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संभल में हनुमान जयंती पर निकली भव्य शोभायात्रा, गुलाल और भजनों से गूंज उठा शहर

संभल (उत्तर प्रदेश) में हनुमान जयंती पर भव्य शोभायात्रा निकली, जिसमें श्रद्धालुओं ने गुलाल उड़ाकर "जय श्री राम" के जयकारे लगाए। भजनों पर महिलाओं और बच्चों ने किया नृत्य, हनुमान प्रतिमा की स्थापना और महाआरती का आयोजन।

संभल में हनुमान जयंती की भव्य शोभायात्रा, जय श्री राम के नारों से गूंज उठा शहर

रिपोर्ट: प्रदेश खबर संवाददाता | स्थान: संभल, उत्तर प्रदेश | दिनांक: 12 अप्रैल 2025

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उत्तर प्रदेश के संभल शहर में इस बार हनुमान जयंती का पर्व उत्साह, उल्लास और भक्ति के रंगों से सराबोर नजर आया। शहजादी सराय स्थित प्राचीन शिव मंदिर से शुरू हुई भव्य शोभायात्रा ने पूरे शहर को रामभक्ति के रंग में रंग दिया। श्रद्धालुओं ने “जय श्री राम” और “हनुमान” के जयघोषों के साथ गुलाल उड़ाया और वातावरण को भक्तिमय बना दिया। शोभायात्रा के समापन पर हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना के साथ महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने श्री राम के भजनों पर नृत्य करते हुए भाग लिया।


भक्ति और रंगों का अद्भुत संगम

हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा एक धार्मिक उत्सव से कहीं अधिक एक सामुदायिक उत्सव बन गई थी। हनुमान भक्तों का उत्साह चरम पर था। मंदिर परिसर से जैसे ही शोभायात्रा निकली, श्रद्धालुओं ने फूलों और गुलाल से स्वागत किया। जगह-जगह भक्तों ने पानी और प्रसाद की व्यवस्था कर रखी थी। बैंड-बाजों और ढोल-नगाड़ों की धुन पर भक्ति गीतों ने समूचे वातावरण को राममय बना दिया।


महिलाओं और बच्चों की विशेष भागीदारी

शोभायात्रा की विशेष बात यह रही कि इसमें महिलाओं और बच्चों की भागीदारी अत्यधिक उत्साहजनक रही। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजधज कर आईं और “राम नाम की महिमा” वाले भजनों पर समूह में नृत्य किया। बच्चों ने भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के रूप धारण कर शोभा बढ़ाई। इन झांकियों को देखकर राहगीरों ने हाथ जोड़ श्रद्धा प्रकट की।

स्थानीय निवासी अंजलि देवी ने कहा –

“हनुमान जयंती पर हर साल हम इस शोभायात्रा में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार जिस तरह से बच्चों ने झांकियों में भाग लिया, वह दृश्य अविस्मरणीय था।”


हनुमान जी की प्रतिमा स्थापना और महाआरती

शोभायात्रा का समापन वहीं हुआ जहां से यह प्रारंभ हुई – शहजादी सराय के प्राचीन शिव मंदिर पर। समापन के बाद हनुमान जी की प्रतिमा की विधिवत स्थापना की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धार्मिक अनुष्ठान किए गए। उसके पश्चात महाआरती का आयोजन हुआ जिसमें भक्तों ने दीप प्रज्वलित कर हनुमान जी से आशीर्वाद की कामना की।

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भजनों पर थिरकते कदम

कार्यक्रम के दौरान राम भक्ति से ओतप्रोत भजनों की प्रस्तुति हुई, जिस पर न केवल महिलाएं बल्कि बुजुर्ग और युवा भी थिरकते नजर आए। “संकट मोचन हनुमान अष्टक”, “जय हनुमान ज्ञान गुण सागर”, और “राम नाम की महिमा” जैसे भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।

भजन गायक राजेश शर्मा ने कहा –

“भक्ति संगीत ही वह माध्यम है जो हर उम्र के व्यक्ति को एक सूत्र में बांध देता है। आज जो आनंद यहां दिखा, वह अद्वितीय था।”


प्रशासन ने निभाई अहम भूमिका

इस आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतज़ाम किए थे। पुलिसकर्मियों की तैनाती, ड्रोन कैमरों से निगरानी और यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष प्रबंध किए गए थे।

एसपी संभल पीयूष श्रीवास्तव ने जानकारी दी –

“पूरे आयोजन के दौरान शांति और अनुशासन बना रहा। सभी धर्मों के लोगों ने भी सहयोग कर भाईचारे का संदेश दिया।”


सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल

इस शोभायात्रा ने न केवल धार्मिक चेतना को प्रबल किया बल्कि सामाजिक समरसता का भी उदाहरण प्रस्तुत किया। कई गैर-हिंदू समुदायों ने भी श्रद्धालुओं के लिए पानी और छाया की व्यवस्था कर मानवता का परिचय दिया।

नगर पालिका चेयरमैन शाहिद कुरैशी ने कहा –

“हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। यह आयोजन हमारे शहर के गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है।”


स्थानीय संगठनों का योगदान

शिव मंदिर ट्रस्ट, बजरंग दल, रामायण मंडली, व्यापार मंडल और युवा समितियों ने मिलकर आयोजन को भव्यता प्रदान की। जगह-जगह चाय, शरबत, फल और प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई। शोभायात्रा के मार्ग में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया।


सोशल मीडिया पर छाया आयोजन

इस धार्मिक आयोजन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। “#हनुमान_जयंती_संभल” हैशटैग के साथ कई यूजर्स ने आयोजन की झलकियाँ साझा कीं। प्रदेश खबर यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण भी किया गया जिसे हजारों लोगों ने देखा।

हनुमान जयंती पर आयोजित यह शोभायात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं थी, बल्कि यह श्रद्धा, समर्पण और सामाजिक एकता का सजीव चित्रण थी। रामभक्तों का यह समागम वर्षों तक लोगों के मन में श्रद्धा और प्रेरणा का संचार करता रहेगा।

Ashish Sinha

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