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राज्य की किसान हितैषी योजनाओं से मत्स्य पालकों के चेहरे पर खुशी की लहर

जांजगीर-चांपा : विशेष लेख : ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह‘

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आत्मनिर्भता का साधन बना मत्स्य व्यवसाय,

जिले के 10,306.00 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य पालन –

राज्य की किसान हितैषी योजनाओं से मत्स्य पालकों के चेहरे पर खुशी की लहर-

जांजगीर-चांपा, 15 नवम्बर, 2021मछली पालन विभाग की योजनाओं का सकारात्मक क्रियान्वयन से जिले के मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ मिल रहा है। विगत तीन वर्षो में राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से मछली व्यावसायियों के चेहरे पर उत्साह और खुशी की लहर दिख रही है। सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने से किसानों का आत्मविश्वास बढ़ा है। मछली पालन के क्षेत्र में भी युवा रूचि ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ की परंपरागत धान की खेती से मत्स्य पालन अधिक लाभ दायक  है। योजनाओं के माध्यम से निःशुल्क डबरी खनन, जाल नेट, आईश बॉक्स मिलने से मछली व्यवसायियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

जिले के 10,306.00 हेक्टेयर में हो रहा मत्स्य पालन –

      जांजगीर-चांपा जिले में मछली व्यवसाय से जुड़े साढ़े छः हजार मत्स्य पालक लाभान्वित हो रहे हैं। जिले के 7,397 तालाबों और 86 जलाशयों में मत्स्य पालन किया जा रहा है। यह ब्यावसाय हजारों लोगों की आजीविका का साधन बना हुआ है। जिले में 86 सिंचाई जलाशय 1,659.022 हेक्टेयर तथा ग्रामीण निजी खदान, तालाब अन्य तालाब आदि कुल 10,442.177 हेक्टेयर है। इनमें से कुल 10,306.00 हेक्टेयर क्षेत्र को मत्स्य पालन अंतर्गत लिया जा चुका है।

6,500 मत्स्य पालकों के जीवन यापन का बना सहारा –

       छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल संग्रहण संरचनाओं के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार पहल की जा रही है। जल संग्रहण संरचनाओं से एक तरफ जहां लोगों को रोजगार मिल रहा है वहीं किसानों को अपनी फसल के लिए सिंचाई की सुविधा भी मिल रही है। गांव में कई जरूरतमंदों को मत्स्य व्यवसाय से रोजगार भी मिल रहा है। जांजगीर-चांपा जिले में 6,500 मत्स्य पालक इस व्यवसाय से जुड़कर अपना जीवन यापन कर रहे है। जिले के मत्स्य पालकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप मछली पालक किसानों और मछली व्यावसायियों में खुशहाली का महौल है। वहीं वे आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं।

जिले में 03 हैचरी और 06 शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र –

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       मछली बीज उत्पादन एवं संचयन के लिए जिले में 03 हैचरी एवं 06 शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र स्थापित है। शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्रों से मत्स्य पालकों को रियायती शासकीय दर पर मत्स्य बीज उपलब्ध कराई जाती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले को 1,550 लाख स्पॉन मत्स्य बीज का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसके विरूद्ध 1,556 लाख का उत्पादन किया जा चुका है। स्टैंडर्ड फ्राई (मत्स्य अंगुलिका) का लक्ष्य 300 लाख का प्राप्त हुआ था, जिसके विरुद्ध 80,000 स्टैंडर्ड फ्राई (मत्स्य अंगुलिका ) का उत्पादन कार्य किया जा चुका हैं।  वर्तमान में मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य प्रगति पर है।

मत्स्य व्यवसाय के लिए ब्याज मुक्त ऋण –

     राज्य सरकार ने को-ऑपरेटिव बैंक से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने और किसानों को दी जाने वाली बिजली दरों में छूट हेतु योजना बनाई जा रही है। मत्स्य उत्पादन और मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। मत्स्य पालन  में छत्तीसगढ़ रज्य देश में 6 वें स्थान पर है। पिछले दो वर्षां में प्रदेश में मत्स्य बीज उत्पादन में 13 प्रतिशत और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

विपणन की ब्यवस्था –

     मछली व्यवसाय को प्रोत्साहित करने और सर्वसुविधायुक्त बाजार उपलब्ध कराने के लिए जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में हाइजेनिक फिश मार्केट तैयार किया जा रहा है। यहां करीब 500 मछली व्यवसायियों को उनकी मछली सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी। सुरक्षित वातावरण में मछली खराब नहीं होगी।

मछुआरों के लिए दुर्घटना बीमा –

 मछली पालकों को जीवन सुरक्षा प्रदान करते हुए 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य में वर्ष 2021 में कुल 2,20,353 मछुआरों का दुर्घटना बीमा किया गया है।

स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण –

प्रदेश में सघन मत्स्य पालन और क्लस्टर बेस्ड फार्मिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शासकीय अनुदान पर स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। राज्य में वर्ष 2019-20 में 4,742 तालाब (4,334 हेक्टेयर) का तालाब निर्माण करवाया गया है।

एनजीजीबी –

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी एनजीजीबी योजना के तहत गौठान ग्रामों में स्थित तालाबों में मत्स्य बीज का संचय किया जा रहा है। साथ ही गौठान के साथ जुड़े महिला स्वसहायता समूहों को मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। व्यवसाय के लिए समूहों को तालाब भी आवंटित किये जा रहे है।

नील क्रांति योजना –

इस योजना के तहत फुटकर मछली विक्रेताओं को आटो वाहन और आइस बॉक्स खरीदने पर 80 हजार रुपये तक का अनुदान भी स्वीकृत किया जाता है।

निःशुल्क आइस बॉक्स –

फुटकर मछली विक्रेताओं को मछली सुरक्षित रखने के लिए निःशुल्क आइस बॉक्स दिया जाता है।

जाल नेट –

मछली पालन करने वाले समूहों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हे तालाब या जलाशय से मछली पकड़ने के लिए जाल नेट भी प्रदान किया जाता है।

Ashish Sinha

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