधिकार आंदोलन को गति देने हेतु संगठन विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया गया

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ओबीसी महासभा के स्थापना दिवस के अवसर पर वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से दिनांक 15 जून 2023 को संगोष्ठी का आयोजन गया, जिसका संचालन प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के द्वारा किया गया। बैठक की शुरुआत जय जवान, जय किसान, जय ओबीसी ,जय संविधान की जय घोष के साथ हुआ। बैठक की शुरुआत में ही वक्ताओं को संगोष्ठी के बिंदुवार विषय वस्तु पर अपनी वक्तव्य रखने के लिए आमंत्रित किया गया जिसमें प्रदेशमहासचिव ओबीसी जनक राम के द्वारा स्वागत भाषण के साथ पहला एजेंडा ओबीसी महासभा के परिचय एवं उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया । वर्चुअल मीटिंग के दूसरा एजेंडा पर प्रदेश सचिव कृष्णा प्रजापति ने कहा कि माह जून का ज्ञापन राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी का कोड नंबर निर्धारित करते हुए शीघ्र जनगणना किए जाने की मांग महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री ,गृह मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नाम कलेक्टर /एसडीएम/ तहसीलदार के माध्यम से दिनांक 20 जून को छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिला में सौंपा जाएगा। आगामी समय में ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के द्वारा पोस्टकार्ड लेखन या प्रत्येक पदाधिकारी के द्वारा पृथक पृथक आवेदन सरकार को सौंपा जाएगा ।संगठनात्मक सुदृढ़ीकरण हेतु सभी पदाधिकारी को कम से कम प्रति सप्ताह किसी न किसी इकाई का गठन कर संगठन विस्तार की दिशा में कार्य किए जाने पर आम सहमति बनी। तीसरा एजेंडा ओबीसी महासभा के बढ़ते कदम पर प्रदेश उपाध्यक्ष महेश गौरव द्वारा अपना विचार व्यक्त किया गया। चौथा एजेंडा ओबीसी महासभा के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्माण के साथ-साथ एससी एसटी की भांति ओबीसी को भी एट्रोसिटी एक्ट के दायरे में लाने के लिए कोरिया जिला अध्यक्ष राजेश साहू ने अपना विचार व्यक्त किया एवं वातावरण निर्माण हेतु कार्यालय स्थापना, वाल लेखन, अपने घरों में ओबीसी महासभा का झंडा लगाना, अपने निजी वाहनों में पदनाम अंकित किया जाना ,अपने पारिवारिक, सामाजिक ,राजनीति एवं अन्य कार्यों के साथ-साथ ओबीसी महासभा के अधिकार आंदोलन के मुद्दों को जन जन तक पहुंचाना एवं इन मुद्दों को आम चर्चा का विषय बनाना आदि बातों पर जोर डाला गया । बालोद जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा भगवती सोनकर के द्वारा ओबीसी महासभा में लगातार संगठन विस्तार की गतिविधियों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया ।संगोष्ठी के पांचवा विषय वस्तु संविधान के अनुच्छेद 340 पर विस्तृत चर्चा छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष जयसवाल ने किया। संगोष्ठी के छठे एजेंडा ओबीसी आरक्षण के बाधक तत्वों पर बिंदुवार प्रकाश डालते हुए प्रदेश महासचिव एडवोकेट महेंद्र वर्मा ने अपनी बात को रखा ।कोरिया जिला के जिला सचिव महेश साहू के द्वारा ओबीसी की जनगणना आवश्यक क्यों एवं ओबीसी जनगणना को रोकने वाले कारकों पर विस्तार से चर्चा किया गया ।कोरबा जिला महासचिव अशोक दास महंत के द्वारा आरक्षण और प्रतिनिधित्व पर विचार रखा गया ।क्रीमी लेयर की बाध्यता ओबीसी समाज के विकास के लिए नासूर विषय पर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा विस्तार से चर्चा किया गया। विषयों पर चर्चा उपरांत 10 मिनट के लिए ओपन सेशन रखा गया ,जिसमें शामिल पदाधिकारियों ने अपना अपना विचार व्यक्त किया। ओबीसी महासभा के व्हाट्सएप ग्रुपों में ओबीसी महासभा के गतिविधियों एवं सूचनाओं के संवहन के साथ ओबीसी हित संरक्षण एवं संवर्धन के दिशा में शासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों को समाहित किए जाने का सुझाव दिया गया। ओबीसी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों में कुशल नेतृत्व क्षमता विकसित किए जाने पर भी जोर डाला गया ।ओबीसी के लिए आरक्षण उतना ही आवश्यक है ,जितना कि एक भूखे व्यक्ति को भोजन। इस देश में ओबीसी समाज के साथ जितना अन्याय हुआ है शायद किसी अन्य समाजों के साथ नहीं हुआ है। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक भारत देश के अर्थव्यवस्था के *रीढ़ की हड्डी* ओबीसी समाज को सामाजिक न्याय कब मिलेगा ।देश में सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए जातियों को 3 वर्गों में रखा गया है ,जिसमें अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आते हैं।इस देश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की प्रत्येक 10 वर्ष में होने वाली राष्ट्रीय जनगणना में गणना होती है ,जिससे इनके आंकड़े उपलब्ध हो जाते हैं, परंतु आधे से ज्यादा आबादी वाले अन्य पिछडे वर्ग की जनगणना ब्रिटिश शासन काल में 1931 में अंतिम बार हुआ है ।आजाद भारत में आज पर्यंत ओबीसी की जनगणना नहीं हुई है ।इसके लिए गणतंत्र लागू होने के बाद जो भी केंद्र के सत्ता में रहे ,सभी जिम्मेदार हैं। 2021 की जनगणना के परिपेक्ष में बड़ी पार्टियों का क्या सोच है ,इस पर भी चिंतन किया गया ।ओबीसी महासभा लगातार इस मुद्दे को सरकार के समक्ष पूरे देश भर में रखते रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार द्वारा संतोषप्रद पहल नहीं किया जाना बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न खड़ा करता है ।बैठक में प्रदेश महासचिव किरण देवांगन ,रायगढ़ जिला अध्यक्ष नंदलाल चंद्रा, रायपुर संभाग अध्यक्ष हेमंत साहू, बिलासपुर संभाग उपाध्यक्ष चैतुराम साहू,रायपुर जिला महासचिव किशोर सोनी ,बस्तर संभाग से शिवचरण कुंभकार, सरगुजा संभाग महासचिव नागेंद्रगुप्ता,जीपीएम जिलाध्यक्ष अशोककश्यप ,कोरिया जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा राम नारायण साहू ,रायगढ़ जिला कोषाध्यक्ष श्रीमंत राव ,जिला सचिव कोरिया शिव प्रसाद राजवाड़े ,तुलेश्वर यादव, कबीरधाम जिला से सीताराम साहू ,सरगुजा संभाग कार्यकारी अध्यक्ष कर्मचारी मोर्चा उत्तम कुमार साहू, विकास यादव ,विकास साहू,ए के साहू, मधुसूदन साहू, राजकुमार साहू ,जिला महासचिव कोरबा अशोक महंत ,छाल तहसील अध्यक्ष निर्मल साहू, आलोक साहू ,आनंद रजवाड़े, कोरिया जिला महासचिव ईश्वर दयाल राजवाड़े, राजेश कुमार, राजू राजवाड़े, सत्य प्रकाश साहू ,जसपुर जिला अंतर्गत फरसाबहार विकासखंड सचिव स्वतंत्र राय, विद्यांचल यादव, ,रायगढ़ जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा दीपा साहू , बैकुंठपुर ब्लॉक अध्यक्ष युवा मोर्चा प्रकाश नाथ, नारायण साहू शामदेव ,सुखराम साहू ,योगेश साहू, लक्ष्मी साहू ,डॉक्टर संतोष साहू एवं प्रदेश भर के पदाधिकारी की गरिमामय उपस्थिति रही।

Ashish Sinha

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